मणिपुर में लोकसभा चुनाव के मतदान के दौरान हिंसा होने समेत अन्य ख़बरें

द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.

(फोटो: द वायर)

मई 2023 से जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान के दौरान हिंसा की खबरें सामने आई हैं. द हिंदू के अनुसार, सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बीच मोइरंग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत थमनपोकपी में एक मतदान केंद्र पर बदमाशों ने गोलीबारी की, जिसमें कथित तौर पर तीन लोग घायल हुए हैं. इसी तरह इंफाल पूर्वी जिले की थोंगजू विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले एक अन्य मतदान केंद्र पर भी तोड़फोड़ की सूचना मिली. दोनों घटनाएं इनर मणिपुर संसदीय क्षेत्र में हुईं, जिसके अंतर्गत राज्य की मेईतेई बहुल घाटी आती है, जहां से छह उम्मीदवार मैदान में हैं. इस बीच, सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में  इनर मणिपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बिमोल अकोइजाम एक मतदान केंद्र पर केंद्रीय बलों से भाजपा समर्थक उपद्रवियों द्वारा बूथ कैप्चरिंग की शिकायत कर रहे हैं.

लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान शुरू होने के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कांग्रेस और माकपा पर निशाना साधा है. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, राज्य की तीन सीटों पर शुक्रवार को मतदान के बीच बनर्जी ने अपने सहयोगी दलों- कांग्रेस और माकपा पर हमला करते हुए कहा कि वह राज्य में उनका समर्थन नहीं करेंगी क्योंकि वे ‘भाजपा एजेंट’ हैं. मुर्शिदाबाद में एक रैली में ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि सभी चुनाव पूर्व सर्वेक्षण फर्जी थे और भाजपा को 200 से अधिक सीटें नहीं मिलेंगी. उन्होंने जोड़ा, ‘कुछ लोग कहते हैं, हम इंडिया हैं, हमें वोट दें. इंडिया यहां का नहीं, दिल्ली का है. कांग्रेस और माकपा यहां इंडिया नहीं हैं. वे भाजपा हैं. उनके लिए एक वोट का मतलब भाजपा के लिए दो वोट.’ उनका यह भी कहना था की वे आने वाले दिनों में विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करेंगी लेकिन बंगाल में माकपा और कांग्रेस भाजपा की एजेंट हैं, इसलिए वे राज्य में उनका समर्थन नहीं कर रही हैं. ज्ञात हो कि टीएमसी, कांग्रेस और माकपा विपक्षी गठबंधन का हिस्सा हैं लेकिन ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. हालांकि माकपा ने पहले कहा था कि वह टीएमसी और कांग्रेस दोनों से लड़ेगी, लेकिन इन दोनों दलों के बीच बातचीत विफल होने के बाद उसने अपना रुख बदल लिया.

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 (सीएए) को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और असम सरकार से जवाब मांगा है. द टेलीग्राफ के अनुसार, गुवाहाटी निवासी याचिकाकर्ता हिरेन गोहेन की इस याचिका को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने राज्य सरकार और केंद्रीय गृह और विदेश मंत्रालय को नोटिस जारी किया और यह आदेश भी दिया कि नई याचिका को इस मुद्दे पर लंबित याचिकाओं के साथ टैग किया जाए. गोहेन ने अपनी याचिका में कहा है कि बांग्लादेश से असम में अवैध प्रवासियों की अनियंत्रित आमद ने असम में भारी जनसांख्यिकीय परिवर्तन किया है. मूलनिवासी लोग, जो कभी बहुसंख्यक थे, अब अपनी ही भूमि पर अल्पसंख्यक हो गए हैं.’ मालूम हो कि हाल ही में इसी अदालत ने सीएए नियमों के संचालन पर रोक लगाने से इनकार करते हुए केंद्र से उन आवेदनों पर जवाब देने को कहा, जिनमें शीर्ष अदालत द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निपटारा होने तक उनके कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

सरकारी सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती द्वारा अपने हिंदी समाचार चैनल डीडी न्यूज़ के लोगो का रंग बदलकर भगवा करने की आलोचना हो रही है. रिपोर्ट के अनुसार, डीडी न्यूज़ का लोगो पहले लाल था, जिसे अब भगवा कर दिया गया है. साथ ही नए लोगो में देवनागरी लिपि में ‘न्यूज़’ लिखा गया है. विपक्ष और मीडिया विशेषज्ञों ने चैनल के ‘भगवाकरण’ को लेकर आलोचना की है, क्योंकि यह रंग सत्तारूढ़ भाजपा के साथ जुड़ा हुआ है. 2012 से 2016 तक प्रसार भारती में मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे टीएमसी सांसद जवाहर सरकार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘राष्ट्रीय प्रसारक दूरदर्शन ने अपने ऐतिहासिक फ्लैगशिप लोगो को भगवा रंग में रंग दिया है! इसके पूर्व सीईओ के रूप में मैं इसके भगवाकरण को चिंता के साथ देख रहा हूं और महसूस कर रहा हूं- यह अब प्रसार भारती नहीं है- यह प्रचार भारती है!’

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