हमीरपुर ज़िले का मामला. बीते 29 फरवरी को 14 और 15 साल की दो किशोरियों के शव बरामद हुए थे. उनमें से एक के पिता ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. परिजनों का आरोप है कि आरोपियों के परिवार की ओर से उन्हें सामूहिक बलात्कार का मामला वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा था.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में सामूहिक बलात्कार के बाद दो लड़कियों के मृत पाए जाने के कुछ दिनों बाद एक पीड़िता के पिता ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. पुलिस ने गुरुवार को कहा कि सामूहिक बलात्कार के आरोपियों के परिवार के सदस्यों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नाम न छापने के शर्त पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘ईंट भट्ठा ठेकेदार रामरूप निषाद की पत्नी और बेटी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई है.’
मृतक 14 और 15 साल की लड़कियों में से एक के पिता हैं, जो 29 फरवरी को कानपुर जिले के एक गांव में मृत पाई गई थीं. पुलिस ने कहा कि पीड़ित और आरोपी निकटवर्ती हमीरपुर जिले के एक ही गांव के रहने वाले थे.
हमीरपुर की एसपी दीक्षा शर्मा ने संवाददाताओं को बताया, ‘सिसोलर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 45 वर्षीय व्यक्ति का शव बुधवार को अज्ञात परिस्थितियों में मिला.’
मृतक कानपुर के घाटमपुर पुलिस में दर्ज दो नाबालिगों से सामूहिक बलात्कार और आत्महत्या के मामले में शिकायतकर्ता थे. मृतक के परिजनों का आरोप है कि आरोपियों के परिवार की ओर से उन्हें सामूहिक बलात्कार का मामला वापस लेने के लिए धमकाया जा रहा था.
हालांकि, एसपी शर्मा ने आरोपों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. एसपी ने कहा, ‘परिजनों की शिकायत के आधार पर घटना के संबंध में आगे की कार्रवाई की जाएगी.’
इससे पहले नाबालिग पीड़ितों के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि उनकी मौत से कुछ दिन पहले ईंट भट्ठा के ठेकेदार रामरूप निषाद (48), उनके बेटे राजू (18) और भतीजे संजय (19) ने उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया था. पुलिस ने कहा था कि आरोपियों ने लड़कियों को ब्लैकमेल करने के लिए इस कृत्य का वीडियो भी बनाया था, जिसे जांच के दौरान बरामद किया गया.
28 फरवरी को 50 वर्षीय मृत व्यक्ति की किशोर बेटी और एक दूर के रिश्तेदार किशोरी का शव पड़ोसी कानपुर जिले में, जहां उनके परिवार काम की तलाश में गए थे, एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया था.
बताया गया है कि शव बरामद होने वाले दिन ही तीनों आरोपियों को कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. आरोपियों पर आईपीसी की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, रेप पीड़िता के भाई ने अपनी शिकायत में आरोपी ठेकेदार की 43 वर्षीय पत्नी और 18 वर्षीय बेटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है.
उन्होंने आरोप लगाया कि बलात्कार की घटना के बाद से दोनों महिलाएं भूमिगत हो गईं हैं. अपनी शिकायत में मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि उनके पिता ने बलात्कार के आरोपी के परिवार की धमकियों के बाद यह कदम उठाया.
50 वर्षीय व्यक्ति का शव गुरुवार को उसके परिवार को सौंप दिया गया और बाद में उसका अंतिम संस्कार किया गया.
शिकायतकर्ता ने कहा, ‘5 मार्च को ठेकेदार की पत्नी गांव आई और मेरे पिता पर मामला वापस लेने का दबाव डाला. दोनों ने बात न मानने पर मेरे पिता को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी. उनके लौटने के बाद से मेरे पिता तनाव में थे और उन्होंने मुझसे कहा कि वे या तो उन्हें मार डालेंगे या झूठे मामले में फंसा देंगे.’
उन्होंने कहा कि बुधवार को उनके पिता कहीं चले गए और बाद में उन्होंने उनका शव एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया.
इस मामले में स्थानीय पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
हमीरपुर सीओ श्रेयस त्रिपाठी ने कहा, ‘हमें पीड़ित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई है जिसमें कहा गया है कि मौत फांसी के कारण हुई. इस मामले की जांच चल रही है.’
इसी बीच, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर निशाना साधा.
कानपुर में गैंगरेप से पीड़ित दो नाबालिग बच्चियों ने आत्महत्या कर ली। अब उन बच्चियों के पिता ने भी आत्महत्या कर ली है। आरोप है कि पीड़ित परिवार पर समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा था।
उत्तर प्रदेश में पीड़ित बच्चियां-महिलाएं अगर न्याय मांगती हैं तो उनके परिवारों को बर्बाद कर…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 7, 2024
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘उत्तर प्रदेश में अगर पीड़ित लड़कियां और महिलाएं न्याय मांगती हैं तो उनके परिवारों को खत्म कर देना एक नियम बन गया है. उन्नाव, हाथरस से लेकर कानपुर तक – जहां भी महिलाओं पर अत्याचार हुआ, उनके परिवार नष्ट हो गए. इस जंगल राज में महिला होना अपराध बन गया है, जहां कानून नाम की कोई चीज नहीं बची है.’