नौकरी छूटने के डर से पेटीएम पेमेंट्स बैंक के कर्मचारी ने आत्महत्या की: इंदौर पुलिस

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का मामला. पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान पेटीएम कर्मचारी गौरव गुप्ता के रूप में हुई, पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे. हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने लगातार गैर-अनुपालन और अन्य चिंताओं के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च के बाद किसी भी ग्राहक से जमा और क्रेडिट स्वीकार करने से रोक दिया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: फेसबुक)

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का मामला. पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान पेटीएम कर्मचारी गौरव गुप्ता के रूप में हुई, पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे. हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने लगातार गैर-अनुपालन और अन्य चिंताओं के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च के बाद किसी भी ग्राहक से जमा और क्रेडिट स्वीकार करने से रोक दिया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर)

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की इंदौर पुलिस ने सोमवार (26 फरवरी) को बताया कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के एक 35 वर्षीय कर्मचारी की नौकरी छूटने के तनाव के कारण आत्महत्या से मौत हो गई है.

पुलिस इंस्पेक्टर तारेश कुमार सोनी ने बताया, ‘प्रारंभिक जांच के अनुसार, पेटीएम कर्मचारी गौरव गुप्ता पिछले कुछ दिनों से तनाव में थे, उन्हें डर था कि कंपनी बंद हो सकती है और उनकी नौकरी जा सकती है. हम मामले की जांच कर रहे हैं.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि गौरव गुप्ता ने रविवार (25 फरवरी) को अपने घर पर कथित तौर पर फांसी लगा ली. सोनी ने बताया कि पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है.

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लगातार गैर-अनुपालन और बैंक में निरंतर सामग्री पर्यवेक्षी चिंताओं के कारण पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च के बाद किसी भी ग्राहक से जमा और क्रेडिट स्वीकार करने से रोक दिया है.

इसी बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जितेंद्र पटवारी ने कहा कि गौरव की मृत्यु हो गई, क्योंकि उन्हें डर था कि अगर पेटीएम बंद हो गया तो उनकी नौकरी चली जाएगी और उन्होंने पेटीएम संकट के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की.

उन्होंने लिखा, पत्नी ने पुलिस से कहा है कि गौरव कुछ दिन से जॉब को लेकर डिप्रेशन में थे! नौकरी जाने का डर था! आशंका है कि इसी कारण उन्होंने सुसाइड किया है! अब परिवार में पत्नी के अलावा 2 बेटियां रह गई हैं!

उन्होंने कहा, ‘ये वही पेटीएम है, जिसने लॉकडाउन में ऑनलाइन पेमेंट को प्रमोट करने के लिए मोदीजी का फोटो चमकाया था! खूब प्रचार किया था! खूब धन भी कमाया था! फिर आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को किसी भी ग्राहक खाते, प्रीपेड साधन, वॉलेट एवं फास्टैग आदि में जमा या टॉप-अप स्वीकार करने से रोक दिया था!’

पटवारी ने आगे कहा, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड के खिलाफ आरबीआई ने यह कदम व्यापक प्रणाली ऑडिट रिपोर्ट और बाहरी ऑडिटरों की अनुपालन सत्यापन रिपोर्ट के बाद उठाया था! इसके बाद से कंपनी के शेयर में भी लगातार गिरावट आ रही है!

उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में सवाल किया कि मामले में शामिल लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘बहरहाल, जांच कैसे हो रही है? कब खत्म होगी? रिपोर्ट सामने कब आएगी? जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होगी? क्या फिर कॉरपोरेट चंदे के नाम पर इस विवाद को भी सुलझा लिया जाएगा? और फिर भाजपा की तिजोरी में खूब सारा धन आ जाएगा?’

उन्होंने कहा कि आपदा में अवसर ढूंढने की ऐसी कोशिशें अब लोगों की जिंदगी से खेलने लग गई हैं! बेहतर होगा (मध्य प्रदेश की) मोहन यादव की सरकार इंदौर की दर्दनाक घटनाक्रम की जांच तत्काल शुरू करे और दोषियों को कठोर दंड दे!

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने अपने ग्राहक खातों में अतिरिक्त क्रेडिट स्वीकार करने के लिए आरबीआई द्वारा निर्धारित 15 मार्च की समयसीमा से पहले सोमवार को पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अध्यक्ष के रूप में पद छोड़ दिया था.