लोकतंत्र, संविधान और सच की रक्षा करने में विफल रहा है मीडिया: जस्टिस कुरियन जोसेफ

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस कुरियन जोसेफ ने एक कार्यक्रम में मीडिया को लेकर कहा कि लोकतंत्र पर सबसे बड़ा आघात यह है कि इसके चौथे स्तंभ मीडिया ने देश को हताश किया है. वे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने, सच्चाई का बचाव करने में विफल रहे हैं.

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जस्टिस कुरियन जोसेफ. (स्क्रीनशॉट साभार: लाइव लॉ)

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस कुरियन जोसेफ ने एक कार्यक्रम में मीडिया को लेकर कहा कि लोकतंत्र पर सबसे बड़ा आघात यह है कि इसके चौथे स्तंभ मीडिया ने देश को हताश किया है. वे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने, सच्चाई का बचाव करने में विफल रहे हैं.

जस्टिस कुरियन जोसेफ. (स्क्रीनशॉट साभार: लाइव लॉ)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश कुरियन जोसेफ ने शनिवार को मीडिया पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र, संविधान और सच की रक्षा करने में विफल रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जस्टिस (रिटायर्ड) जोसेफ ने कहा कि किसी को भी बाहर आ रहे तथ्यों का निडर और सच्चा संस्करण नहीं मिलता है और लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा झटका यह है कि चौथे स्तंभ ने देश को हताश किया है.

कैंपेन फॉर ज्युडिशियल एकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स (सीजेएआर) द्वारा आयोजित एक सेमिनार में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘सम्मेलन से पहले, हमने काफी कुछ चीजों पर चर्चा की, लेकिन जिन भी चीजों पर हमने चर्चा की, क्या हम उन्हें किसी मीडिया में पढ़ते हैं, क्या हम डिजिटल मीडिया में कुछ निजी संस्थानों को छोड़कर किसी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में देखते हैं.’

उन्होंने ह्विसिलब्लोअर्स को ‘पांचवां स्तंभ’ बताते हुए उनकी सुरक्षा का भी आह्वान किया.

जस्टिस जोसेफ ने कहा, ‘हमें सामने आने वाले तथ्यों का कोई निडर, सच्चा संस्करण नहीं मिलता. लोकतंत्र पर सबसे बड़ा आघात यह है कि चौथे स्तंभ ने देश को हताश किया है. पहले तीन स्तंभों के बारे में भूल जाइए. चौथा स्तंभ मीडिया है और वे लोकतंत्र की रक्षा करने में विफल रहे हैं. वे संविधान की रक्षा करने में विफल रहे हैं. वे सच्चाई का बचाव करने में विफल रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि ह्विसिलब्लोअर्स ही एकमात्र उम्मीद हैं.

वे बोले, ‘वे फूंक मारने के भी काबिल नहीं हैं, शायद कोविड के बाद उनके फेफड़ों पर असर पड़ा है. आज देश में जिस तरह से फेफड़ों को कुचल दिया जाता है ताकि कोई आवाज न कर सके, यह देश के लिए बहुत खतरनाक प्रवृत्ति है.’

जस्टिस जोसेफ ने कहा, ‘इसलिए, हमें समर्थन करने की जरूरत है, हमें खड़ा होने की जरूरत है, हमें बोलने की जरूरत है, हमें सतर्क रहने की जरूरत है और हमें कम से कम उन कुछ ह्विसिलब्लोअर्स के साथ रहने की ज़रूरत है जो देश में बचे हैं, और जैसा कि मैं देखता हूं, केवल उनसे ही उम्मीद बाकी है.’