नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर संज्ञान लिया है.
यह नोटिस राजस्थान के बांसवाड़ा में मोदी के 21 अप्रैल के भाषण पर चुनाव आयोग की निष्क्रियता की कड़ी आलोचना के बाद आया है. पत्रकारों के बार-बार पूछने पर आयोग के एक प्रवक्ता ने 22 अप्रैल को मोदी के भाषण पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था.
रिपोर्ट के अनुसार, आयोग ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को एक ही तरह के नोटिस भेजा है, जो संभवत: सत्तारूढ़ दल के प्रति चुनाव आयोग की नरमी पर गंभीर चिंताओं को दूर करने में कुछ नहीं करेंगे.
प्रधान सचिव नरेंद्र एन. बुटोलिया द्वारा हस्ताक्षरित चुनाव आयोग के दोनों लगभग एक जैसे पत्र 25 अप्रैल को लिखे गए हैं और भाजपा और कांग्रेस के अध्यक्षों- जेपी नड्डा और मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे गए हैं.
पत्रों में कथित एमसीसी उल्लंघनकर्ताओं के नाम का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन उनकी पहचान ‘कुछ (पार्टी के) स्टार प्रचारकों’ के रूप में की गई है. हालांकि, जिन शिकायतों के कारण नोटिस मिला- कांग्रेस की नरेंद्र मोदी और भाजपा की राहुल गांधी के खिलाफ- उन्हें संबंधित पत्रों के साथ संलग्न किया गया है.
चुनाव आयोग ने स्टार प्रचारकों से संबंधित जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 77 को लागू किया और संबंधित पार्टी अध्यक्षों को 29 अप्रैल को सुबह 11 बजे तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
पत्र में कहा गया है, ‘राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों, विशेष रूप से स्टार प्रचारकों के आचरण के लिए प्राथमिक और बढ़ती जिम्मेदारी लेनी होगी. उच्च पदों पर बैठे लोगों के प्रचार भाषणों के अधिक गंभीर परिणाम होते हैं.’
कांग्रेस ने 21 अप्रैल को राजस्थान रैली में मोदी की टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसे व्यापक तौर पर हेट स्पीच बताते हुए निंदा की गई थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार, 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में अपने अभियान के दौरान कहा था, ‘इससे पहले जब उनकी (यूपीए) सरकार सत्ता में थी, उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, जिसका मतलब है कि वे इस संपत्ति को इकट्ठा करेंगे और उन्हें बांट दो- जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उन्हें घुसपैठियों को बांट देंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? क्या आप इसे स्वीकार करते हैं?’ उन्होंने बाद की रैलियों में भी इसी तरह की टिप्पणी की है.
भाजपा की 10 पन्नों की शिकायत, जो इससे पहले 19 अप्रैल को दर्ज की गई थी, में खरगे और गांधी के भाषणों में राम मंदिर, केंद्र सरकार द्वारा कथित तौर पर कर्नाटक के फंड रोकने का आरोप सहित विभिन्न विषयों पर पर आपत्ति जताते हुए भाजपा ने दावा किया है कि वे ‘झूठ’ हैं.