उत्तराखंड: बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मुख्य आरोपी की पुलिस एनकाउंटर में मौत

नानकमत्ता गुरुद्वारे के 'कारसेवा' प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की 28 मार्च को उधम सिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारे में दो बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या के कुछ दिनों बाद पुलिस ने पूर्व आईएएस अधिकारी हरबंश सिंह चुघ और दो अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.

प्रतीकात्मक तस्वीर- गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब. (फोटो साभार: विकिपीडिया)

नई दिल्ली: नानकमत्ता गुरुद्वारे के ‘कारसेवा’ प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में शूटर और मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू मंगलवार तड़के सुबह हरिद्वार के भगवानपुर इलाके में उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में मारा गया.

हिंदुस्तान टाइम्स ने समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से बताया है कि यह जानकारी राज्य के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने दी है.

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने समाचार एजेंसी को बताया कि अमरजीत सिंह नाम का शूटर, जिसके सिर पर एक लाख रुपये का इनाम था, मारा गया है, जबकि उसका साथी भाग गया.

शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स और हरिद्वार पुलिस ने फरार आरोपियों का पता लगाने के लिए एक संयुक्त अभियान शुरू किया है.

पुलिस ने कहा कि अमरजीत सिंह के खिलाफ 16 से अधिक मामले दर्ज हैं.

बता दें कि नानकमत्ता गुरुद्वारे के ‘कारसेवा’ प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की 28 मार्च को उधम सिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारे में दो बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या के कुछ दिनों बाद नानकमत्ता थाने में पूर्व आईएएस अधिकारी हरबंश सिंह चुघ और दो अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिनकी पहचान प्रीतम सिंह और बाबा अनूप सिंह के रूप में की गई थी.

कारसेवा के एक सेवादार जसबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि चुघ ने एफआईआर में नामजद दो अन्य लोगों के साथ मिलकर तरसेम सिंह की हत्या की साजिश रची थी. उन्होंने कथित हत्या की साजिश में अन्य लोगों के शामिल होने का भी दावा किया था.

इससे पहले राज्य पुलिस ने कहा था कि वे हत्या की गहन जांच कर रहे हैं और और अन्य आरोपियों की तलाश में उत्तर प्रदेश और पंजाब में जगह-जगह छापेमारी कर रहे हैं.

इसके अतिरिक्त, मामले के सिलसिले में तीन और संदिग्धों को पकड़ा गया था. पुलिस के अनुसार, वे कथित तौर पर अपराधियों को नियुक्त करने, संसाधन उपलब्ध कराने और हथियारों की आपूर्ति करके अपराध को अंजाम देने में शामिल थे.

डीजीपी कुमार ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने बाबा की हत्या को एक चुनौती के रूप में लिया, एसटीएफ और पुलिस दोनों सक्रियता से अपराधियों की तलाश कर रहे हैं.