हिंंदी पखवाड़े के अंतर्गत हमने हिंदी की कुछ लेखिकाओं से हिंदी साहित्य में स्त्री विमर्श को लेकर परिचर्चा की. उनके जवाब हिंंदी साहित्य में
स्त्री की उपस्थिति की मुकम्मल तस्वीर बनाते हैं, नये प्रश्न भी दे जाते हैं.
दिल्ली के जंतर मंतर पर बिताई भीषण गर्मियों की रातों से लेकर पेरिस के स्वर्ण मेडल मुकाबले तक की उनकी यात्रा राष्ट्रीय इतिहास का दमकता पन्ना है. उनकी कथा हमारा सामूहिक स्वप्न है. उनकी इस यात्रा के साक्षी बरसों बाद अपनी आगामी पीढ़ियों को बताया करेंगे कि वे विनेश फोगाट के समकालीन थे.
गर्मी का संकट सरकार की बेरुख़ी से बढ़ जाता है. शेल्टर होम बहुत कम हैं, बहुत जर्जर स्थिति में हैं. मसलन, दिल्ली गेट के शेल्टर होम की क्षमता 150 बताई जाती है, लेकिन बिल्डिंग का एरिया 3229.28 स्क्वायर फीट है, जिसमें मात्र 65 लोग आ सकते हैं.
दिल्ली के निगम बोध घाट पर अब तक इस महीने 1,101 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है. कोविड महामारी के दौरान जून 2021 में यह संख्या 1,210 रही थी. अनुमान है कि मौतों में हुई अचानक वृद्धि हीटवेव से संबंधित है.
इस बार 797 महिला उम्मीदवार चुनावी मैदान में थीं, जिसमें से 75 ने जीत हासिल है. जहां केरल,गोवा समेत 8 राज्यों में एक भी महिला प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सकी, वहीं पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक दस सीटों पर महिला उम्मीदवार जीती हैं.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में हुए एक कार्यक्रम में विभिन्न प्रेस संगठनों ने पत्रकारिता को दबाव मुक्त रखने का आह्वान किया. यहां मौजूद न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ ने कहा कि मीडिया के पास लोगों तक सच पहुंचाने की ज़िम्मेदारी और आज़ादी, दोनों होने चाहिए.
उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए बेरोज़गारी बड़ी समस्या बन चुकी है. सरकारी नौकरियों का सपना रखने वाले नौजवानों का कहना है कि भर्ती परीक्षाओं का लंबा इंतज़ार, फिर पेपर लीक की समस्या, तो कभी बड़े स्तर पर धांधली के चलते परीक्षाओं का रद्द हो जाना, राज्य में अब सामान्य हो गया है.
उत्तर प्रदेश के आखिरी चरण में 1 जून को 13 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. ये सभी सीटें पूर्वांचल क्षेत्र की हैं, जहां पिछले चुनाव में भाजपा की स्थिति मज़बूत थी. हालांकि, इस बार तस्वीर थोड़ी अलग नज़र आ रही है.
उत्तर प्रदेश में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती का पेपर लीक होने और बढ़ती बेरोज़गारी के चलते युवाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है. भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी और धांधली को लेकर अक्सर ही युवा सड़कों पर संघर्ष करते नज़र आते हैं, वहीं भर्तियों का लंबा इंतज़ार भी उनके भविष्य को अंधकार में धकेल रहा है.
जीबी रोड की ज़्यादातर सेक्स वर्कर्स के लिए लोकसभा चुनाव और उसके नतीज़े के कोई मायने नहीं है. उनका कहना है कि सरकार ने उनके लिए सालों से कुछ नहीं किया, इसलिए अब उम्मीद भी नहीं है. यह इलाका चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में आता है, जहां इस बार मुक़ाबला 'इंडिया' गठबंधन से उतरे कांग्रेस के जेपी अग्रवाल और भाजपा के प्रवीण खंडेलवाल के बीच है.
उत्तर प्रदेश के संभल लोकसभा क्षेत्र के निवासियों और समाजवादी पार्टी का कहना है कि मुस्लिम मतदाताओं को वोट डालने से रोका गया और उनके साथ बदसलूकी की गई. कई मतदाताओं के साथ पुलिस की मारपीट की वीडियो भी सामने आयी हैं.
दृष्टिहीन को दया नहीं बराबरी का मौका चाहिए. एक सामाजिक मुद्दे पर बेहद गंभीरता और शालीनता से बनी यह फिल्म प्रेरणा देती है.
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को असम, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर की कुल 89 सीटों पर मतदान होना है. इस चरण में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के तीन मंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों सहित कई दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है.
नीरज शेखर की राजनीति समाजवादी पार्टी से शुरू हुई थी, वो दो बार सपा की टिकट पर सांसद भी रहे हैं, लेकिन 2019 में भाजपा उन्हें अपने पाले में ले आई और इस बार उन्हें टिकट देकर पार्टी ने परिवारवाद को खुद ही आत्मसात कर लिया.
फुटबॉल में भारत का शानदार इतिहास होने के बाद भी ये खेल आज न तो लोगों के दिलों में है और न ही मैदान में अपनी स्वर्णिम विरासत को आगे लेकर बढ़ पाया है. शायद देश ने फुटबॉल को भुला दिया है, या यूं कहें कि ये खेल राजनीति की भेंट चढ़ गया है.