गुजरात चुनाव राउंडअप: मनमोहन ने नोटबंदी-जीएसटी की आलोचना की, मोदी से कहा- वोट लेने के लिए अधिक सम्मानजनक तरीके खोजें. राहुल के मंदिर जाने पर जेटली ने कहा, लोग हिंदुत्व के क्लोन को नकार देंगे.
नई दिल्ली: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रुख जारी रखते हुए महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों पर सवाल पूछा है. साथ ही उन्होंने आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की स्थिति पर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया.
रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 5वां सवाल दागते हुए राहुल ने ट्वीट किया, ‘न सुरक्षा, न शिक्षा, न पोषण बल्कि महिलाओं को मिला तो सिर्फ शोषण, आंगनवाड़ी वर्कर और आशा, सबको दी सिर्फ निराशा.’
22 सालों का हिसाब,#गुजरात_मांगे_जवाब
प्रधानमंत्रीजी- 5वां सवाल:
न सुरक्षा, न शिक्षा, न पोषण,
महिलाओं को मिला तो सिर्फ़ शोषण,
आंगनवाड़ी वर्कर और आशा,
सबको दी बस निराशा।गुजरात की बहनों से किया सिर्फ़ वादा,
पूरा करने का कभी नहीं था इरादा। pic.twitter.com/yXvCRbxsXW— Office of RG (@OfficeOfRG) December 3, 2017
साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट के अंत में लिखा है कि गुजरात की बहनों से किया सिर्फ वादा, पूरा करने का कभी नहीं किया था इरादा. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस ट्वीट के साथ एक इंफोग्राफिक भी जोड़ा है. राहुल गांधी ने 28 नवंबर से अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पांच सवाल किए हैं.
राहुल गांधी ने इससे पहले शिक्षा, महंगी बिजली, घर देने के वादे और वित्तीय कुप्रबंधन को लेकर भाजपा सरकार से सवाल पूछे थे.
सीईसी ने विभिन्न दलों और अधिकारियों के साथ की बैठक
अहमदाबाद: मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोती और आयोग के करीब दस वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्य राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की ताकि गुजरात विधानसभा चुनाव के तहत नौ दिसंबर को होने जा रहे मतदान के पहले चरण से पहले इन दलों की चिंताओं को समझा जा सके.
जोती की अगुवाई में चुनाव आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न सरकारी अधिकारियों, जिला कलेक्टरों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ भी बैठक की. गुजरात के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीबी स्वैन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह बैठक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तैयारियों की समीक्षा करने के संबंध में थी.
उन्होंने बताया कि बैठक में भाजपा, कांग्रेस, बसपा और राकांपा के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
मनमोहन ने नोटबंदी-जीएसटी की आलोचना की, मोदी से कहा- वोट लेने के लिए अधिक सम्मानजनक तरीके खोजें
सूरत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी यह समझाने में नाकाम रहे कि नोटबंदी और जीएसटी के फैसले उनके अपने ही राज्य के लोगों को क्या दर्द दे रहे हैं.
उन्होंने नोटबंदी को जहां अधूरी तैयारी से किया गया फैसला बताया वहीं जीएसटी को खराब तरीके से तैयार और जल्दबाजी में लागू किया गया कदम बताया. उन्होंने सत्तारूढ़ दल की निम्न-स्तरीय लफ्फाजी पर भी अफसोस जताया.
सिंह ने कहा, ‘मैं चाहूंगा कि प्रधानमंत्री लोगों से वोट हासिल करने और उन्हें प्रभावित करने के लिए अधिक सम्मानजनक तरीके खोजें…’
उन्होंने यहां स्थानीय कारोबारी समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप एक झटके नोटबंदी से उबर ही रहे थे कि जीएसटी आ गया. किसी ने भी आपसे संपर्क नहीं किया और न ही यह समझाने का प्रयास किया कि आपका धंधा किस प्रकार चलता है.’
सिंह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री गुजरात से हैं और वह दावा करते हैं कि वह गुजरात तथा गरीबों को किसी अन्य से ज्यादा समझते हैं. यह कैसे हो सकता है कि उन्होंने कभी भी यह नहीं समझा कि उनके फैसलों से आपको क्या दर्द होगा.’
उन्होंने कहा, ‘आपका कारोबार विश्वास और संबंधों पर चलता है. एक दूसरे पर भरोसे के बिना, सूरत धराशायी हो जाएगा. आपने यह भरोसा प्रधानमंत्री और अच्छे दिन के उनके वादे पर जताया. उन सपनों में बंधी उम्मीदें अब टूट गई हैं.’
सिंह ने कहा कि सिर्फ सूरत में ही, 89 हजार पावरलूम कबाड़ के रूप में बिक गए और इससे 31 हजार नौकरियों का नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि देश भर से ऐसे कई उदाहरण हैं.
