न्यूज़क्लिक केस में चार्जशीट दायर करने के लिए पुलिस को दस दिन दिए जाने समेत अन्य ख़बरें

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(फोटो: द वायर)

समाचार पोर्टल न्यूज़क्लिक के खिलाफ विदेशी फंडिंग प्राप्त करने के आरोपों में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में एक स्थानीय अदालत ने दिल्ली पुलिस को आरोपपत्र दायर करने के लिए बुधवार (20 मार्च) को 10 और दिन का समय दे दिया. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, पुलिस के अधिवक्ताओं ने समय विस्तार की मांग करते हुए कहा कि जांचकर्ताओं को 15 मार्च को मामले की जांच के दौरान मिले नए दस्तावेजों का विश्लेषण करने के लिए और समय चाहिए. अदालत ने केस डायरी देखने और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद और समय दे दिया. बता दें कि यूएपीए की धारा 43डी में प्रावधान है कि अगर किसी मामले की जांच तय समय में पूरी नहीं होती है तो 90 दिन का अतिरिक्त समय दिया जा सकता है. अदालत ने इससे पहले पुलिस को दिसंबर में आरोप पत्र दाखिल करने के लिए 60 दिन और 23 फरवरी को 20 दिन का समय दिया था. अदालत ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती की न्यायिक हिरासत भी 10 दिनों के लिए बढ़ा दी, जिन्हें बीते वर्ष 3 अक्टूबर को मामले में गिरफ्तार किया गया था.

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बरेली की एक निचली अदालत के जज द्वारा की गई उन विवादास्पद टिप्पणियों को फैसले से हटा दिया है, जिनमें उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आधुनिक समय का ‘दार्शनिक राजा’ बताया था और देश में सांप्रदायिक दंगों के लिए मुसलमानों को दोषी ठहराया था. हाईकोर्ट ने कहा कि अतिरिक्त जिला न्यायाधीश-फास्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर द्वारा 5 मार्च को की गई टिप्पणियां ‘राजनीतिक अतिशयोक्ति और व्यक्तिगत विचारों वाली अनुचित अभिव्यक्तियां’ थीं. उक्त टिप्पणियां जज ने 2010 के बरेली दंगों से संबंधित एक मामले में की थीं. हाईकोर्ट ने आदेश में अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करने के लिए निचली अदालत के जज को आड़े हाथों भी लिया और कहा कि न्यायिक आदेश पारित करते समय न्यायिक अधिकारी से यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि वह मामले में अपने व्यक्तिगत झुकावों को व्यक्त करे. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने 5 मार्च के उक्त आदेश के पृष्ठ 6 के अंतिम पैराग्राफ से पृष्ठ 8 के मध्य भाग तक के हिस्से को हटा दिया.

नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम-2023 पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिकाओं का विरोध किया. इस नए कानून में चुनाव आयुक्तों का चयन करने वाली समिति से भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को हटा दिया गया था. कांग्रेस नेता जया ठाकुर और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति कार्यपालिका के हाथों में छोड़ना लोकतंत्र के स्वास्थ्य और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव के संचालन के लिए हानिकारक होगा. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, याचिका पर जवाब पेश करते हुए सरकार ने इसे राजनीतिक विवाद खड़ा करने का प्रयास बताया. सरकार ने हलफनामे में कानून का बचाव करते हुए इसे चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का अधिक लोकतांत्रिक, सहयोगात्मक और समावेशी अभ्यास बताया. सरकार ने कहा कि याचिकाकर्ताओं का मामला इस ‘मौलिक भ्रांति’ पर आधारित है कि किसी संस्थान की स्वतंत्रता तभी कायम रहती है जब चयन समिति एक विशेष फॉर्मूलेशन वाली हो. सरकार ने चुनाव आयोग की स्वायत्तता पर कार्यपालिका के अतिक्रमण के दावों को भी खारिज कर दिया.

लेह में 21 दिनों के आमरण अनशन पर बैठे लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने कहा है कि 10,000 लद्दाखवासी क्षेत्र में चीनी घुसपैठ और कॉरपोरेट द्वारा भूमि के कथित अधिग्रहण के दो मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए मार्च करेंगे. अपनी मृत्यु तक अपने अनशन को आगे बढ़ाने की बात कहते हुए वांगचुक ने अनशन के 15वें दिन कहा कि लद्दाख भारतीय उद्योगपतियों और चीनी सेना के कारण अपनी प्रमुख चारागाह भूमि खो रहा है. द टेलीग्राफ के मुताबिक, वांगचुक का लक्ष्य 27 मार्च को चीन सीमा तक मार्च करने का है जब उनके अनशन की 21 दिन की अवधि समाप्त होगी. अगर वह बीमार पड़ गए तो मार्च आगे के लिए स्थगित किया जा सकता है.

मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में एक विवाहित महिला के साथ चले जाने के बाद एक व्यक्ति को कथित तौर पर पीटा गया, पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया और जूतों की माला पहनाई गई. द टेलीग्राफ के मुताबिक, पुलिस ने घटना पर कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस ने कहा कि घटना के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, लेकिन पीड़ित व्यक्ति ने अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. एक वीडियो में पीड़ित पुरुष जूतों की माला पहने हुए और एक बोतल से तरल पदार्थ, जिसे पेशाब माना जा रहा है, पीता हुआ दिखाई दे रहा है. कुछ लोग उस पर चिल्लाते और इसे पीने के लिए मजबूर करते हुए देखे जा सकते हैं. उसे एक महिला द्वारा पीटते हुए भी देखा जा रहा है, जिसके साथ वह कथित तौर पर चला गया था. एक अन्य वीडियो में देखा जा सकता है कि वह अपने हाथ में रखे एक जूते को चाट रहा है और दूसरा जूता उसे अपने सिर पर रखने के लिए मजबूर किया जा रहा है. साथ ही, उसकी आधी मूंछें और सिर के कुछ हिस्से के बालों को भी साफ कर दिया गया है.