नई दिल्ली: केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार (9 अप्रैल) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कहा कि वह चुनाव अवधि के दौरान भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (माकपा) नेता और केरल के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस आईजैक को पूछताछ के लिए न बुलाए.
रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने कहा कि चुनाव अवधि के दौरान किसी उम्मीदवार को तलब करना ‘उचित नहीं’ है. आईजैक आगामी लोकसभा चुनाव में केरल के पथानामथिट्टा निर्वाचन क्षेत्र से वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के उम्मीदवार हैं.
अदालत का ये निर्देश थॉमस आईजैक द्वारा ईडी की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका के संबंध में आया है. उन्होंने मसाला बॉन्ड मामले में ईडी द्वारा जारी किए गए समन को कोर्ट में चुनौती दी थी.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि ईडी के ताजा समन के पीछे एकमात्र उद्देश्य उनके चुनावी अभियान में बाधा डालना है.
लाइव लॉ के अनुसार, पिछले हफ्ते अदालत ने ईडी से इस संबंध में कम से कम एक ऐसे लेनदेन को स्पष्ट करने को कहा था, जो आईजैक के कदाचार को साबित करता हो. इसके बाद ईडी ने सोमवार (8 अप्रैल) को अदालत में कुछ दस्तावेज सौंपे थे, जिस पर पीठ ने कहा था कि कुछ लेनदेन के लिए स्पष्टीकरण की आवश्यकता हो सकती है.
सुनवाई के दौरान जस्टिस रवि ने कहा, ‘मैंने अपने सामने रखी फाइलों को देखा है और मुझे नहीं लगता कि विवरण का खुलासा करना उचित है, क्योंकि ये जांच का सामना कर रहे व्यक्तियों के सामने रखे जाने वाले मामले हैं. हालांकि मुझे लगता है कि कुछ लेन-देन के लिए स्पष्टीकरण की आवश्यकता है, जो ईडी को प्राप्त हुए हैं. क्योंकि चुनाव होने वाले हैं और याचिकाकर्ता भी एक उम्मीदवार है, इसलिए उस पर बाद में अगली सुनवाई पर विचार किया जाएगा.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे लगता है कि इस स्तर पर संसद में प्रतिनिधित्व के लिए चुनाव का सामना कर रहे उम्मीदवार को परेशान करना उचित नहीं है, खासकर तब जब चुनाव होने में एक महीने से भी कम समय बचा है.’
हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 मई को तय की गई है. केरल में 26 अप्रैल को मतदान होना है.
गौरतलब है कि केरल उच्च न्यायालय की टिप्पणी और आईजैक के लिए राहत ऐसे समय में आई है, जब ईडी को केवल विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. विपक्ष ने जांच एजेंसी को ‘भारतीय जनता पार्टी की शाखा’ बताया है. आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की हालिया गिरफ्तारी के बाद यह आलोचना और तेज हो गई है.