उन्होंने दावा किया कि इस स्थिति से चीन को फायदा हुआ.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 में चीन से भारत का आयात 1.96 लाख करोड़ रुपये का था. वित्त वर्ष 2017-18 में इसी अवधि के दौरान चीन से आयात बढ़कर 2.41 लाख करोड़ रुपये का हो गया. आयात में इस अभूतपूर्व वृद्धि का कारण मुख्य रूप से नोटबंदी और जीएसटी को ठहराया जा सकता है.
सिंह ने कहा कि इन दोहरे झटकों ने देश के एमएसएमई क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया और इससे भारत की नौकरियों की कीमत पर चीन से आयात में वृद्धि हुई.
नोटबंदी को काले धन के खिलाफ अधूरी तैयारी से उठाया गया कदम बताते हुए सिंह ने कहा कि उन्होंने (मोदी ने) हर किसी को चोर के रूप में पेश कर दिया जबकि असली अपराधी भागने में सफल रहे.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी कालेधन और कर-चोरी की समस्याओं का हल नहीं है और नोटबंदी का नुकसान इससे हुए फायदे से ज्यादा रहा.
सिंह ने कहा कि समाज के विभिन्न तबकों के युवाओं के हालिया आंदोलन विभिन्न भाजपा सरकारों के प्रदर्शन से उभरे असंतोष के संकेत थे.
उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार हर गुजराती की आवाज सुनेगी.
बाद में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सिंह ने मोदी के इस आरोप का जोरदार खंडन किया कि कांग्रेस और कांग्रेस नीत सरकारें गुजरातियों से घृणा करती हैं.
उन्होंने कहा कि सत्य से कुछ भी दूर नहीं हो सकता. चुनावी समय में कई बातें कही जाती हैं. लेकिन जब व्यापक रूप से तोड़-मरोड़ हो तो उसका खंडन करने की आवश्यकता होती है.
शीला दीक्षित ने मेट्रो रेल में देरी को लेकर गुजरात सरकार पर साधा निशाना
अहमदाबाद: दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच मेट्रो रेल के पूरा होने में देरी को लेकर गुजरात में भाजपा सरकार की आलोचना की और कहा कि यहां लोगों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए हैं.
शीला ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में गुजरात में विकास की गति मंथर रही है लेकिन भाजपा मुद्दे को लेकर विपक्षी दल द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देने से बच रही है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि जब मैंने 10-12 वर्ष पहले गुजरात का दौरा किया था तब मेट्रो रेल परियोजना पूरी होने के नजदीक प्रतीत हुई. यद्यपि परियोजना अभी भी पूरी नहीं हुई है. आज दिल्ली में 299 किलोमीटर लंबी मेट्रो रेल चल रही है.
गांधीनगर और अहमदाबाद के बीच 10,700 करोड़ रुपये की लागत वाले मेट्रोलिंक एक्सप्रेस का पहला चरण 2019 में पूरा होने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा, चुनाव से पहले किए वादों को पूरा करना सरकार का कर्तव्य है और हमने यह देखा है कि भाजपा लोगों से किये गए वादे पूरे नहीं करती.
राहुल के मंदिर जाने पर जेटली ने कहा: लोग हिंदुत्व के क्लोन को नकार देंगे
सूरत: भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के बीच कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की मंदिर यात्राओं को खारिज करते हुए कहा कि जब असली हिंदुत्व पार्टी उपलब्ध है तो लोग इसके क्लोन को नकार देंगे.
केंद्रीय वित्त मंत्री ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर भी हमला बोला. पूर्व प्रधानमंत्री सिंह भी शनिवार को सूरत में ही थे.
राहुल गांधी के मंदिर दौरों के बारे में पूछे गए सवालों पर जेटली ने कहा कि हम हिंदूवाद से जुडे़ हैं, अगर लोग हमारी नकल करते हैं तो हम क्या कर सकते हैं. लेकिन आधारभूत सिद्धांत यह है कि अगर असली उपलब्ध है तो लोग क्लोन के लिए क्यों जाएंगे.
उन्होंने आरोप लगाया कि सिंह के नेतृत्व वाली सरकार… जिसने दस साल शासन किया… सर्वाधिक भ्रष्ट सरकार थी.
भाजपा नेता ने कहा कि वह नेताहीन सरकार थी. कहा जाता था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री कार्यालय में तो थे लेकिन सत्ता में नहीं. तब आदेश नीतिगत पंगुता का था.
उन्होंने कहा कि वर्ष 1980 में, गुजरात ने देखा कि सामाजिक ध्रुवीकरण की राजनीति होने पर राज्य का एजेंडा बदल गया. लेकिन जब भाजपा सरकार सत्ता में आई तब राज्य ने सामाजिक ध्रुवीकरण की राजनीति छोड़ दी.
जेटली ने कहा कि 1980 के दशक में गुजरात ने बड़ी राजनीतिक कीमत चुकाई. कांग्रेस आज वही पुरानी राजनीति वापस लाने के प्रयास में है. इस सामाजिक ध्रुवीकरण का नतीजा जाति के आधार पर विभाजन के रूप में मिलता है. यह विकास से नीति का विचलन होगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)