नई दिल्ली: चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी डेटा के मुताबिक सभी चुनावी बॉन्ड का लगभग आधा हिस्सा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिला है. इसमें तेलंगाना स्थित बुनियादी ढांचा कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) ने सबसे अधिक योगदान दिया है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी चंदे से जुड़ी सभी जानकारी चुनाव आयोग को सौंप दी थी, जिसके बाद आयोग ने इसे अपनी वेबसाइट पर साझा किया है. इस डेटा के अनुसार भाजपा ने 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 के बीच कुल 6,060.5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भुनाए, जबकि इसमें मार्च 2018 से पार्टी द्वारा भुनाई गई कुल राशि 8,251.8 करोड़ रुपये है.
रिपोर्ट के मुताबिक, हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ़्रास्ट्रक्टर लिमिटेड (एमईआईएल) ने भाजपा को सबसे ज्यादा चंदा दिया है. कंपनी ने साल 2019 से 2023 के बीच अपनी कुल बॉन्ड खरीद 966 करोड़ रुपये में से 519 करोड़ रुपये का योगदान भाजपा को दिया था. कंपनी के पास टीवी9 नेटवर्क में भी एक बड़ी हिस्सेदारी है. एक अन्य एमईआईएल कंपनी वेस्टर्न यूपी पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड ने भी भाजपा को अतिरिक्त 80 करोड़ रुपये का चंदा दिया है.
भाजपा को चंदा देने वालों में दूसरा बड़ा नाम क्विक सप्लाई है, जो कथित तौर पर रिलायंस ग्रुप से जुड़ा हुआ है. इस कंपनी ने भाजपा को 375 करोड़ रुपए का चंदा चुनावी बॉन्ड के ज़रिए दिया. इसके अलावा भाजपा के लिए तीसरे बड़े चुनावी चंदा देने वालों में कोलकाता के उद्योगपति एमके जालान से जुड़ी कंपनियां थीं. इन कंपनियों में मदनलाल लिमिटेड, केवेंटर्स फूडपार्क, एमकेजे इंटरप्राइजेज और ससमल शामिल हैं, जिन्होंने भाजपा को कुल मिलाकर 339.42 करोड़ रुपये का चंदा दिया है.
गुरुवार (21 मार्च) को सामने आए आंकड़ों में भाजपा द्वारा भुनाए गए 466.31 करोड़ रुपये के बॉन्ड नंबरों का कोई मिलान रिकॉर्ड मौजूद नहीं था.
एसबीआई द्वारा चुनाव आयोग के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, भाजपा ने 2019 में 1,505.4 करोड़ रुपये भुनाए. इस साल अप्रैल और मई में देशभर में आम चुनाव हुए थे.
भाजपा को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से साल 2019 में चंदा देने वाले सबसे बड़े तीन बॉन्ड खरीदारों में मदनलाल लिमिटेड (175.5 करोड़ रुपये) केवेंटर फूडपार्क इंफ्रा लिमिटेड (144.5 करोड़ रुपये) और मेघा इंजीनियरिंग (125 करोड़ रुपये) के नाम शामिल हैं.
ध्यान रहे कि केवेंटर और मदनलाल लिमिटेड दोनों एक ही ग्रुप से जुड़े हुए हैं. एमके जालान की दोनों कंपनियों ने मई 2019 में भाजपा को 320 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए थे. इसके अलावा, इसी साल अक्टूबर में परिवार के स्वामित्व वाली एक अन्य कंपनी एमकेजे ने अतिरिक्त 14.42 करोड़ रुपये का चंदा भी भाजपा को दिया.
हालांकि, 2020 में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा बॉन्ड भुनाने में बड़ी गिरावट देखी गई और यह राशि केवल 73.89 करोड़ रुपये रह गई. इस साल भाजपा के लिए शीर्ष तीन चंदा देने वालों में एप्को इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, इनफिना फाइनेंस और एक व्यक्ति राजू कुमार शर्मा रहे. इन सभी ने पार्टी को दस-दस करोड़ रुपये का चंदा दिया.
साल 2021 की बात करें तो, कोरोना महामारी के बाद राजनीतिक गतिविधियों के फिर से रफ्तार पकड़ने के बाद भाजपा को मिले चंदे में वृद्धि देखी गई और उसे 372 करोड़ रुपये प्राप्त हुए. इस साल भाजपा के लिए शीर्ष तीन चंदा देने वालों में लॉटरी समूह फ्यूचर गेमिंग कंपनी (50 करोड़ रुपये), हल्दिया एनर्जी (35 करोड़ रुपये) और मेघा इंजीनियरिंग (33 करोड़ रुपये) प्रमुख रहे.
भाजपा ने सबसे ज्यादा चुनावी बॉन्ड साल 2022 में भुनाए, जब गोवा, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और गुजरात राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए. चुनाव आयोग द्वारा जारी नए आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022 में भाजपा ने कुल 1763.54 करोड़ रुपये के बॉन्ड भुनाए. ये किसी भी साल में भुनाए गए बॉन्ड में सबसे ज्यादा रकम थी.
साल 2022 में भाजपा को सबसे ज्यादा चंदा क्विक सप्लाई ने दिया. इस कंपनी ने इस साल जनवरी और नवंबर में दो किस्तों में 325 करोड़ रुपये बॉन्ड के माध्यम से पार्टी को दिए. इस साल अन्य बड़े चंदा देने वालों में वेदांता (176.5 करोड़ रुपये) और मेघा इंजीनियरिंग (129 करोड़ रुपये) का नाम भी शामिल है.
बीते वर्ष 2023 में, मेघा इंजीनियरिंग ने भाजपा के लिए अपना चंदा बढ़ाकर 297 करोड़ रुपये कर दिया, जिससे यह कंपनी इस साल भाजपा को चंदा देने वालों की सूची में शीर्ष पर आ गई. इसके बाद पार्टी को चंदा देने वालों में भारती एयरटेल है, जिसने पार्टी को 93 करोड़ रुपये का चंदा दिया. एमईआईएल समूह की कंपनी वेस्टर्न यूपी पॉवर ट्रांसमिशन ने भी इस साल 80 करोड़ रुपये का चंदा भाजपा को दिया. यह साल भाजपा के लिए चंदे से मिलने वाले पैसों के मामले में बंपर साबित हुआ और पार्टी ने साल 2023 में कुल 1676.3 करोड़ रुपये के बॉन्ड भुनाए.
इस साल 2024 में भी भाजपा ने 202 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भुनाए. इसमें भारती एयरटेल का 50 करोड़ रुपये का चंदा शामिल था. इसके बाद कोलकाता के रूंगटा एंड संस ने भी भाजपा को 50 करोड़ रुपये का चंदा दिया. टोरेंट पॉवर 25 करोड़ रुपये के साथ इस साल पार्टी को चंदा देने वाली तीसरी बड़ी कंपनी रही.
गौरतलब है कि इस साल 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए इसे तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया था. हालांकि, भाजपा ने अदालत के फैसले के पहले ही इस साल 202 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भुना लिए थे.