नई दिल्ली: भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से कहा है कि वह वॉट्सऐप पर ‘विकसित भारत संपर्क’ वाले संदेश भेजना तुरंत बंद कर दे.
आयोग के अनुसार, मंत्रालय ने दावा किया था कि ‘हालांकि, पत्र एमसीसी (आदर्श आचार संहिता) लागू होने से पहले भेजे गए थे, लेकिन सिस्टम की बनावट और नेटवर्क की सीमाओं के कारण संभव है कि कुछ पत्रों की डिलीवरी में देरी हुई हो.’
रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने कहा है, ‘आयोग को विभिन्न क्षेत्रों से शिकायतें मिली हैं कि नागरिकों के फोन पर अभी भी ऐसे संदेश भेजे जा रहे हैं. चूंकि अब एमसीसी लागू है, इसलिए आपको यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि एमसीसी अवधि के दौरान अब आगे से कोई वॉट्सऐप मैसेज न भेजा जाए. इस संबंध में एक अनुपालन रिपोर्ट तुरंत भेजी जा सकती है.’
चुनाव आयोग के नोटिस में यह नहीं कहा गया है कि एमसीसी लागू होने के बाद जो संदेश पहले ही भेजे जा चुके हैं, उन पर कोई कार्रवाई की जाएगी.
बुधवार को द वायर ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि कैसे चंडीगढ़ के चुनाव अधिकारियों ने कहा था कि प्रधानमंत्री के नाम से भेजे जा रहे वॉट्सऐप संदेश ‘प्रथम दृष्टया एमसीसी का उल्लंघन’ हैं, और इन संदेशों के अखिल भारतीय क्षेत्राधिकार को देखते हुए मामले को ईसीआई को भेजा था.
यह मामला ‘विकसित भारत संपर्क’ से वॉट्सऐप पर लाखों भारतीयों को बल्क (थोक) संदेश भेजे जाने से संबंधित है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र संलग्न है. विकसित भारत संपर्क एकाउंट का पंजीकृत कार्यालय भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का पता है.
पिछले दस वर्षों की अपनी सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए मोदी ने पत्र में कहा कि लोगों के जीवन में परिवर्तन उनकी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है. इसके बाद उन्होंने लोगों से फीडबैक मांगा.
इन संदेशों को लेकर विपक्षी दलों ने भी आपत्ति जताई थी और इन्हें आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करार दिया था. तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने बीते सोमवार को इस पत्र का हवाला देते हुए एमसीसी के कथित उल्लंघन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भारतीय चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी.