कामना क्रेडिट्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, इनोसेंट मर्चेंडाइज़ प्राइवेट लिमिटेड और रेणुका इन्वेस्टमेंट फाइनेंस लिमिटेड को वित्त मंत्रालय ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत नियमों का उल्लंघन करने के लिए ‘उच्च जोखिम वाली ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं’ की वार्षिक सूची में शामिल किया गया था. इन तीनों कंपनियों ने करोड़ों रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं.
नई दिल्ली: चुनावी बॉन्ड के प्रकाशित डेटा के अनुसार, राजनीतिक दलों को फंड देने के लिए चुनावी बॉन्ड खरीदने वाली कम से कम तीन कंपनियां- कामना क्रेडिट्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड, इनोसेंट मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड और रेणुका इन्वेस्टमेंट फाइनेंस लिमिटेड- ऐसी हैं, जिन्हें वित्त मंत्रालय की मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (पीएमएलए) के तहत नियमों का उल्लंघन करने के लिए ‘उच्च जोखिम वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं (एनबीएफसी)’ की वार्षिक सूची में शामिल किया गया था.
वित्त मंत्रालय की वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू), जो बाहर के देशों में प्रवर्तन एजेंसियों और उसके समकक्षों को संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से संबंधित जानकारी देती हैं, ने 2018 में पहली बार कथित मनी लॉन्ड्रिंग पर प्रवर्तन एजेंसियों को सचेत करने के लिए 9,491 ‘उच्च जोखिम वाले वित्तीय संस्थानों’ की एक सूची प्रकाशित की थी.
तब एफआईयू के सूत्रों का हवाला देते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया था, ‘इन संस्थानों की गतिविधियां- नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद – एफआईयू की जांच के दायरे में थीं और इसने विभिन्न सूचना स्रोतों से उनके डेटा का विश्लेषण करने के बाद उनके नाम प्रकाशित किए थे.’
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अखबार को बताया था, ‘अखबारों में इस जानकारी का प्रकाशन मुख्य रूप से एफआईयू द्वारा जनता को जागरूक करने के लिए था कि ये एनबीएफसी कानून का अनुपालन नहीं करते हैं और उन्हें उनके साथ लेनदेन में शामिल होने से बचना चाहिए.’
कामना क्रेडिट्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड
एफआईयू की 2018 सूची में कामना क्रेडिट्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड (एफआईयू सूची में नंबर 3784) को ‘पीएमएलए और पीएमएल नियमों का अनुपालन न करने, यानी प्रमुख अधिकारियों का पंजीकरण न करने’ के लिए सूचीबद्ध किया गया था.
कोलकाता की इस कंपनी ने 4 जनवरी, 2022 को 5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे. इसके चार दिन बाद चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में विधानसभा चुनावों की घोषणा हुई थी.
इनोसेंट मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड
पीएमएलए नियमों का उल्लंघन करने के लिए 2018 में मंत्रालय की निगरानी इकाई द्वारा नामजद एक और ‘उच्च जोखिम वाली’ कंपनी इनोसेंट मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड थी. कोलकाता स्थित कंपनी ने 12 अप्रैल, 2019 को 25 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे.
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अभी तक बॉन्ड के विशिष्ट नंबर (unique codes) का खुलासा नहीं किया है, जिससे पता चलेगा कि उसने किस राजनीतिक दल को फंडिंग दी थी. यह बॉन्ड 2019 के आम चुनाव के पहले चरण के मतदान के एक दिन बाद खरीदे गए थे.
रेणुका इन्वेस्टमेंट फाइनेंस लिमिटेड
एक अन्य कंपनी जो 2018, 2019 और 2022 में मंत्रालय की वार्षिक ‘उच्च-जोखिम’ सूची में शामिल है और जिसने चुनावी बॉन्ड खरीदे थे, वह है रेणुका इन्वेस्टमेंट फाइनेंस लिमिटेड.
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में पंजीकृत कंपनी ने 12 अप्रैल, 2019 को 5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भी खरीदे. यह स्पष्ट नहीं है कि यह राशि किसी राजनीतिक दल द्वारा भुनाई गई है या नहीं.
दिलचस्प बात यह है कि 2018 में एफआईयू ने मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए कोलकाता स्थित कंपनी एबीसी फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड को उच्च जोखिम वाले एनबीएफसी में से एक के रूप में नामित किया था. एसबीआई द्वारा सामने आए चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों में मिलते-जुलते नाम वाली एक कंपनी- एबीसी इंडिया लिमिटेड- ने भी चुनावी बॉन्ड खरीदे. डेटा के मुताबिक, उक्त कंपनी ने 12 अप्रैल,2019 को इसने 40 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे.
एबीसी इंडिया लिमिटेड भी कोलकाता में पंजीकृत है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के दस्तावेज़ बताते हैं कि एबीसी फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड और एबीसी इंडिया लिमिटेड का कोलकाता में पंजीकृत डाक पता और सामान्य निदेशक एक ही है.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)