मनोहर जोशी 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे और अविभाजित शिवसेना से राज्य में शीर्ष पद पर आसीन होने वाले पहले नेता थे. वह संसद सदस्य के रूप में भी चुने गए और 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे थे. बाद में वह केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री भी बने थे.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता मनोहर जोशी का दिल का दौरा (Cardiac Arrest) पड़ने के बाद शुक्रवार (23 फरवरी) तड़के निधन हो गया. वह 86 साल के थे. बीमार होने के बाद उन्हें मुंबई के पीडी हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल ने एक बयान में कहा गया था, ‘महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी को 21 फरवरी 2024 को पीडी हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें हृदय संबंधी दिक्कत है और वह गंभीर रूप से बीमार हैं. वह फिलहाल गहन निगरानी में आईसीयू में हैं और उन्हें सर्वोत्तम चिकित्सा देखभाल मिल रही है.’
86 वर्षीय शिवसेना नेता को पिछले साल मई में ब्रेन हैमरेज के बाद इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मनोहर जोशी 1995 से 1999 तक मुख्यमंत्री रहे और अविभाजित शिवसेना से राज्य में शीर्ष पद पर आसीन होने वाले पहले नेता थे. वह संसद सदस्य के रूप में भी चुने गए और 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे, जब वाजपेयी सरकार सत्ता में थी.
इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जो जोशी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान महाराष्ट्र मंत्रालय के सदस्य थे, ने कहा कि राज्य ने राजनीति का एक ‘सभ्य चेहरा’ खो दिया है.
मनोहर जोशी के परिवार ने कहा कि उनका अंतिम संस्कार दादर इलाके के शिवाजी पार्क श्मशान में किया जाएगा.
2 दिसंबर, 1937 को महाराष्ट्र के तटीय कोंकण क्षेत्र में जन्मे जोशी ने मुंबई के प्रतिष्ठित वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट (वीजेटीआई) से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की.
उनका राजनीतिक करिअर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल होने से शुरू हुआ और बाद में वह शिवसेना के सदस्य बन गए. 1980 के दशक में जोशी शिवसेना के भीतर एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे और अपने संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते थे.
वह 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष थे और तब भी थे जब वाजपेयी सरकार सत्ता में थी. उनकी शादी अनघा जोशी से हुई थी, जिनकी 2020 में 75 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई. उनके परिवार में एक बेटा और दो बेटियां हैं.
जोशी ने अपना करिअर एक शिक्षक के रूप में शुरू किया था और 1967 में राजनीति में प्रवेश किया. वह चार दशकों से अधिक समय तक शिवसेना से जुड़े रहे.
वह 1968-70 के दौरान मुंबई में नगर निगम पार्षद और 1970 में मुंबई नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष थे. वह 1976-1977 के दौरान मुंबई के मेयर थे.
इसके बाद वह 1972 में महाराष्ट्र विधान परिषद के लिए चुने गए. विधान परिषद में तीन कार्यकाल पूरा करने के बाद जोशी 1990 में महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए और 1990-91 के दौरान विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे.
1999 के आम चुनावों में जोशी ने मुंबई उत्तर-मध्य लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की और बाद में केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री बने.