कर्नाटक: ख़राब बुनियादी सुविधाओं का हवाला देते हुए ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार का आह्वान किया

कर्नाटक के उडुपी-चिक्कमगलुरु लोकसभा क्षेत्र के कापू विधानसभा क्षेत्र के काटिंगेरी के ग्रामीणों ने अपनी मांगें पूरी होने तक लोकसभा चुनाव सहित किसी भी आगामी चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने से इनकार कर दिया है. ग्रामीण इस बात से नाराज़ हैं कि काटिंगेरी सड़कों, पुलों और सार्वजनिक परिवहन कनेक्टिविटी जैसी आवश्यक सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: पीआईबी)

नई दिल्ली: कर्नाटक के उडुपी-चिक्कमगलुरु लोकसभा क्षेत्र के कापू विधानसभा क्षेत्र के एक गांव के लोगों ने वहां की खराब नागरिक सुविधाओं के विरोध में आगामी चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, मूडुबेले ग्राम पंचायत के काटिंगेरी के ग्रामीणों ने अपनी मांगें पूरी होने तक लोकसभा चुनाव सहित किसी भी आगामी चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने से इनकार कर दिया है.

ग्रामीण इस बात से नाराज हैं कि काटिंगेरी सड़कों, पुलों और सार्वजनिक परिवहन कनेक्टिविटी जैसी आवश्यक सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है. उन्होंने पिछले दिनों डिप्टी कमिश्नरों के दौरे सहित अधिकारियों के साथ पिछली बातचीत के बावजूद काम न होने को लेकर अफसोस जताया.

बेले ग्राम पंचायत के पूर्व अध्यक्ष शिवाजी एस. सुवर्णा ने काटिंगेरी में प्रभावकारी वोटर संख्या का उल्लेख करते हुए बताया कि पिछले चुनावों में लगभग एक हजार मतदाता वोट देते रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हालांकि, बुनियादी ढांचे की कमी एक गंभीर मुद्दा बनी हुई है, खासकर सड़कों और पुलों की कमी, जिसके चलते पिछले छह वर्षों से महत्वपूर्ण सेवाओं तक पहुंच में बाधा आ रही है.

पूर्व तालुक पंचायत अध्यक्ष देवदास हेब्बार ने ग्रामीणों के इसी तरह के बहिष्कार के पिछले आह्वानों का उल्लेख करते हुए जोड़ा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के आश्वासन के बाद बहिष्कार रद्द कर दिया गया था.

हालांकि, इस बार बताया जा रहा है कि  ग्रामीण बाहरी दबावों और प्रलोभनों के खिलाफ मजबूती से खड़े हुए हैं और बैठक में लिए गए निर्णयों के लिए प्रतिबद्ध हैं.

बेले ग्राम पंचायत की पूर्व अध्यक्ष रंजनी हेगड़े ने ग्रामीणों के कोई समझौता न करने वाले रुख के बारे में बताया कि वे चुनाव में तभी मतदान करेंगे जब सड़क का काम पूरा हो जाएगा और काटिंगेरी के लिए बस सेवा फिर से शुरू हो जाएगी.

गांव के प्रति स्पष्ट उपेक्षा के कारण स्थानीय विधायकों और सांसदों से मोहभंग व्यक्त करते हुए हेगड़े ने कहा कि उनकी समस्याओं पर ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रयास, खासकर बहिष्कार के बारे में जिला चुनाव अधिकारी और राज्य चुनाव आयोग के साथ पत्राचार के माध्यम से, किए जा रहे हैं.