उत्तर प्रदेश: हत्या के मामले में पूछताछ के लिए बुलाए गए दलित शख़्स की पुलिस हिरासत में मौत

मामला लखीमपुर खीरी ज़िले के मितौली थाने की है, जहां बीते शुक्रवार एक पांच वर्षीय बच्ची की हत्या के केस में पूछताछ के लिए उसके पड़ोस में रहने वाले 50 वर्षीय आसाराम को बुलाया गया था. इसी शाम आसाराम की मौत हो गई. उनके परिजनों द्वारा प्रताड़ित किए जाने के आरोप के बाद दो पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो साभार: Tum Hufner/Unsplash)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी जिले में हत्या के एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाए गए एक शख्स की पुलिस हिरासत में मौत का मामला सामने आया है.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, घटना मितौली थाने की है, जहां एक नाबालिग की हत्या के सिलसिले में दर्ज केस से संबंधित पूछताछ के लिए लाए गए 50 वर्षीय दलित व्यक्ति आसाराम की शुक्रवार रात मौत हो गई.

पुलिस का कहना हैं कि मृतक ने पेट में दर्द की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. वहीं, मृतक के परिवार ने आरोप लगाया है कि उन्हें बुरी तरह पीटा गया और बिजली के झटके भी दिए गए.

पुलिस के मुताबिक, बीते तीन अप्रैल को मितौली थाने के पकरिया जलालपुर गांव में आसाराम के पड़ोस में रहने वाली और लापता हुई एक पांच साल की बच्ची का शव उसके घर से महज 150 मीटर की दूरी पर मिला था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बताया गया कि बच्ची की मौत गला घोंटने से हुई.

लड़की के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने के बाद मितौली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एक पुलिसकर्मी ने बताया, ‘पुलिस को हत्या में आसाराम की संदिग्ध भूमिका के बारे में बताया गया था, जिसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया. आसाराम शुक्रवार को थाने पहुंचे और कुछ ही समय बाद उन्होंने गंभीर रूप से पेट ने दर्द होने की शिकायत की. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.’

दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज

लखीमपुर खीरी पुलिस ने शनिवार शाम को इस मामले में दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, एडिशनल एसपी नेपाल सिंह ने बताया है कि आसाराम के बेटे की शिकायत पर पिपरचला पुलिस चौकी के इंचार्ज और हेड कॉन्स्टेबल बृज पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है और फिलहाल उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.

दोनों पुलिसकर्मियों पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 342 (गलत तरीके से क़ैद) के तहत मामला दर्ज किया गया है.

पुलिस को दी गई शिकायत में आसाराम के बेटे रोहित ने कहा है कि शुक्रवार सुबह पिपरचला चौकी प्रभारी और हेड कॉन्स्टेबल उनके पिता की तलाश में उनके घर पहुंचे थे, जिसके बाद आसाराम दोपहर में थाने गए. शुक्रवार शाम करीब 7 बजे उन्हें थाने से फोन आया और आकर अपने पिता को ले जाने को कहा गया. जब रोहित ने अपने छोटे भाई को भेजा, जिसे पुलिसकर्मी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गए, जहां आसाराम थे. आसाराम की बिगड़ती हालत के कारण सीएचसी के डॉक्टरों ने उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया, जहां डॉक्टरों ने रात करीब 11:00 बजे उन्हें मृत घोषित कर दिया.

आसाराम के परिजनों का कहना है कि उनके शरीर पर निशान मिले थे, जो कथित तौर पर उन्हें दिए गए थर्ड डिग्री टॉर्चर का नतीजा थे. इस बीच, आसाराम के परिवार के सदस्यों और गांव के निवासियों ने उनके शव के साथ विरोध प्रदर्शन किया और शनिवार सुबह लखीमपुर-मैगलगंज हाईवे को अवरुद्ध कर दिया.

बताया गया है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से बात की थी, जिसके बाद वे रास्ते से हट गए.

खीरी के क्षेत्राधिकारी (सीओ) शमशेर बहादुर सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ‘त्वरित कार्रवाई’ का आश्वासन मिलने के बाद शाम को अपना प्रदर्शन ख़त्म कर दिया था. आसाराम के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है. मामले की जांच शुरू हो गई है.

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