भाजपा से जुड़ने के बाद अजित पवार, परिजनों को सहकारी बैंक घोटाले में क्लीन चिट समेत अन्य ख़बरें

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(फोटो: द वायर)

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को क्लीन चिट देने के साथ ही, मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने अब दावा किया है कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) मामले में उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार और भतीजे रोहित पवार के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है. अजित और सुनेत्रा पवार अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट का हिस्सा हैं, वहीं रोहित पवार शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट का हिस्सा हैं. सुनेत्रा बारामती से एनसीपी (एपी) की लोकसभा उम्मीदवार हैं. 35 पेज की क्लोजर रिपोर्ट इस साल की शुरुआत में दायर की गई थी, हालांकि मीडिया को रिपोर्ट का विवरण 24 अप्रैल को मिला. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ईओडब्ल्यू ने क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि बैंक को कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ है और अब तक बैंक ने दिए गए कर्ज से 1,343.41 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है. बता दें कि मामला 2019 का है जब बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया था. मामला इस आरोप से संबंधित है कि एमएससीबी द्वारा उचित प्रक्रियाओं का पालन किए बिना चीनी मिलों को ऋण दिया गया था. वहीं, क्लोजर रिपोर्ट का सीधा असर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जुड़े मामले पर पड़ता है, जिसमें एजेंसी अब तक दो आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है. ईडी ने ईओडब्ल्यू के मामले के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाते हुए एक अलग अपराध दर्ज किया था. ईडी के आरोपपत्र में अजित पवार के अलावा शरद पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट के विधायक प्राजक्त तनपुरे का भी नाम है. ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज किए बुनियादी अपराध के अभाव में, ईडी अपनी जांच जारी नहीं रख सकती है. इससे पहले, मार्च में जब मामला सुनवाई के लिए आया था तो ईओडब्ल्यू ने दावा किया था कि ‘तथ्यों की गलती के कारण’ आपराधिक मामला दर्ज किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि चुनावी प्रबंधन की देखरेख के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग जिम्मेदार है, और अदालत केवल संदेह या निजी रिपोर्ट के आधार पर ऐसे आदेश जारी नहीं कर सकती जो ईवीएम की प्रभावकारिता और वीवीपैट के साथ इसके एकीकरण पर सवाल उठाते हों.अदालत ने कहा कि हम चुनावों को नियंत्रित नहीं कर सकते. हम किसी अन्य संवैधानिक प्राधिकरण के नियंत्रित करने वाली संस्था नहीं हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, अदालत ने आगे कहा कि हमने 2013 में आयोग को वीवीपैट का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया था, जिसका उन्होंने अनुपालन किया, सभी पर्चियों के मिलान का आदेश नहीं दिया था. याचिकाकर्ताओं द्वारा मतपत्र प्रणाली पर लौटने के आग्रह पर अदालत ने कहा कि हम देखेंगे कि मौजूदा प्रणाली को मजबूत करने के लिए क्या करने की जरूरत है. अदालत ने कहा कि आज तक ईवीएम के साथ किसी हैकिंग का पता नहीं चला है.

समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. पार्टी ने बुधवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अखिलेश गुरुवार (25 अप्रैल)को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. बता दें कि कन्नौज सीट पर 13 मई को मतदान होगा. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इससे पहले सपा ने कन्नौज से तेज प्रताप यादव को उम्मीदवार बनाया था, जो अखिलेश के भतीजे और राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं. इस तरह अब याादव परिवार के पांच सदस्य लोकसभा चुनाव के मैदान में हैं, जिनमें मैनपुरी से डिंपल यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, बदाऊं से आदित्य यादव और आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव के नाम शामिल हैं. अखिलेश तीन बार कन्नौज से सांसद रह चुके हैं, वहीं दो बार उनकी पत्नी डिंपल भी यहां से संसद पहुंची हैं.

गैर-लाभकारी संगठन कॉमन कॉज़ और सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) ने संयुक्त रूप से सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें चुनावी बॉन्ड के माध्यम से चुनावी फंडिंग में कथित घोटाले की न्यायिक निगरानी में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच की मांग की गई है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, याचिका में दावा किया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पिछले महीने जारी किए गए चुनावी बॉन्ड के डेटा से पता चलता है कि राजकोषीय लाभ के लिए या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग सहित केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कार्रवाई से बचने के लिए कॉरपोरेट्स द्वारा राजनीतिक दलों को बड़ी संख्या में बॉन्ड के माध्यम से चंदा दिया गया था.

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि उनके गृह राज्य अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले चकमा और हाजोंग समुदायों के 67,000 से अधिक लोगों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की मदद से असम में स्थानांतरित किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘वे यहां मेहमान के रूप में रह रहे हैं. वे यहां नागरिकता का स्थायी निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने के हकदार नहीं हैं.’ उक्त शब्द उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहे. इस दौरान अरुणाचल प्रदेश की भाजपा सरकार के गृह मंत्री भी उनके साथ संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे. रिजिजू ने कहा कि हम इस मुद्दे पर चुपचाप काम कर रहे हैं और असम सरकार से उन लोगों के पुनर्वास के लिए उचित स्थान की पहचान करने का आग्रह किया है. रिजिजू अरुणाचल प्रदेश पश्चिम संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार हैं. उन्होंने कहा कि हमने इस मामले पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ भी बातचीत शुरू की है और पुनर्वास परियोजना के लिए भूमि की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.