कनाडा के चुनावों में हस्तक्षेप के लिए भारत ने प्रॉक्सी एजेंट इस्तेमाल किए: कनाडाई एजेंसी

कनाडाई खुफिया एजेंसी सीएसआईएस ने विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहे एक संघीय आयोग को सौंपे दस्तावेज में कहा है कि कनाडा में 2019 और 2021 के संघीय चुनावों में भारत सरकार का हस्तक्षेप करने का इरादा था और संभवतः इस उद्देश्य से गुप्त गतिविधियां संचालित की गईं.

(प्रतीकात्मक फोटो: कनाडाई और भारतीय ध्वज)

नई दिल्ली: कनाडा की खुफिया एजेंसी ने 2021 और 2019 के संघीय चुनावों में भारत सरकार द्वारा ‘प्रॉक्सी एजेंटों’  के माध्यम से हस्तक्षेप करने के प्रयासों को दिखाने वाले दस्तावेज सामने रखे हैं. यह दस्तावेज विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहे एक संघीय आयोग को सौंपे गए हैं.

कनाडाई मीडिया के मुताबिक, कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) के दस्तावेजों में दर्ज है कि इन चुनावोंं में भारत सरकार का ‘हस्तक्षेप करने का इरादा था और संभवतः इस उद्देश्य से गुप्त गतिविधियां संचालित की गईं.’

सीबीसी न्यूज़ के मुताबिक, दस्तावेज़ गुरुवार (4 अप्रैल) रात को सार्वजनिक किए गए. सीएसआईएस ने दावा किया है कि भारत का विदेशी हस्तक्षेप ‘चुनावी जिलों के एक छोटे हिस्से पर केंद्रित था’ क्योंकि भारत सरकार को लगा कि ‘भारतीय-कनाडाई मतदाताओं का एक हिस्सा खालिस्तानी आंदोलन या पाकिस्तान समर्थक राजनीतिक रुख के प्रति सहानुभूति रखता है.’

सितंबर 2023 में स्थापित इस आयोग ने कहा था कि उसका प्रारंभिक ध्यान चीन, रूस और अज्ञात ‘विदेशी कारकों’ द्वारा कनाडा में चुनावी हस्तक्षेप की जांच पर होगा. हालांकि, इसके बाद सीएसआईएस ने इस साल की शुरुआत में भारत को इसमें शामिल करने के लिए अपनी जांच का दायरा बढ़ा लिया था.

इस साल जनवरी में विदेशी हस्तक्षेप आयोग ने कनाडा सरकार से कनाडा के चुनावों में भारत सरकार के कथित हस्तक्षेप से जुड़ी जानकारी मुहैया कराने का अनुरोध किया था.

सीएसआईएस द्वारा भारत की भूमिका के बारे में कहा गया है, ‘खुफिया निकाय को लगता है कि हो सकता है भारत सरकार के प्रॉक्सी एजेंटों द्वारा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया गया हो, जिसमें कथित तौर पर विभिन्न कनाडाई राजनेताओं को गुप्त रूप से अवैध वित्तीय सहायता प्रदान करके भारत-समर्थक उम्मीदवारों के लिए चुनाव सुरक्षित बनाने का प्रयास या पद संभालने वाले उम्मीदवारों को प्रभावित करना शामिल है.’

इसमें कहा गया है कि उम्मीदवारों को ‘कभी पता नहीं चलेगा कि उनके चुनाव अभियानों को अवैध धन प्राप्त हुआ था.’

यह देखते हुए कि कनाडा में भारत का विदेशी हस्तक्षेप का निशाना मुख्य रूप से सरकार के सभी स्तरों पर है, भारत का लक्ष्य ‘अक्सर भारतीय-कनाडाई समुदायों के सदस्य थे, लेकिन नामचीन गैर-भारतीय-कनाडाई भी भारत सरकार की विदेशी हस्तक्षेप गतिविधियों के निशाने पर थे.’

इसके अलावा, सीएसआईएस ने दावा किया कि ‘कनाडा में भारतीय अधिकारियों ने विदेशी हस्तक्षेप संबंधित गतिविधियों के संचालन के लिए कनाडाई और कनाडा-आधारित प्रॉक्सी तथा उनके नेटवर्क में आने वाले संपर्कों पर तेजी से भरोसा किया है.’

