नई दिल्ली: पंजाब के बटाला में किसानों ने रविवार को भाजपा उम्मीदवार दिनेश बब्बू और बरनाला में पार्टी नेता अरविंद खन्ना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. राज्य में विभिन्न जगहों पर किसानों की अधूरी मांगों को लेकर भाजपा नेताओं को कृषक समुदाय के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा उम्मीदवारों और नेताओं को किसानों ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करते समय काले झंडे दिखाए हैं. फरीदकोट सीट से पार्टी उम्मीदवार हंसराज हंस, अमृतसर से तरनजीत सिंह संधू और पटियाला से परनीत कौर पहले ही किसानों का गुस्सा देख चुके हैं.
बटाला के फतेहगढ़ चुरियन में किसानों के एक समूह ने रविवार को बब्बू के खिलाफ नारे लगाए, जो गुरदासपुर लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को उस स्थल की ओर जाने से रोकने की भी कोशिश की, जहां बब्बू और भाजपा समर्थक चुनाव संबंधी कार्यक्रम कर रहे थे.
फतेहगढ़ चुरियन में प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा कि वे भाजपा नेताओं का विरोध करना जारी रखेंगे.
विरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा उम्मीदवार बब्बू ने कहा कि यह केवल उनकी पार्टी है जो उनके मुद्दों को हल कर सकती है जबकि अन्य राजनीतिक दल अपने निहित स्वार्थों के लिए उनका इस्तेमाल करेंगे.
बब्बू ने कहा, ‘हम किसानों के साथ हैं और मैं भी एक किसान हूं. उनके मुद्दों को बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है.’
एक अन्य घटना में भाजपा नेता अरविंद खन्ना को बरनाला में किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा जहां वह प्रचार करने गए थे.
वहां भारी पुलिस बल तैनात किया गया और बैरिकेड्स बढ़ा दिए गए. महिला प्रदर्शनकारियों में से एक ने किसानों को दिल्ली की ओर जाने की अनुमति नहीं देने और उनके खिलाफ ‘बल’ का प्रयोग करने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की.
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से खन्ना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने आए थे लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें कार्यक्रम स्थल की ओर जाने की अनुमति नहीं दी.
हालांकि, खन्ना ने आरोप लगाया कि यह किसान संगठन नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता थे जो इस तरह के विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
खन्ना ने आरोप लगाया, ‘किसान या तो अपने खेतों में (गेहूं की कटाई के लिए) या मंडियों में (गेहूं बेचने के लिए) हैं. ये संगठन (मुख्यमंत्री) भगवंत मान के लोग हैं और ये किसान नहीं हैं.’
इसी बीच, किसानों के गुस्से का सामना कर रहे अमृतसर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि वह एक किसान परिवार से हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया.
उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले किसान पहले ही कह चुके हैं कि वे भाजपा का विरोध करेंगे और लोगों से आगामी लोकसभा चुनाव में भगवा पार्टी को ‘सजा देने’ के लिए कहेंगे.
विभिन्न कृषि संगठनों के प्रति निष्ठा रखने वाले किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून सहित उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र से नाराज हैं. साथ ही, वे दिल्ली की ओर जाने की अनुमति नहीं दिए जाने से भी नाराज हैं, जिससे उन्हें पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी सीमाओं पर डेरा डालने के लिए मजबूर होना पड़ा.
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) सरकार पर अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. उनकी मांग यह भी है कि केंद्र को फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देनी चाहिए.
ज्ञात हो कि किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमाओं पर ठहरे हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके मार्च को रोक दिया था.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि रविवार को अंबाला-अमृतसर मार्ग पर कम से कम 73 ट्रेनें रद्द कर दी गईं क्योंकि किसान पांचवें दिन भी पंजाब के पटियाला जिले के शंभू रेलवे स्टेशन पर पटरियों पर बैठे रहे.
प्रदर्शनकारी मौजूदा आंदोलन के दौरान हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन किसानों की रिहाई की मांग कर रहे हैं. किसान नेताओं ने कहा है कि जब तक तीनों किसानों को रिहा नहीं किया जाता तब तक विरोध जारी रहेगा.
पंजाब की 13 लोकसभा सीटों के लिए आखिरी चरण में 1 जून को मतदान होगा.