आंध्र प्रदेश: टीडीपी की एनडीए में वापसी, लोकसभा-विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा और जन सेना से गठबंधन

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मोदी सरकार के इनकार के बाद तेलुगु देशम पार्टी 2018 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर हो गई थी. फरवरी 2019 में, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि नायडू के लिए एनडीए के दरवाजे स्थायी रूप से बंद हो गए हैं, जिन्हें उन्होंने 'यू-टर्न सीएम' करार दिया था.

चंद्रबाबू नायडू (बाएं) और पवन कल्याण (दाएं) के साथ अमित शाह. (फोटो साभार: X/@JanaSenaParty)

आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मोदी सरकार के इनकार के बाद तेलुगु देशम पार्टी 2018 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बाहर हो गई थी. फरवरी 2019 में, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि नायडू के लिए एनडीए के दरवाजे स्थायी रूप से बंद हो गए हैं, जिन्हें उन्होंने ‘यू-टर्न सीएम’ करार दिया था.

चंद्रबाबू नायडू (बाएं) और पवन कल्याण (दाएं) के साथ अमित शाह. (फोटो साभार: X/@JanaSenaParty)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार (9 मार्च) को आगामी लोकसभा और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों – जो एक साथ होंगे – के लिए तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जन सेना पार्टी (जेएसपी) के साथ गठबंधन की घोषणा की.

एक संयुक्त बयान में, तीनों पार्टियों ने कहा कि साथ आने से ‘आंध्र प्रदेश के लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने में मदद मिलेगी.’

बयान में कहा गया, ‘भाजपा और टीडीपी का बहुत पुराना रिश्ता है. टीडीपी 1996 में एनडीए में शामिल हुई और अटल जी और नरेंद्र मोदी जी की सरकार में सफलतापूर्वक साथ काम किया. 2014 में टीडीपी और भाजपा ने लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था. जेएसपी ने आंध्र प्रदेश में 2014 के आम चुनाव और विधानसभा चुनावों में समर्थन दिया था.’

हालांकि गठबंधन पर मुहर लग चुकी है, लेकिन सीट-बंटवारे की व्यवस्था की औपचारिक घोषणा होना बाकी है. भाजपा ने कहा कि एक-दो दिन में तौर-तरीकों पर विचार किया जाएगा.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, गठबंधन पर मुहर लगने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि आंध्र प्रदेश में हम सभी सीटें जीतेंगे.

उन्होंने कहा, ‘आंध्र प्रदेश बुरी तरह बर्बाद हो गया है. भाजपा और टीडीपी का एक साथ आना देश और राज्य के लिए शुभ संकेत है.’

गठबंधन की यह घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा, नायडू और जन सेना प्रमुख पवन कल्याण के बीच दूसरे दौर की बातचीत के बाद हुई.

बता दें कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मोदी सरकार के इनकार के बाद टीडीपी 2018 में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) से बाहर हो गई थी.

इसके बाद, टीडीपी ने ‘धर्म पोरातम’ या ‘न्याय के लिए लड़ाई’ शुरू की और एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘आतंकवादी’ करार देते हुए नायडू ने उन पर अपनी पत्नी को ‘छोड़ने’ का भी आरोप लगाया.

फरवरी 2019 में, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि नायडू के लिए एनडीए के दरवाजे स्थायी रूप से बंद हो गए हैं, जिन्हें उन्होंने ‘यू-टर्न सीएम‘ करार दिया था.

इसके बाद, हालांकि टीडीपी को 2019 के चुनावों में अभूतपूर्व हार का सामना करना पड़ा, जब उन्हें वर्तमान मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने सत्ता से बाहर कर दिया.

नायडू तब से एनडीए में लौटने के इच्छुक थे, जिन्होंने जून 2023 में पांच साल में पहली बार शाह से मुलाकात की थी.

इसने पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जन सेना के साथ भी गठबंधन किया है, जो एनडीए का हिस्सा है.

कल्याण ने सितंबर में जेल में नायडू से मुलाकात के बाद गठबंधन की घोषणा की थी. नायडू तब कौशल विकास घोटाले के सिलसिले में जेल में बंद थे.

कल्याण ने तब घोषणा की थी कि राज्य में राजनीतिक माहौल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार की कथित प्रतिशोधात्मक राजनीति पर चर्चा के बाद दोनों साथ आए थे.

2019 के चुनाव में, वाईएसआरसीपी ने आंध्र प्रदेश की 25 संसदीय सीटों में से 22 सीटें जीतीं थीं. पार्टी ने 175 विधानसभा सीटों में से 151 सीटें जीती थीं.

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें. 

https://grading.spxps.edu.ph/js/goceng/ https://grading.spxps.edu.ph/js/slot100/ https://smkkesehatanlogos.proschool.id/system/pkv-games/ https://smkkesehatanlogos.proschool.id/system/dominoqq/ https://smkkesehatanlogos.proschool.id/system/bandarqq/