कनाडाई खुफिया एजेंसी ने दावा किया कि यह तरीका भारत सरकार के साथ किसी भी स्पष्ट जुड़ाव को ‘जटिल’ बना देता है. सीएसआईएस ने कहा, ‘प्रॉक्सी भारत और कनाडा में भारतीय खुफिया अधिकारियों के साथ संबंध बनाते हैं और काम करते हैं, उनसे स्पष्ट और अस्पष्ट दोनों तरह से दिशा-निर्देश लेते हैं.’

सीएसआईएस के अनुसार, इस हस्तक्षेप के पीछे भारत का दोहरा मकसद था. पहला, भारत की ‘सकारात्मक छवि’ तैयार करना और दूसरा ‘भारत की घरेलू स्थिरता के लिए कनाडा से उत्पन्न होने वाले कथित खतरों का मुकाबला कर उन्हें दबाना.’

कनाडा के विदेशी हस्तक्षेप आयोग को सौंपे गए सीएसआईएस दस्तावेज़ में कहा गया है, ‘भारत सरकार वैध खालिस्तान समर्थक राजनीतिक पक्षधरता और अपेक्षाकृत छोटे कनाडा आधारित खालिस्तानी हिंसक उग्रवाद के बीच अंतर नहीं करती है, यह खालिस्तानी अलगाववाद में शामिल किसी भी व्यक्ति को भारत के लिए राजद्रोह का खतरा मानती है.’

ज्ञात हो कि सितंबर 2023 में कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या के लिए सार्वजनिक रूप से भारत को जिम्मेदार ठहराया था. भारत ने आपत्ति जाहिर करते हुए इस आरोप का खंडन किया था. दोनों देशों ने एक-दूसरे को राजनयिकों को निकाला. भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाएं भी बंद कर दी थीं, जिसे लगभग एक महीने बाद फिर से शुरू कर दिया गया था.

India rejects allegations by Canada:https://t.co/KDzCczWNN2 pic.twitter.com/VSDxbefWLw

— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) September 19, 2023

भारत सरकार ने देश में कनाडा से अपनी राजनयिक उपस्थिति में कटौती करने के लिए भी कहा था, जिसके कारण ओटावा को 40 से अधिक राजनयिकों को वापस बुलाना पड़ा.

इसके बाद, अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने पिछले साल नवंबर में घोषणा की थी कि निज्जर की हत्या और न्यूयॉर्क में एक कनाडाई-अमेरिकी खालिस्तानी समर्थक (गुरपतवंत सिंह पन्नू) को मारने की कथित साजिश को विफल करने के बीच एक संभावित संबंध था.

सीएसआईएस दस्तावेज़ों में पाकिस्तान के भी विदेशी हस्तक्षेप की बात कही गई है. इसमें लिखा है कि मुख्य रूप से पाकिस्तान में राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने और भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान ने भी विदेशी हस्तक्षेप किया था.

सीबीसी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, दस्तावेज़ों में कहा गया है कि 2019 और 2021 के चुनावों में पाकिस्तान का विदेशी हस्तक्षेप सीमित था. इसमें लिखा है कि कनाडाई सरकार ने ‘पाकिस्तान सरकार द्वारा उत्पन्न विदेशी हस्तक्षेप के खतरे को कम करने’ के लिए पिछले संघीय चुनावों से पहले कुछ उपाय किए थे.

सीएसआईएस ने लिखा, ‘स्थिति की निगरानी की गई और हस्तक्षेप के खतरे को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए मूल्यांकन किया गया.’

इस बीच, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि हमने कनाडाई आयोग की जांच के बारे में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं. हम कनाडा के चुनावों में भारतीय हस्तक्षेप के सभी निराधार आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं. उन्होंने कहा कि दूसरे देशों की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करना भारत सरकार की नीति नहीं है.

जयसवाल ने आगे कहा कि असल मामला यह है कि कनाडा हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है.

https://grading.spxps.edu.ph/js/goceng/ https://grading.spxps.edu.ph/js/slot100/ https://smkkesehatanlogos.proschool.id/system/pkv-games/ https://smkkesehatanlogos.proschool.id/system/dominoqq/ https://smkkesehatanlogos.proschool.id/system/bandarqq/