भारत को गुरपतवंत सिंह पन्नू मामले में आरोपों की ‘पूर्ण जांच’ करनी होगी: अमेरिका

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर के अनुसार, अमेरिका भारत सरकार को पन्नू मामले में पूरी जांच करते देखना चाहता है और वह इस जांच के परिणामों की प्रतीक्षा कर रहा है.

मैथ्यू मिलर. फोटो साभार: state.gov.

नई दिल्ली: अमेरिका ने बुधवार (3 अप्रैल) को दोहराया कि वह न्यूयॉर्क स्थित सिख खालिस्तानी एक्टिविस्ट गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश मामले में भारतीय सरकारी एजेंटों की कथित संलिप्तता के आरोपों पर भारत द्वारा की गई ‘पूर्ण जांच’ के परिणामों की प्रतीक्षा कर रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ब्लूमबर्ग की उस रिपोर्ट के संबंध में जवाब दे रहे थे, जिसमें कहा गया था कि भारत ने अमेरिका को बताया था कि गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश के पीछे सरकार द्वारा अधिकृत लोग नहीं थे. समाचार एजेंसी ने दावा किया था कि साजिश में सीधे तौर पर शामिल लोगों में से एक अब भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के लिए काम नहीं कर रहा है, वह अब भी एक सरकारी कर्मचारी है और सरकार ने उसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू नहीं की है.

मैथ्यू मिलर ने दैनिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरन कहा, ‘मैं मीडिया रिपोर्ट्स पर बात नहीं करूंगा. मैं बस इतना कहूंगा कि हमने भारत सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि हम चाहते हैं कि वे पूरी जांच करें और हम उस जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मेरे पास इस मामले में देने के लिए कोई अपडेट नहीं है.’

ज्ञात हो कि भारत ने इस मामले में एक उच्च-स्तरीय जांच तब शुरू की थी, जब अमेरिका ने भारत सरकार को बताया था कि उसके पास इस बात के सबूत हैं कि एक भारतीय अधिकारी ने प्रतिबंधित आतंकवादी समूह ‘सिख फॉर जस्टिस’ के वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने के लिए एक ‘हिटमैन’ को नियुक्त करने का निर्देश दिया था. इसके कुछ ही समय बाद अमेरिकी अभियोजकों ने उस शिकायत को सामने रख दिया जिसमें कहा गया था कि निखिल गुप्ता नाम के एक भारतीय नागरिक ने पन्नू को मारने के लिए एक हिटमैन को काम पर रखा था.

आरोपों में यह भी कहा गया कि गुप्ता ने एक पहचाने गए लेकिन अज्ञात भारतीय सरकारी अधिकारी के निर्देशों पर हिटमैन को काम पर रखा था, जो वास्तव में एक अमेरिकी सीक्रेट एजेंट था.

इस सप्ताह की शुरुआत में भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा था कि किसी नागरिक की कथित हत्या में किसी सरकार या सरकारी कर्मचारी की संलिप्तता एक ‘अस्वीकार्य रेड लाइन‘ है.

समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार मेंगार्सेटी ने कहा था, ‘मुझे लगता है कि यह बिल्कुल महत्वपूर्ण है, हममें से किसी के लिए भी आदर्श रूप से वह एक रेड लाइन होनी चाहिए. कोई भी सरकार या सरकारी कर्मचारी आपके ही किसी नागरिक की कथित हत्या में शामिल नहीं हो सकता. यह सिर्फ एक अस्वीकार्य रेड लाइन है.’

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