33 प्रतिशत राज्यसभा सांसदों ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए: रिपोर्ट

एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच द्वारा किए गए एक विश्लेषण के मुताबिक़, भाजपा के 90 राज्यसभा सदस्यों में से 23 प्रतिशत ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, वहीं कांग्रेस के 28 में से 50 फीसदी सांसद इसी तरह के आरोपों का सामना कर रहे हैं.

भारतीय संसद. (फोटो साभार: ट्विटर/@g20org)

एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच द्वारा किए गए एक विश्लेषण के मुताबिक़, भाजपा के 90 राज्यसभा सदस्यों में से 23 प्रतिशत ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, वहीं कांग्रेस के 28 में से 50 फीसदी सांसद इसी तरह के आरोपों का सामना कर रहे हैं.

भारतीय संसद. (फोटो साभार: ट्विटर/@g20org)

नई दिल्ली: चुनाव अधिकार निकाय एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के विश्लेषण किए गए 225 राज्यसभा सदस्यों में से 33 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. यह भी बताया गया है कि इन मौजूदा सांसदों की कुल संपत्ति 19,602 करोड़ रुपये है. साथ ही, उनमें से 31 यानी 14 प्रतिशत अरबपति हैं.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) द्वारा किए गए एक विश्लेषण में दो राज्यसभा सदस्यों ने आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या से संबंधित मामलों की घोषणा की है, जबकि चार सांसदों ने आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास से संबंधित मामलों के बारे में बताया है.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘विश्लेषण किए गए राज्यसभा के 225  मौजूदा सांसदों में से 75 (33 प्रतिशत) राज्यसभा के मौजूदा सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और 40 (18 प्रतिशत) राज्यसभा के मौजूदा सांसदों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.’

विश्लेषण में इन आपराधिक मामलों का विभिन्न राजनीतिक दलों के हिसाब से विवरण भी दिया गया है. भाजपा में इसमें सबसे आगे है, जहां इसके 90 राज्यसभा सदस्यों में से 23 प्रतिशत ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. कांग्रेस के 28 में से 50 प्रतिशत सांसद इसी तरह के आरोपों का सामना कर रहे हैं.

एडीआर के विश्लेषण में कहा गया है कि टीएमसी के 13 राज्यसभा सदस्यों में से पांच (38 प्रतिशत), राजद के छह सदस्यों में से चार (67 प्रतिशत), सीपीआई (एम) के पांच में से चार (80 प्रतिशत), आप के 10 सांसदों में से तीन (30 प्रतिशत), वाईएसआरसीपी के 11 राज्यसभा सदस्यों में से चार (36 प्रतिशत) और डीएमके के 10 सांसदों में से दो (20 प्रतिशत) ने अपने हलफनामे में उनके खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

गंभीर आपराधिक मामलों के संदर्भ में भी विभिन्न दलों की स्थिति समान ही है.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भाजापा के 90 राज्यसभा सांसदों में से दस (11 फीसदी), कांग्रेस के 28 राज्यसभा सांसदों में से 9 (32 फीसदी), टीएमसी के 13 राज्यसभा सांसदों में से 3 (23 फीसदी), राजद के 6 राज्यसभा सांसदों में से 2 (33 प्रतिशत), सीपीआई (एम) के 5 राज्यसभा सांसदों में से 2 (40 प्रतिशत), आप के 10 राज्यसभा सांसदों में से 1 (10 प्रतिशत), वाईएसआरसीपी के 11 राज्यसभा सांसदों में से 3 (27 प्रतिशत) और डीएमके के 10 राज्यसभा सांसदों में से 1 (10 प्रतिशत) ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए.’

रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र से 18 राज्यसभा सदस्यों में से 11 (61 प्रतिशत), बिहार से 16 सांसदों में से 8 (50 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश से 31 सांसदों में से 9 (29 प्रतिशत), तमिलनाडु के 18 राज्यसभा सदस्यों में से 6 (33 प्रतिशत), केरल के 9 सांसदों में से 6 (67 प्रतिशत) और पश्चिम बंगाल के 16 सांसदों में से 7 (44 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

विश्लेषण में 233 राज्यसभा सदस्यों में से 225 को शामिल किया गया है, जिसमें महाराष्ट्र से एक सीट खाली है और जम्मू-कश्मीर से चार सीटें अपरिभाषित हैं. तीन सांसदों के हलफनामे उपलब्ध न होने के कारण उनका विश्लेषण नहीं किया गया.

सांसदों की संपत्ति 

आपराधिक पृष्ठभूमि के अलावा विश्लेषण में राज्यसभा सदस्यों की संपत्ति का भी पता लगाया गया. इसमें यह पाया गया कि प्रति सांसद की औसत संपत्ति 87.12 करोड़ रुपये है.

डेटा का और विश्लेषण करते हुए रिपोर्ट में विभिन्न राजनीतिक दलों की संपत्ति में महत्वपूर्ण असमानताएं सामने आईं.

प्रमुख दलों में भाजपा के 90 राज्यसभा सदस्यों में से 9 (10 प्रतिशत), कांग्रेस के 28 राज्यसभा सदस्यों में से 4 (14 प्रतिशत), वाईएसआरसीपी के 11 राज्यसभा सदस्यों में से 5 (45 प्रतिशत), आप के 10 राज्यसभा सदस्यों में से 2 (20 प्रतिशत), टीआरएस के 4 राज्यसभा सदस्यों में से 3 (75 प्रतिशत) और राजद के 6 सांसदों में से 2 (33 प्रतिशत) ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है.

प्रमुख दलों के विश्लेषण किए गए सांसदों की प्रति सांसद औसत संपत्ति इस प्रकार है:

भाजपा के राज्यसभा सदस्यों के पास औसत संपत्ति  37.34 करोड़ रुपये है, कांग्रेस सांसदों के पास औसत संपत्ति  40.70 करोड़ रुपये है, टीएमसी सांसदों के पास औसत संपत्ति 10.25 करोड़ रुपये है, वाईएसआरसीपी सांसदों के पास औसत संपत्ति 357.68 करोड़ रुपये है, टीआरएस के राज्यसभा सदस्यों के पास औसत संपत्ति 1,383.74 करोड़ रुपये है, डीएमके के राज्यसभा सदस्यों के पास औसत संपत्ति  6.37 करोड़ रुपये है और आप के राज्यसभा सदस्यों के पास औसत संपत्ति 114.81 करोड़ रुपये है.

विश्लेषण के अनुसार, राज्यसभा के वर्तमान सदस्यों की कुल संपत्ति 19,602 करोड़ रुपये है.

पार्टी द्वारा विभाजित होने पर विश्लेषण किए गए सांसदों की कुल संपत्ति इस प्रकार है:

भाजपा सांसदों की कुल संपत्ति  3,360 करोड़ रुपये है, कांग्रेस सांसदों की कुल संपत्ति 1,139 करोड़ रुपये है, वाईएसआरसीपी सांसदों की कुल संपत्ति  3,934 करोड़ रुपये है, बीआरएस सांसदों की कुल संपत्ति है 5,534 करोड़ रुपये है और आप सांसदों के पास कुल 1,148 करोड़ रुपये की संपत्ति है.