निर्वाचन आयोग ने भाजपा नेता हेमा मालिनी पर ‘अभद्र’ टिप्पणी को लेकर कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला को प्रचार करने से प्रतिबंधित कर दिया है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, यह प्रतिबंध 16 अप्रैल, 2024 को शाम 6 बजे से 48 घंटे के लिए लागू रहेगा. चुनाव आयोग ने कहा है कि सुरजेवाला की टिप्पणियां ‘सेक्सिस्ट, अश्लील और अनैतिक’ थीं. सुरजेवाला ऐसे पहले नेता हैं जिन्हें इस लोकसभा चुनाव में प्रचार से प्रतिबंधित किया गया है.
गुजरात में राजपूत समुदाय के विरोध के बीच केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाला ने राजकोट लोकसभा सीट के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मंगलवार को नामांकन दाखिल करते हुए रूपाला ने समुदाय से ‘देशहित’ में भाजपा का समर्थन करने की एक और अपील की. रूपाला का नामंकन क्षत्रिय समुदाय द्वारा रविवार को एक विशाल सम्मेलन के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंनेको लेकर उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दे. अपने सम्मेलन में क्षत्रिय नेताओं ने रूपाला के खिलाफ कार्रवाई के लिए भाजपा को नामांकन पत्र दाखिल करने के आखिरी दिन 19 अप्रैल तक का समय दिया था. रूपाला के खिलाफ समुदाय का विरोध प्रदर्शन मार्च के आखिरी सप्ताह से चल रहा है. राजकोट में सात मई को मतदान होना है.
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए होने वाले पहले चरण के ठीक पहले कांकेर जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में कम से कम 29 नक्सली मारे गए हैं. द हिंदू के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि 16 अप्रैल को कांकेर जिले में हुई मुठभेड़ में तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गये और मौके से बड़ी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए हैं. आईजी (बस्तर रेंज) पी. सुंदरराज ने बताया कि मंगलवार दोपहर करीब दो बजे छोटेबेठिया पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत बिनागुंडा और कोरोनार गांवों के बीच हापाटोला जंगल में गोलीबारी तब हुई, जब बीएसएफ और राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर थी. उन्होंने जोड़ा कि यह ऑपरेशन प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के उत्तरी बस्तर डिवीजन के वरिष्ठ कैडरों की मौजूदगी के बारे में इनपुट के आधार पर शुरू किया गया था. नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में 19 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि बस्तर क्षेत्र में आने वाले कांकेर निर्वाचन क्षेत्र में आम चुनाव के दूसरे दौर में 26 अप्रैल को मतदान होना है.
सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों के मामले में योग गुरु रामदेव और पतंजलि के एमडी बालकृष्ण को चेतावनी दी है कि वे अन्य चिकित्सा पद्धतियों के बारे में अपमानजनक बयान न दें. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अदालत ने रामदेव और बालकृष्ण को ‘खुद को छुड़ाने के लिए’ उचित कदम उठाने और माफ़ी के लिए एक सप्ताह का समय देते हुए दोनों से सीधे मुखातिब होते हुए कहा कि पिछली न्यायिक चेतावनियों के आदेशों के बावजूद अदालत की अवमानना करने के बाद उनकी बेगुनाही की दलील को तुरंत स्वीकार नहीं किया जा सकता. कोर्ट के सवालों के जवाब में दोनों ने बिना किसी शर्त माफ़ी मांगने की बात कही और रामदेव ने कहा कि उन्होंने कभी भी एलोपैथी सहित चिकित्सा के किसी भी अन्य स्वरूप को बदनाम करने की कोशिश नहीं की.