नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में असम, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर की कुल 88 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होना है. इन सीटों पर कुल 1,206 प्रत्याशी मैदान में हैं. इस चरण में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के तीन केंद्रीय मंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों, राजस्थान के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों सहित कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है.
पिछले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इस चरण की 88 सीटों में से 51 पर जीत हासिल की थी. एनडीए के सहयोगियों के खाते में 8 सीटें थीं. कांग्रेस के 21 सांसद इस चुनाव में विजयी रहे थे. बची हुई सीटें सीपीएम, बसपा और अन्य के खाते में गई थी. कांग्रेस की यह संख्या केरल की वजह से बढ़ी थी. इस राज्य में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने बीस में से उन्नीस सीटें हासिल की थीं.
मालूम हो कि मध्य प्रदेश की बैतूल लोकसभा सीट पर भी दूसरे चरण में मतदान होना था, लेकिन बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के प्रत्याशी अशोक भलावी के निधन के बाद यहां चुनाव स्थगित कर दिया गया था, जिसके बाद अब यहां तीसरे चरण में सात मई को यहां मतदान होगा.
इन सीटों पर है दिलचस्प मुकाबला
केरल
वायनाड
वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं. बीते लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने यहां 4,31,770 मतों से चुनाव जीता था. हालांकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का ही हिस्सा कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माकपा) से उन्हें इस बार यहां कड़ी टक्कर मिल सकती है. माकपा ने यहां महिला प्रत्याशी एनी राजा को उतारा है. वहीं बसपा से पीआर कृष्णनकुट्टी और भाजपा से के. सुरेंद्रन चुनाव लड़ रहे हैं. वायनाड में पांच निर्दलीय समेत कुल नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.
तिरुअनंतपुरम
यहां से केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, तो वहीं उनके सामने कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर हैं. माकपा ने यहां पन्न्यन रविंद्रन को टिकट दिया है. बसपा से एडवोकेट राजेंद्रन भी चुनावी समर में उतरे हैं. सात निर्दलीय समेत कुल 12 प्रत्याशी यहां से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
अट्टिंगल
इस सीट पर बहुत लोगों की नज़र टिकी हुई है. यहां केंद्रीय राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन की प्रतिष्ठा दांव पर है, जबकि कांग्रेस ने उनके सामने अडूर प्रकाश को अपना प्रत्याशी बनाया है. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) से एडवोकेट वी जॉय और बसपा से एडवोकेट सुरभि एस अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
कर्नाटक
मान्ड्या
इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की साख दांव पर है. कुमारस्वामी की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) का लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन हैं. कांग्रेस ने उनके सामने वेंकटरमण गौड़ा को उतारा है. इस सीट पर सात निर्दलीय समेत कुल 14 प्रत्याशी मैदान में हैं.
मैसूर
कर्नाटक की मैसूर लोकसभा सीट पर भाजपा ने पूर्व राजपरिवार के सदस्य यादुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार पर भरोसा दिखाया है. उनके सामने कांग्रेस ने अपने राज्य प्रवक्ता एम लक्ष्मण को उतारा है. इस सीट पर आठ निर्दलीय समेत 18 प्रत्याशी मैदान में हैं.
बेंगलुरु दक्षिण
भाजपा के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. ये सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है. वरिष्ठ नेता स्वर्गीय अनंत कुमार यहां से कई बार चुनाव जीत चुके हैं. कांग्रेस ने यहां सौम्या रेड्डी को टिकट दिया है. इस सीट पर 12 निर्दलीय समेत कुल 22 प्रत्याशी मैदान में हैं.
जम्मू
जम्मू में कुल 17.81 लाख मतदाता है. यहां भाजपा ने मौजूदा भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा पर भरोसा जताया है, वहीं उनके सामने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री रमन भल्ला खड़े हैं . शर्मा ने यहां 2019 में करीब 3.02 लाख वोटों के अंतर से शानदार जीत हासिल की थी. जुगल किशोर शर्मा को राजनीति का मंझा हुआ नेता माना जाता है, तो वहीं रमन भल्ला अपनी जमीनी सक्रियता के लिए जाने जाते हैं. यहां बसपा से चरणजीत चरगोत्रा भी मैदान में हैं, लेकिन असली टक्कर कांग्रेस और भाजपा की ही मानी जा रही है.
महाराष्ट्र
अमरावती
महाराष्ट्र की अमरावती लोकसभा सीट सुर्खियों में बनी हुई है. इस सीट पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के पोते और रिपब्लिकन सेना के नेता आनंदराज आंबेडकर चुनाव लड़ रहे हैं, जिनका ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी प्रमुख और सासंद असदुद्दीन औवेसी ने समर्थन किया है. अमरावती सीट पर कांग्रेस ने अंबेडकरवादी सामाजिक कार्यकर्ता बलवंत वानखेड़े को मौजूदा सांसद नवनीत कौर राणा के खिलाफ उतारा है. वह हाल ही में भाजपा में शामिल हुई थीं.
