नई दिल्ली: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा संसद पेश की गई 2017 की एक रिपोर्ट में लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन के स्वामित्व वाले फ्यूचर गेमिंग और होटल सेवाओं सहित मार्केटिंग एजेंटों को लेकर गंभीर अनियमितताएं सामने आई थीं.
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, चुनाव आयोग द्वारा जारी हालिया आंकड़ों से यह पता चलता है कि फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज कंपनी चुनावी बॉन्ड की सबसे बड़ी खरीदार है. इस कंपनी ने राजनीतिक दलों को कुल 1,368 करोड़ रुपये का चंदा दिया है.
इस कंपनी के मालिक मार्टिन का नाम उन लोगों में शामिल है, जिनके खिलाफ लॉटरी में भ्रष्टाचार और उल्लंघन की शिकायतों के बाद 2015 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा ऑडिट का निर्णय लिया गया था.
अखबार ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि ऑडिट अवधि 2010-2016 के दौरान कंपनी के मार्केटिंग एजेंटों ने लॉटरी की बिक्री आय का 98.60% हिस्सा हड़प लिया है और राज्य को केवल 1.40 प्रतिशत ही मिल सका.
कैग ने ‘परफॉरमेंस ऑडिट ऑन सिक्किम स्टेट लॉटरीज़’ (Performance Audit on Sikkim State Lotteries) शीर्षक वाली अपनी रिपोर्ट में कहा था, ‘विभिन्न लॉटरी अनुबंध में राज्य को मिलने वाले हिस्से में पारदर्शिता की कमी, प्रतिस्पर्धी बोली के बिना अनुबंध के लगातार आगे बढ़ाने और टेंडर को अंतिम रूप देने में काफी देरी के चलते राज्य को राजस्व का भारी नुकसान हुआ. लॉटरी व्यवसाय का संचालन पूरी तरह से निजी ऑपरेटरों मार्केटिंग एजेंटों द्वारा नियंत्रित और संचालित किया जाता है.’
अख़बार ने मार्टिन के लेनदेन से परिचित अधिकारियों के हवाले से बताया कि सिक्किम के अलावा मार्टिन पंजाब, मणिपुर, मेघालय, नगालैंड में भी काम करते थे और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, झारखंड में लॉटरी घोटालों में शामिल थे.
इस संबंध में गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को लॉटरी मार्केटिंग व्यवस्था की निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश भी जारी किए थे कि लॉटरी की बिक्री, वितरण, छपाई में शामिल व्यक्ति, कंपनियां अधिनियम के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन न करें.
मार्टिन का लॉटरी साम्राज्य अनुमानित रूप से 40,000 करोड़ रुपये का है और वह रियल एस्टेट, मीडिया, निर्माण, सॉफ्टवेयर और फार्मा जैसे कई अन्य उद्योगों में भी शामिल हैं.
दिलचस्प बात यह है कि फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज चुनावी बॉन्ड के सबसे बड़े खरीदार के रूप में उभरा है. तीन समाचार संगठनों – न्यूज़लॉन्ड्री, स्क्रॉल, द न्यूज़ मिनट- और कई स्वतंत्र पत्रकारों से जुड़े एक खोजी सहयोग प्रोजेक्ट ‘प्रोजेक्ट इलेक्टोरल बॉन्ड’ के अनुसार, कंपनी ने अक्टूबर 2020 और जनवरी 2024 के बीच चुनावी बॉन्ड पर 1,368 करोड़ रुपये खर्च किए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) को अप्रैल 2019 और नवंबर 2023 के बीच चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 656.5 करोड़ रुपये मिले, जिसमें पार्टी द्वारा सीलबंद कवर में सुप्रीम कोर्ट में दायर जानकारी का हवाला दिया गया है.
डीएमके के मुताबिक, इसमें से 509 करोड़ रुपये मार्टिन ने चंदे के रूप में दिए थे. इसके अलावा यह स्पष्ट नहीं है कि कंपनी ने बाकी का चुनावी चंदा किसे दिया है.
बता दें कि जांच रिपोर्ट में पाया गया कि राजनीतिक दलों को चुनावी चंदा देने वाली कई कंपनियों को पिछले कुछ वर्षों में कई बार छापे का सामना करना पड़ा है और फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज भी उनमें से एक है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्टिन 2007 से एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं. 2011 में केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई ने उनके और उनके करीबी सहयोगियों के खिलाफ 30 मामले दर्ज किए.
इसमें आगे कहा गया, ‘साल 2019 में ईडी ने मार्टिन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी. इसी सिलसिले में एजेंसी ने अप्रैल 2022 से मई 2023 तक कंपनी की संपत्ति भी कुर्क की. अप्रैल और दिसंबर 2022 के बीच फ्यूचर गेमिंग ने 290 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे.’
इसके अलावा सितंबर 2022 और अप्रैल 2023 में मार्टिन और उनके दामाद आधव अर्जुन की संपत्तियों पर भी छापेमारी की गई थी. इस अवधि में फ्यूचर गेमिंग ने 303 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे थे.