जम्मू-कश्मीर: संदिग्ध आतंकवादियों ने प्रवासी कैब ड्राइवर को गोली मारी

शोपियां जिले के हीरपोरा में दिल्ली के एक ड्राइवर को 8 अप्रैल की शाम अज्ञात आतंकवादियों ने गोली मार दी, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. घाटी में ग़ैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाकर किया गया यह इस साल का दूसरा हमला है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: ट्विटर/KashmirPolice)

नई दिल्ली: कश्मीर की यात्रा पर एक जर्मन जोड़े के साथ जा रहे दिल्ली के एक ड्राइवर को सोमवार शाम (8 अप्रैल) शोपियां जिले में अज्ञात आतंकवादियों ने गोली मार दी और गंभीर रूप से घायल कर दिया.

घाटी में गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाकर किया गया यह इस साल का दूसरा हमला है. इससे कश्मीर में सुरक्षा स्थिति के बारे में चिंताएं बढ़ेंगी, जहां अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्रों में 7 मई, 13 मई को श्रीनगर-बडगाम और बारामूला में 20 मई को मतदान होना है.

रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया है कि हमला रात करीब साढ़े आठ बजे किया गया. पीड़ित की पहचान दिल्ली निवासी दिलरंजीत सिंह के रूप में हुई, जिसे बोहरीहलान इलाके के एक होटल में गोली मार दी गई, जिसके बाद हमलावर इलाके से भागने में सफल रहे.

हमलावरों की संख्या का तत्काल पता नहीं चल सका है.

सूत्रों के मुताबिक, सिंह जर्मनी के एक जोड़े के साथ थे जो पिछले दो दिनों से शोपियां के हीरपोरा गांव के बोहरीहलान इलाके में एक होटल में ठहरे थे. सूत्रों ने बताया कि एक गाइड भी समूह का हिस्सा था.

यह तुरंत पता नहीं चल पाया है कि जब हमलावरों ने सिंह पर गोलियां चलाईं तो पर्यटक भी मौके पर मौजूद थे या नहीं. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि दोनों पर्यटक सुरक्षित हैं और उन्हें सुरक्षित जगह शिफ्ट कर दिया गया है.

इस बीच, पीड़ित को शोपियां जिला अस्पताल ले जाया गया, अस्पताल के एक डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘उसे पेट में गोली लगी है और उसकी हालत गंभीर है.’

डॉक्टर ने कहा कि पीड़ित को प्राथमिक उपचार दिया गया और बाद में श्रीनगर के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है.

हीरपोरा तनावपूर्ण 

हमले से हीरपोरा और आसपास के इलाकों में तनाव और भय की लहर फैल गई और दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं, जबकि पर्यटक और सड़कों पर घूम रहे लोग मुख्य बाजार से गायब हो गए, जहां रमजान के महीने के कारण आमतौर पर लोगों की भीड़ रहती है.

हमले के बाद शूट किए गए एक वीडियो में एक एम्बुलेंस को जिला अस्पताल से बाहर निकलते हुए देखा जा सकता, जबकि सुरक्षा बलों को अस्पताल के बाहर हाथों में ऑटोमैटिक राइफलों के साथ अपने वाहनों के आसपास घूमते देखा जा सकता है.

हमले के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पुलिस और सेना के जवानों की एक टीम पहुंची और बोहरीहलान और आसपास के इलाकों में तलाशी ली. हालांकि, यह रिपोर्ट लिखे जाने तक मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी.

बोहरीहलान बेहद गरीब गांवों में एक है जो हीरपोरा इलाके में पड़ता है. यह गांव कश्मीर की घाटी में ऐतिहासिक मुग़ल रोड पर है. यह सड़क पीर की गली के जरिये जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले में प्रवेश करती है, जो एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है और जहां हाल के वर्षों में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी देखी गई है.

हीरपोरा के एक स्थानीय निवासी, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर द वायर से बात कहा कि ग्रामीण, जो ज्यादातर गरीब किसानों को पिछले कुछ वर्षों में पर्यटन गतिविधियों के बढ़ने से फायदा हुआ है.

उन्होंने कहा, ‘यह कई बरसों बाद हुआ था कि विदेशी पर्यटक हीरपोरा आए थे. इस घटना ने हमारी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.’

हीरपोरा में एक महत्वपूर्ण वन्यजीव अभयारण्य भी है जो गंभीर रूप से लुप्तप्राय पीर पंजाल मार्खोर का निवास स्थान है. इसके अलावा, हिमालयी भूरे और काले भालू, कस्तूरी मृग, तिब्बती भेड़िये और हिमालयन पाम सिवेट भी वहां पाए जाते हैं.

फरवरी में गोलीबारी के बाद हीरपोरा में हमला इस साल कश्मीर में ऐसी दूसरी घटना है. तब पंजाब के एक युवा सिख दुकानदार अमृतपाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि उनका दोस्त रोहित श्रीनगर के शहीद गुंज इलाके में एक लक्षित हमले में घायल हो गया था.

पिछले अक्टूबर में श्रीनगर और पुलवामा जिलों में एक के बाद एक हुए हमलों में एक जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक इंस्पेक्टर और एक ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले एक प्रवासी मजदूर को गोली मार दी गई थी. जहां प्रवासी श्रमिक की तुरंत मृत्यु हो गई, पुलिस इंस्पेक्टर ने एक महीने बाद अस्पताल में दम तोड़ दिया था.

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