नई दिल्ली: अरबपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी ने पहली बार एक-दूसरे से हाथ मिलाया है, जिसके परिणामस्वरूप रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने अडानी पावर लिमिटेड की सहायक कंपनी महान एनर्जेन लिमिटेड (एमईएल) में 26% हिस्सेदारी खरीदी है.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, इस सौदे से रिलायंस इंडस्ट्रीज को एमईएल के मध्य प्रदेश स्थित बिजली संयंत्रों से औद्योगिक इस्तेमाल (कैप्टिव यूज) के लिए 500 मेगावाट बिजली मिलेगी. आरआईएल के अनुसार, निवेश विद्युत नियम-2005 के प्रावधानों के अनुपालन में है, जो कहता है कि कैप्टिव उपयोगकर्ता के पास कैप्टिव इकाई में 26% हिस्सेदारी होनी चाहिए.
रिपोर्ट के अनुसार, अडानी पावर ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, ‘एमईएल के महान थर्मल पावर प्लांट की कुल परिचालन और आगामी 2800 मेगावाट की क्षमता में से 600 मेगावाट क्षमता की एक इकाई कैप्टिव यूनिट के रूप में इस उद्देश्य के लिए रखी जाएगी.’ इसके अलावा, आरआईएल 10 करोड़ रुपये मूल्य के 5 करोड़ इक्विटी शेयर एमईएल से लेगी.
हाल ही में ब्लूमबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि अमेरिकी जांचकर्ता इस संबंध में जांच कर रहे हैं कि क्या अडानी की कंपनी या गौतम अडानी सहित कंपनी से जुड़े लोग एक ऊर्जा परियोजना में अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए भारत में अधिकारियों को कथित तौर पर रिश्वत देने में शामिल थे.
उल्लेखनीय है कि अडानी का भारत में विशाल औद्योगिक साम्राज्य है, जिसमें बंदरगाहों से लेकर हवाई अड्डे, ऊर्जा और राजमार्ग के अनुबंध शामिल हैं. समूह ने विश्व के कई देशों में भी पैर जमा रखे हैं. जहां अडानी की नजर 2030 तक दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक बनने पर है, वहीं पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस गुजरात के जामनगर में चार गीगाफैक्ट्री का निर्माण कर रहा है, जिनमें एक-एक सौर पैनल, बैटरी, हरित हाइड्रोजन और ईंधन सेल के लिए हैं.