मदद सामग्री लेने पहुंची भीड़ पर इज़रायली सेना ने गोलियां बरसाईं, 100 से अधिक की मौत

गाजा शहर में गुरुवार को सहायता दल से खाना लेने की कोशिश कर रहे फिलिस्तिनियों की बड़ी भीड़ पर गोलियां बरसाने की बात इज़रायली अधिकारियों ने भी स्वीकारी है. वहीं, फिलीस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे नरसंहार ठहराते हुए कहा कि कम से कम 104 लोगों की मौत हुई और लगभग 760 लोग घायल हुए हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर. (फोटो साभार: Magne Hagesæter/Flickr (CC BY-NC-ND 2.0 DEED)

गाजा शहर में गुरुवार को सहायता दल से खाना लेने की कोशिश कर रहे फिलिस्तिनियों की बड़ी भीड़ पर गोलियां बरसाने की बात इज़रायली अधिकारियों ने भी स्वीकारी है. वहीं, फिलीस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे नरसंहार ठहराते हुए कहा कि कम से कम 104 लोगों की मौत हुई और लगभग 760 लोग घायल हुए हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर. (फोटो साभार: Magne Hagesæter/Flickr (CC BY-NC-ND 2.0 DEED)

नई दिल्ली: प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि इजरायली सैनिकों ने गुरुवार को गाजा शहर में सहायता दल से भोजन लेने की कोशिश कर रहे फिलिस्तिनियों की बड़ी भीड़ पर गोलियां बरसाईं.

इंडियन एक्सप्रेस ने एसोसिएटेड प्रेस (एपी) की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार इस गोलीबारी में 100 से अधिक लोग मारे गए, जिससे इज़राइल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से मरने वालों की संख्या 30,000 से अधिक हो गई है.

इज़रायली अधिकारियों ने स्वीकार किया कि सैनिकों ने गोलीबारी की. उन्होंने कहा कि भीड़ के डरावने तरीके से आगे बढ़ने पर उन्होंने ऐसा किया. उन्होंने नाम न छापे जाने की शर्त पर यह जानकारी दी.

इससे पहले सेना ने एक बयान में कहा था कि ‘धक्का-मुक्की, भगदड़ में कुचले जाने और ट्रकों के नीचे आने से’ दर्जनों लोग मारे गए और घायल हुए.

हमास के 7 अक्टूबर के हमले के जवाब में शुरू किए गए इजरायल के हवाई, समुद्री और जमीनी हमले का पहला लक्ष्य गाजा शहर और एन्क्लेव के उत्तर में स्थित आसपास के इलाके थे.

अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि भोजन ले जाने वाले ट्रक इस सप्ताह उत्तरी गाजा पहुंचे, जो एक महीने में क्षेत्र में पहला बड़ा मदद वितरण था.

सहायता समूहों का कहना है कि इजरायली सेना के साथ समन्वय में कठिनाई, जारी तनाव और सार्वजनिक व्यवस्था के भंग होने के कारण अधिकांश हिस्सों में मानवीय सहायता पहुंचाना लगभग असंभव हो गया है.

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि गाजा के 23 लाख फिलिस्तीनियों में से एक चौथाई भुखमरी का सामना कर रहे हैं; लगभग 80 फीसदी अपने घर छोड़कर भाग गए हैं.

एपी के मुताबिक, शिफा अस्पताल में इलाज करा रहे बंदूक की गोली से घायल कामेल अबू नाहेल ने कहा कि वह और अन्य लोग आधी रात में वितरण स्थल पर गए थे क्योंकि उन्होंने सुना था कि वहां खाना बांटा जाएगा. उन्होंने बताया, ‘हम दो महीने से जानवरों का चारा खा रहे हैं.’

उन्होंने कहा कि जब लोगों ने ट्रकों से आटे के डिब्बे और डिब्बाबंद सामान निकाला तो इजरायली सैनिकों ने भीड़ पर गोलियां चला दीं, जिससे वे तितर-बितर हो गए, कुछ कारों के नीचे छिप गए. गोलीबारी रुकने के बाद लोग ट्रकों के पास वापस चले गए और सैनिकों ने फिर से गोलीबारी शुरू कर दी. उन्होंने बताया कि उनके पैर में गोली लगी और वह गिर गए, और तभी एक तेज रफ्तार ट्रर उनके पैर पर से गुजर गया.

हिंसा के प्रत्यक्षदर्शी अला अबू दैया ने कहा कि इजरायली सैनिकों ने गोलीबारी की और एक टैंक से गोला भी दागा.

कमल अदवान अस्पताल में एम्बुलेंस सेवा के प्रमुख फारेस अफाना के अनुसार, गुरुवार को घटनास्थल पर पहुंचे चिकित्सकों ने ‘दर्जनों या सैकड़ों’ लोगों को जमीन पर पड़ा हुआ पाया. उन्होंने बताया कि सभी मृतकों और घायलों को लाने के लिए पर्याप्त एम्बुलेंस नहीं थीं और कुछ को घोड़ा गाड़ियों में अस्पताल लाया जा रहा था.

अल-अवदा अस्पताल के कार्यवाहक निदेशक डॉ. मोहम्मद सलहा ने कहा कि अस्पताल में 161 घायल मरीज आए, जिनमें से अधिकांश को गोली लगी लगती है. उन्होंने कहा कि अस्पताल केवल वही सर्जरी कर सकता है, जो बेहद आवश्यक हों क्योंकि आपातकालीन जनरेटर को बिजली देने के लिए ईंधन खत्म हो रहा है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल-किद्रा ने कहा कि कम से कम 104 लोगों की मौत के अलावा लगभग 760 लोग घायल हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे ‘नरसंहार’ बताया है.

वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक अगल बयान में बताया है कि युद्ध में मरने वाले फिलिस्तिनियों की संख्या 30,035 हो गई है, जबकि 70,457 अन्य घायल हुए हैं. मारे गए लोगों में महिलाएं और बच्चे लगभग दो-तिहाई हैं.

मंत्रालय, जो गाजा में हमास द्वारा संचालित सरकार का हिस्सा है, हताहतों का विस्तृत रिकॉर्ड रखता है. पिछले युद्धों की इसकी गिनती काफी हद तक संयुक्त राष्ट्र, स्वतंत्र विशेषज्ञों और यहां तक कि इज़रायल की अपनी गिनती से मेल खाती है.

फिलीस्तीनी नागरिक मामलों के प्रभारी इजरायली सैन्य निकाय सीओजीएटी ने कहा कि इस सप्ताह लगभग 50 सहायता ट्रक उत्तरी गाजा में दाखिल हुए. यह स्पष्ट नहीं था कि सहायता किसने पहुंचाई.

सऊदी अरब, मिस्र और जॉर्डन ने इस घटना में इज़रायल पर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है. अलग-अलग बयानों में, उन्होंने मानवीय सहायता के लिए सुरक्षित मार्ग बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इज़राइल पर अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने और तत्काल संघर्ष विराम के लिए एक समझौते पर पहुंचने के लिए दबाव बनाने के लिए निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान किया.

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि इज़रायल सबसे दक्षिणी शहर राफा पर हमला करने की प्रतिज्ञा पर अमल करता है, जहां गाजा की आधी से अधिक आबादी ने शरण ले रखी है, तो हताहतों की संख्या में बड़ी वृद्धि हो सकती है.