इस सीट से अक्सर महिला प्रत्याशी को जीत मिली है. 1980 में ऊषा चौधरी, 1991 में प्रतिभा पाटिल और 2019 में नवनीत राणा यहां से संसद की ओर गयी थीं.
छत्तीसगढ़
राजनांदगांव
राजनांदगांव लोकसभा सीट दूसरे चरण की हाई-प्रोफाइल सीटों में से एक है. यहां से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस की ओर से मैदान में है. दुर्ग के निवासी बघेल के सामने भाजपा ने संतोष पांडेय को टिकट दिया है. बसपा ने यहां देवलाल सिन्हा को अपना प्रत्याशी बनाया है.
महासमुंद
महासमुंद लोकसभा सीट पर इस बार 15 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. कांग्रेस ने पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने रूप कुमारी चौधरी को महासमुंद का प्रत्याशी बनाया है. दोनों उम्मीदवारों का इतिहास देखें, तो रूप कुमारी चौधरी बसना से 2013 का विधानसभा चुनाव जीत चुकी हैं. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी ताम्रध्वज को 2023 के विधानसभा चुनाव में दुर्ग से हार मिली थी.
कांकेर
कांकेर से कुल नौ प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन यहां मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. भोजराज नाग भानुप्रतापपुर विधानसभा के पूर्व विधायक हैं, जिन्हें पहली बार भाजपा ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस से वीरेश ठाकुर को दोबारा लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया है. इससे पहले 2019 का लोकसभा चुनाव वीरेश ठाकुर 5000 मतों के अंतर से हार गये थे.
राजस्थान
जोधपुर
जोधपुर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. बसपा से यहां मंजू मेघवाल और कांग्रेस से करण सिंह उचियारड़ा शेखावत को चुनौती पेश कर रहे हैं. इस सीट पर छह निर्दलीय समेत कुल 15 प्रत्याशी चुनावी मुकाबले में हैं.
कोटा
इस सीट से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. इससे पहले वे 2014 और 2019 में से जीत चुके हैं. ओम बिरला के सामने कांग्रेस ने प्रहलाद गुंजल को टिकट दिया है. बसपा से धनराज यादव भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
झालावाड़-बारां
राजस्थान की झालावाड़-बारां सीट पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ मानी जाती है. 2009 से अब तक यहां से वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह सांसद हैं. दुष्यंत सिंह चौथी बार चुनाव मैदान में हैं. उनके सामने कांग्रेस ने उर्मिला जैन और बसपा ने चंद्र सिंह किराड़ को उतारा है. तीन निर्दलीय समेत कुल सात प्रत्याशी यहां चुनाव लड़ रहे हैं.
जालोर
इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वैभव के सामने भाजपा ने लुंबाराम को उतारा है. यहां बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी मात खानी पड़ी थी और इसकी सबसे बड़ी वजह माली समाज की बड़ी संख्या है. माली समाज के यहां एक लाख से अधिक मतदाता हैं, जो परंपरागत भाजपा के वोटर माने जाते हैं.
चित्तौड़गढ़
चित्तौड़गढ़ हॉट सीट बनी हुई है. यहां भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्र प्रकाश जोशी एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं, तो वहीं कांग्रेस से पूर्व मंत्री अंजना उदयलाल और बहुजन समाज पार्टी से मेघवाल राधेश्याम को टिकट मिला है.
भीलवाड़ा
भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी मैदान में हैं. डॉ. जोशी के सामने उतरने से भाजपा के दामोदर अग्रवाल के लिए चुनौती बढ़ गई है. कांग्रेस ने पहले यहां से गुर्जर समाज के दामोदर गुर्जर को टिकट दिया था, बाद में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को प्रत्याशी बनाया गया.
उत्तर प्रदेश
गौतमबुद्ध नगर
गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) लोकसभा सीट से भाजपा ने लगातार दो बार सांसद रहे डॉ महेश शर्मा को मैदान में उतारा है. उनके सामने सपा ने महेंद्र नागर को उतारा है, जबकि बसपा ने राजेंद्र सोलंकी को टिकट देकर मुकाबले को रोचक बना दिया है. तीनों प्रत्याशी अलग-अलग जातियों से हैं और जातीय समीकरण साधने की कोशिश कर रहे हैं. सपा ने यहां गुर्जर-मुस्लिम-यादव समीकरण बनाने का दांव चला है तो बसपा ने ठाकुर-दलित समीकरण को अपनी जीत का आधार बनाया है, क्योंकि इस सीट पर ठाकुर मतदाता बड़ी संख्या में है, जो भाजपा के परंपरागत वोटर माने जाते है. हालांकि, बसपा के उतरने से महेश शर्मा के जीत की राह थोड़ी मुश्किल जरूर दिखाई देती है.
