भारतीय फुटबॉल महासंघ के सदस्य महिला खिलाड़ियों से मारपीट, दुर्व्यवहार के आरोप में गिरफ़्तार

दोनों पीड़ित महिला खिलाड़ी भारतीय महिला लीग में अपने क्लब की ओर से भाग लेने के लिए गोवा गई थीं. उनका आरोप है कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की कार्यकारी समिति के सदस्य दीपक शर्मा मैच खत्म होने के बाद रात को नशे की हालत में उनके कमरे में घुस आए और मारपीट शुरू कर दी. शर्मा हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ के महासचिव भी हैं.

ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन. फोटो साभार - AIFF

नई दिल्ली : गोवा पुलिस ने शनिवार (30 मार्च) को दो महिला फुटबॉल खिलाड़ियों के साथ कथित तौर पर मारपीट के मामले में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के कार्यकारी समिति के सदस्य दीपक शर्मा को गिरफ्तार किया है. दीपक शर्मा पर मौजूदा भारतीय महिला लीग-2 के लिए गोवा में रहने के दौरान एक क्लब की दो महिला फुटबॉल खिलाड़ियों के साथ कथित तौर पर मारपीट और दुर्व्यवहार के आरोप लगे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, इस संबंध में उत्तरी गोवा के पुलिस अधीक्षक अक्षत कौशल ने बताया कि शनिवार को मापुसा पुलिस थाने में एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें भारतीय महिला लीग में भाग लेने वाले एक फुटबॉल क्लब खाद एफसी की खिलाड़ियों ने आरोप लगाया था कि गोवा में रहने के दौरान टीम के एक सहयोगी सदस्य ने उनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार किया. इसके बाद आरोपी दीपक शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया और जरूरी कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

पुलिस ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 341 (गलत तरीके से रोकना) और 354ए (यौन उत्पीड़न) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

इससे पहले, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस मामले को लेकर एक ऑनलाइन पोस्ट में लिखा था, ‘खेल मंत्रालय ने गोवा में चल रही भारतीय महिला लीग-2 के दौरान एक अधिकारी द्वारा महिला फुटबॉलरों पर कथित शारीरिक हमले की शिकायत को गंभीरता से लिया है. एआईएफएफ को त्वरित कार्रवाई करने और हमारी फुटबॉल खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. मंत्रालय ने एआईएफएफ को कड़ी कानूनी कार्रवाई करने और की गई कार्रवाई के बारे में मंत्रालय को सूचित करने का निर्देश दिया है. खिलाड़ियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.’

शर्मा की गिरफ्तारी से पहले, एआईएफएफ ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि इस मामले की जांच के लिए अध्यक्ष कल्याण चौबे द्वारा तीन सदस्यीय समिति का गठन किया जा रहा है. 29 मार्च को कथित हमले के बाद दोनों महिला फुटबॉल खिलाड़ियों ने शनिवार को एआईएफएफ के प्रतियोगिता विभाग के साथ ही टूर्नामेंट के आयोजक गोवा फुटबॉल एसोसिएशन के समक्ष भी शिकायत दर्ज कराई थी.

इंडियन एक्सप्रेस ने एआईएफएफ को लिखे शिकायती पत्र  के हवाले से बताया है कि दोनों महिला खिलाड़ियों का आरोप है कि भारतीय महिला लीग के दूसरे डिवीजन में एक मैच के बाद जब वह अपने आवास पर लौट कर आईं तो रात का खाना खत्म होने पर अंडे उबालने लगीं. इतने में दीपक शर्मा, जिनके बारे में लड़कियों ने आरोप लगाया है कि वह नशे की हालत में थे, उनके कमरे में घुस आए और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी. पत्र में कहा गया है कि शर्मा हिमाचल से दिल्ली की यात्रा के दौरान भी लड़कियों के सामने शराब पी रहे थे और गोवा में भी उन्होंने ऐसा करना जारी रखा.

दोनों महिला खिलाड़ियों और तीन गवाहों द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र में उन्होंने अपनी आपबीती बताते हुए कहा है, ‘जैसे ही रात का खाना ख़त्म हुआ, हम अंडे उबाल रहे थे. इस कारण दीपक शर्मा नाराज हो गए और हमारे कमरे में घुस आए और मुझे और (दूसरी महिला खिलाड़ी को) थप्पड़ मारा और हमारे साथ मारपीट की.’

पत्र में आगे खिलाड़ियों ने दीपक शर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘ वह पहले दिन से ही नशे की हालत में रहते थे. जब हम लीग से पहले हिमाचल से दिल्ली की यात्रा कर रहे थे, तब वह हमारे सामने शराब पी रहे थे और टीम की मैनेजर नंदिता शर्मा भी उनका बचाव कर रही थीं.’

बता दें कि दीपक शर्मा हिमाचल प्रदेश फुटबॉल एसोसिएशन के महासचिव भी हैं और उनकी पत्नी नंदिता आधिकारिक टीम मैनेजर हैं.

