द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय स्टेट बैंक को चुनावी बॉन्ड योजना से जुड़े विवरण चुनाव आयोग को सौंपने की समयसीमा निकलने के बाद बैंक के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दायर की गई है. लाइव लॉ के अनुसार, याचिका में बैंक पर जानबूझकर अवज्ञा करने का आरोप लगाते हुए अवमानना कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है. वकील प्रशांत भूषण ने गुरुवार (7 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कथित तौर पर अनुपालन न करने के लिए एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और कॉमन कॉज द्वारा दायर अवमानना याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की. भूषण ने इसे तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष अवमानना याचिका का उल्लेख किया. भूषण ने कहा कि एसबीआई ने जानकारी देने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया है, जिसे सोमवार को सूचीबद्ध किए जाने की संभावना है. उन्होंने अनुरोध किया कि अवमानना याचिका को भी एसबीआई की अर्ज़ी के साथ सूचीबद्ध किया जाए. इस पर सीजेआई ने भूषण को आवेदन संख्या के विवरण के साथ ईमेल पर भेजने के लिए कहा है.
कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, कोलकाता में राज्य भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार और बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की उपस्थिति में पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि वे भाजपा में शामिल होकर खुश हैं और पार्टी के सिपाही के तौर पर काम करेंगे. उन्होंने जोड़ा कि उनका उद्देश्य राज्य से भ्रष्ट टीएमसी शासन को बाहर करना है. गंगोपाध्याय ने मंगलवार को उच्च न्यायालय से इस्तीफा दिया था. गंगोपाध्याय की तारीफ करते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की राजनीति को उनके जैसे व्यक्ति की जरूरत है.
एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2022 और साल 2023 में स्थानीय, राज्य और केंद्रीय स्तर पर सरकारी अधिकारियों द्वारा ग्रामीण और शहरी भारत में लगभग 7.4 लाख लोगों को उनके घरों से जबरदस्ती बेदखल कर दिया गया. एडवोकेसी ग्रुप हाउसिंग एंड लैंड राइट्स नेटवर्क (एचएलआरएन) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, इसी अवधि में सरकारी अधिकारियों ने देशभर में 1.53 लाख से अधिक घरों को ध्वस्त कर दिया. एचएलआरएन द्वारा दर्ज किए गए आंकड़े केवल 23 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में प्राथमिक और माध्यमिक डेटा संग्रह के माध्यम से लिए गए हैं, इसलिए यह अनुमान है कि इस अवधि में भारत भर में बेदखल या विस्थापित व्यक्तियों की असल संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है. एचएलआरएन ने यह भी दर्ज किया है कि ‘जबरन बेदखली के लगभग सभी मामलों में सरकारी अधिकारियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों द्वारा स्थापित उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया, जिसके चलते कई और गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ.
केरल ने भारत का पहला सरकार समर्थित ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म सीस्पेस (CSpace) लॉन्च किया है. लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को कैराली थिएटर इस प्लेटफॉर्म का उद्घाटन किया. बताया गया है कि सीस्पेस को कंटेंट चुनने और ओटीटी क्षेत्र में प्रसारण संबंधित चुनौतियों और बढ़ते असंतुलन को दूर करने के लिए लॉन्च किया गया है. प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक और केरल राज्य फिल्म विकास निगम (केएसएफडीसी) के अध्यक्ष शाजी एन. करुण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इन चुनौतियों से निपटने में मंच की भूमिका पर जोर दिया. इस प्लेटफॉर्म का प्रबंधन केएसएफडीसी द्वारा किया जाना है, जो सरकारी इकाई है, जिसे मलयालम सिनेमा को बढ़ावा देने का काम सौंपा गया है. केरल सरकार के सांस्कृतिक मामलों के विभाग की ओर से संचालित सीस्पेस ने एक क्यूरेटर पैनल की स्थापना की है जिसमें राज्य के प्रतिष्ठित सांस्कृतिक व्यक्तित्वों सहित 60 सदस्य शामिल हैं. वर्तमान में इस पर 42 फिल्में हैं, जिनमें 35 फ़ीचर फ़िल्में, छह डॉक्यूमेंट्री और एक लघु फिल्म शामिल है. यह एंड्रॉयड और आईओएस दोनों पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है. प्लेटफॉर्म के पे-पर-व्यू मॉडल के हिस्से के रूप में यूजर्स को प्रति फिल्म 75 रुपये का भुगतान करना होगा.