नई दिल्ली: उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग ने शुक्रवार को भीषण रूप ले लिया और आग की लपटें नैनीताल की हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गईं. आग पर काबू पाने के लिए नैनीताल प्रशासन ने वन विभाग के कर्मचारियों और सेना के जवानों को बुलाया है. यदि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाती है तो वे अग्निशमन अभियान में हेलीकॉप्टरों को लगा सकते हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नैनीताल के जिला मुख्यालय के पास लगी आग से पाइंस इलाके में स्थित हाईकोर्ट कॉलोनी के निवासियों के लिए खतरा पैदा हो गया है. इससे यातायात भी बाधित हुआ.
एक निवासी ने बताया, ‘आग ने द पाइंस के पास स्थित एक पुराने और खाली घर को अपनी चपेट में ले लिया है. इससे हाईकोर्ट कॉलोनी को कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह खतरनाक रूप से इमारतों के करीब पहुंच गई है. शाम से आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं.’
आग के पाइंस इलाके के पास स्थित सेना के संवेदनशील ठिकानों तक पहुंचने की आशंका है. जंगल में लगी आग के कारण नैनीताल जिला प्रशासन ने नैनी झील में बोटिंग पर प्रतिबंध लगा दिया है.
नैनीताल के प्रभागीय वन अधिकारी चंद्रशेखर जोशी ने एजेंसी को बताया, ‘हमने आग बुझाने के लिए मनोरा रेंज के 40 कर्मियों और दो वन रेंजरों को तैनात किया है.’
उत्तराखंड के वन विभाग ने कहा है कि 24 घंटों में राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में जंगल में आग लगने की 26 और गढ़वाल क्षेत्र में पांच घटनाएं सामने आईं. आग के कारण 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ.
समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 1 नवंबर से राज्य में जंगल में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आई हैं, जिससे 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ और राज्य को 14 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ.
उत्तराखंड के अधिकारियों ने जखोली और रुद्रप्रयाग में जंगल में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
रुद्रप्रयाग के प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि जंगल की आग को रोकने के लिए गठित टीम द्वारा यह कार्रवाई की गई.
गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक जखोली के तड़ियाल गांव का नरेश भट्ट था, जो जंगल में आग लगाते हुए पकड़ा गया था. भट्ट ने कहा कि वह अपनी भेड़ों को चराने के लिए नई घास उगाने के लिए आग लगा रहे थे.
इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रशासन को अलर्ट रहने और जंगल की आग को रोकने के लिए उपाय करने को कहा है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, धामी ने कहा, ‘जंगल की आग हमारे लिए एक चुनौती है. यह एक बड़ी आग है. हम सभी जरूरी जरूरतों के लिए काम कर रहे हैं. हमने सेना से मदद मांगी है. … हम जल्द से जल्द आग पर काबू पाने की कोशिश करेंगे.’
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी बीच, आग बुझाने के प्रयासों में सहायता के लिए एक हेलीकॉप्टर को भी सेवा में लगाया गया है.
नैनीताल जिले के लरिया कांटा क्षेत्र के जंगल में एक और आग लगने की सूचना मिली है, जिसमें एक आईटीआई भवन आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है.
पिछले एक सप्ताह में राज्य में जंगल की आग की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे 33.34 हेक्टेयर वन भूमि नष्ट हो गई है.
जंगल की आग के कारण बल्दियाखान, ज्योलीकोट, मंगोली, खुर्पाताल, देवीधुरा, भवाली, पिनस, भीमताल और मुक्तेश्वर सहित नैनीताल के आसपास के कई गांव प्रभावित हुए हैं.