हालांकि, द हिंदू की खबर के अनुसार फुटबॉल क्लब खाद एफसी की कुछ खिलाड़ियों ने शर्मा का बचाव करते हुए उनके खिलाफ लगे आरोपों को गलत बताया है. इन महिला खिलाड़ियों का कहना है कि वह दस सालोंं से दीपक शर्मा से जुड़ी हैं, लेकिन उन्होंने कभी उन्हें ऐसा कुछ करते नहीं देखा है.

गोवा फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैटानो फर्नांडिस ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जैसे ही एसोसिएशन को सूचित किया गया, उन्होंने कार्रवाई की. जीएफए के उपाध्यक्ष जोनाथन डिसूजा ने मापुसा पुलिस थाने को एक शिकायती पत्र लिखा.

शनिवार को मापुसा पुलिस थाने में दर्ज की गई शिकायत में 21 वर्षीय एक पीड़िता ने कहा कि जब वह 18-19 मार्च को हिमाचल प्रदेश से दिल्ली की यात्रा कर रही थी, तो शर्मा बस में उनके साथ यात्रा करने वाले एकमात्र पुरुष थे.

खिलाड़ी ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘… दिल्ली की यात्रा के दौरान, दीपक शर्मा शराब के नशे में उपद्रव कर दूसरों को परेशान रहे थे और वह एक खिलाड़ी को अपने बगल में बैठने के लिए कह रहे थे, लेकिन जब उसने मना कर दिया तो शर्मा ने उसे डांटा और इसके बाद भी जब उसने उसकी बात नहीं मानी, तो शर्मा ने उसे ड्राइवर के साथ बैठा दिया.’

महिला खिलाड़ी ने आगे बताया कि 20 मार्च की दोपहर को खिलाड़ी सहयोगी स्टाफ और कोच के साथ गोवा पहुंचे और उन्हें मापुसा के एक विला में ठहराया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि शर्मा उनके साथ रुके और उन्हें संदेश भेजा कि खिलाड़ी ‘अपने-अपने कमरों के गेट पर ताला नहीं लगाएं.’

खिलाड़ी ने आरोप लगाया कि 24 मार्च को दोपहर 1 बजे के आसपास, जब वह कुछ अन्य खिलाड़ियों के साथ कमरे में थी, शर्मा शराब के नशे में उनके कमरे में दाखिल हुए और एक खिलाड़ी की गर्दन पर थप्पड़ जड़ दिया. खिलाड़ी ने आरोप लगाया कि शर्मा ने उस खिलाड़ी से कहा कि यह उसका आखिरी टूर्नामेंट है. उन्होंने इस मामले की जानकारी किसी को नहीं दी.

शिकायतकर्ता ने कहा कि 28 मार्च को रात 10.30 बजे, जब वह और चार अन्य खिलाड़ी अपने कमरे में थे, शर्मा बिना दरवाजा खटखटाए अंदर घुस आए. शर्मा से शराब की गंध आ रही थी, वह खिलाड़ी पर चिल्लाते हुए उन्हें डांटने लगे… वो डर गईं और रोने लगी क्योंकि वह समझ नहीं पा रही थी कि वह ऊंची आवाज में क्या कह रहे हैं और फिर शर्मा ने उनका हाथ पकड़ लिया और उन्हें थप्पड़ मारने लगे.’ ‘

खिलाड़ी ने पुलिस शिकायत में बताया है कि शर्मा ने उसे तब छोड़ा जब एक दूसरी खिलाड़ी ने इसमें हस्तक्षेप करते हुए शर्मा से यह कहा कि वह इस तरह दुर्व्यवहार नहीं कर सकते.

खिलाड़ी ने आगे आरोप लगाया, ‘शर्मा के बाद, उनकी पत्नी… हमारे कमरे में आईं और मुझे और अन्य लड़कियों को डांटा, उन्होंने हमारे साथ आधे घंटे तक बहस की और चली गईं.’

कथित तौर पर मारपीट की शिकार महिला फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक ने अखबार को बताया कि यह पहली बार नहीं है जब शर्मा ने किसी के साथ मारपीट की है. उन्होंने इससे पहले भी शर्मा को खाद एफसी के खिलाड़ियों को मारते हुए देखा है. हालांकि, खिलाड़ी ने कहा कि वह उनका नाम नहीं ले सकती. उन्होंने कहा, ‘जब हम इस टूर्नामेंट से पहले कैंप में थे, तो हमने उन्हें एक लड़की को मारते हुए देखा था. हम उस दिन बहुत डरे हुए थे, लेकिन जो खिलाड़ी पहले से ही टीम का हिस्सा थे, उन्होंने बताया कि वह कभी-कभी गुस्सा हो जाते हैं और ऐसी चीजें हो जाती हैं.’

खिलाड़ी ने यह भी कहा कि जब उनके साथ ऐसा हुआ, तो वह शुरू में शिकायत दर्ज नहीं करवाना चाहती थीं. उन्होंने कहा, टअगर कोई शिकायत नहीं करेगा तो शर्मा का इससे बच निकलने का आत्मविश्वास बढ़ेगा. मैंने एक स्टैंड लिया क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि मेरी चुप्पी के चलते कोई और फिर से उनका शिकार बने.’  खिलाड़ी के मुताबिक, एआईएफएफ ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी.

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