मथुरा
इस हाईप्रोफाइल सीट से लगातार दो बार फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी चुनाव जीत चुकी हैं. इस बार भाजपा ने उन्हें फिर से मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने मुकेश धनगर को टिकट दिया है. बहुजन समाज पार्टी ने यहां जाट बिरादरी से आने वाले आईआरएस रहे सुरेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है, क्योंकि ये सीट जाट बहुल मानी जाती है. अगर बसपा यहां जाट-दलित वोटों को जोड़ने में कामयाब रही तो कुछ अप्रत्याशित शायद देखने को मिल जाए.
मेरठ
मेरठ लोकसभा सीट इस बार खास बन गई है, इसकी वजह है कि भाजपा ने यहां तीन बार से सांसद रहे राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर ‘रामायण’ सीरियल के अभिनेता अरुण गोविल को मैदान में उतारा है. सपा ने घोषित प्रत्याशी अतुल प्रधान की जगह सुनीता वर्मा को मौका दिया है. यहां बसपा से देवव्रत त्यागी किस्मत आजमा रहे हैं.
2019 में मेरठ सीट पर भाजपा बहुत मामूली वोटों से जीती थी, जब बसपा के याकूब कुरैशी ने राजेंद्र अग्रवाल को कांटे की टक्कर दी थी. मेरठ का चुनाव इस बार भाजपा बनाम बसपा होता नजर आ रहा है. ऐसे में सुनीता वर्मा के लिए कड़ा संघर्ष है.
बिहार
पूर्णिया
पूर्णिया सीट के सुर्खियों में होने की वजह पप्पू यादव हैं, जिन्होंने अपनी जन अधिकार पार्टी का विलय कांग्रेस में कर पूर्णिया से निर्दलीय पर्चा भी भर दिया है. उनका दावा है कि कांग्रेस का हाथ उनके साथ है, लेकिन कांग्रेस यहां राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ गढबंधन में है और आरजेडी ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) से आईं बीमा भारती को अपना उम्मीदवार बनाया है. बीमा भारती जेल में बंद अवधेश मंडल की पत्नी हैं.
स्थानीय लोगों के मुताबिक मुख्य मुकाबला पप्पू यादव और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार संतोष कुमार के बीच है. संतोष कुमार पूर्णिया से 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. पप्पू यादव भी पूर्णिया से तीन बार 1991, 1996 और 1999 में सांसदी का चुनाव जीत चुके हैं. आरजेडी ने उन्हें 2004 और 2014 में मधेपुरा से टिकट दिया था, उन्हें वहां भी जीत मिली थी.
बीमा भारती का यह पहला लोकसभा चुनाव है, इससे पहले वह पूर्णिया जिले और लोकसभा क्षेत्र के अंदर आने वाली रुपौली विधानसभा सीट से पांच बार विधायक रह चुकी हैं. पिछले चार विधानसभा चुनावों में उन्हें लगातार जीत मिली है. इन्होंने 2020 में जदयू की टिकट पर विधायकी का चुनाव जीता था.
किशनगंज
किशनगंज लोकसभा सीट मुस्लिम बहुल मानी जाती है. पिछले तीन लोकसभा चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिली है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की एकमात्र इस सीट पर कांग्रेस को जीत मिल पाई थी. यहां कांग्रेस, जदयू और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के बीच मुकाबला है.
कांग्रेस ने मौजूदा सांसद मोहम्मद जावेद, जदयू ने मुजाहिद आलम और एआईएमआईएम ने अख्तरुल ईमान को टिकट दिया है. नीतीश कुमार की जदयू को यहां अभी तक एक बार भी लोकसभा चुनाव में जीत नहीं मिली है.
राज्यवार सीटें
• केरल (सभी 20 लोकसभा सीटें)- कासरगोड, कन्नूर, वटकारा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्नाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मावेलिककारा, पथानामथिट्टा, कोल्लम, अटिंगल और तिरुवनंतपुरम
• उत्तर प्रदेश – अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, अलीगढ, मथुरा और बुलन्दशहर
• बिहार – किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका
• छत्तीसगढ़ – पराजनांदगांव, महासमुंद, कांकेर
• मध्य प्रदेश – टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद
• राजस्थान – टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारां
• महाराष्ट्र – बुलढाणा, अकोला, अमरावती (एससी), वर्धा, यवतमाल-वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी
• कर्नाटक – उडुपी चिकमंगलूर, हसन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर और मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु सेंट्रल, बेंगलुरु दक्षिण, चिकबल्लापुर और कोलार
• जम्मू एवं कश्मीर – जम्मू
• असम – करीमगंज, सिलचर, दीफू, नागांव और दरांग-उदलगुरी सीट
• मणिपुर – बाहरी मणिपुर
• त्रिपुरा – त्रिपुरा पूर्व
• पश्चिम बंगाल – दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट