नई दिल्ली: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई कर लिया है. उन्होंने महिलाओं के 50 किलोग्राम भार वर्ग का कोटा हासिल कर लिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2022 के बाद अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहीं फोगाट ने 50 किलोग्राम वर्ग के सेमीफाइनल में कजाकिस्तान की लौरा गनिक्यज़ी को 10-0 से हराकर 26 जुलाई से 11 अगस्त तक होने वाले ओलंपिक 2024 के लिए कोटा हासिल कर लिया. विनेश यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का प्रमुख चेहरा रहीं हैं.
खबर के अनुसार, 29 वर्षीय विनेश ने एक भी अंक नहीं गंवाया और उन्हें तीन मुकाबले जीतने के लिए महज़ छह मिनट से थोड़ा अधिक समय लगा. बता दें कि किर्गिस्तान के बिश्केक में एशियाई क्वालीफाइंग टूर्नामेंट आयोजित किए जा रहे हैं. विनेश ने एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि यह उनके लिए बहुत मुश्किल रहा. एक समय तो उन्हें ये असंभव लग रहा था. लेकिन ये जीत अभी अधूरी है.
मालूम हो कि 21 अप्रैल 2023 को छह महिला पहलवानों द्वारा बृज भूषण के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी. विनेश ने इस लड़ाई का महीनों तक नेतृत्व किया था और वह इस दौरान कुश्ती से भी दूर रही थीं.
वहीं, विनेश फोगाट के पेरिस ओलंपिक का सपना तब और भी दूर होता दिखने लगा था जब एक अन्य महिला पहलवान अंतिम पंघाल ने 53 किलोग्राम वर्ग में भारत के लिए ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया था. ये विनेश फोगाट का पसंदीदा भार वर्ग था. गौरतलब है कि उस दौरान सिर्फ ओलंपिक ही नहीं, फोगाट का कुश्ती में भी भविष्य अंधकार में दिख रहा था, क्योंकि अगस्त में उन्हें घुटने की चोट के चलते सर्जरी भी करवानी पड़ी थी.
बहरहाल, फोगाट ने हार नहीं मानी और दिसंबर में मैट पर अभ्यास शुरू किया, तब उनका वजन 59 किलोग्राम था, लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत से अपना वजन कम करके ओलंपिक के सबसे कम भार वर्ग 50 किलोग्राम के लिए अपनी दावेदारी पेश की.
ज्ञात हो कि डब्ल्यूएफआई आंदोलन के बाद से बृज भूषण और उनके समर्थक आंदोलनकारी पहलवानों की क्षमता पर सवाल उठाते रहे थे और आरोप लगाते थे कि विनेश, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक प्रमुख टूर्नामेंट में सीधा प्रवेश पाना चाहते थे.
अखबार के मुताबिक, फोगाट ने बताया कि पंघाल के 53 किलोग्राम भार वर्ग में ओलंपिक में क्वालीफाई करने के बाद कम भार वर्ग में कोटा हासिल करना ही विकल्प था. उस समय फोगाट का वजन 56 किलोग्राम था. उन्होंने कहा, ‘अपना वजन घटाकर 50 किलो करना बड़ा स्वास्थ्य जोखिम था. डॉक्टरों ने मुझे ऐसा नहीं करने की सलाह दी थी क्योंकि उन्हें डर था कि इससे चोट लग सकती है. हालांकि, यह मेरे लिए करो या मरो वाली स्थिति थी. अगर मैं स्वस्थ अवस्था में घर पर बैठकर टीवी पर ओलंपिक देखती तो मुझे बहुत पछतावा होता. इसलिए मैंने जोखिम लेने का फैसला किया.’
बता दें कि विनेश 50 किलोग्राम वर्ग में 2018 में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीती थीं और 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में 53 किलोग्राम भार वर्ग में खेली थीं.
इससे पहले, डेढ़ साल तक कुश्ती से दूर रहने के बाद फोगाट ने फरवरी माह में राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में 55 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर शानदार वापसी की थी.