नई दिल्ली: पिछले साल आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में दो यात्री ट्रेनों की टक्कर, जिसमें 17 यात्रियों की मौत हो गई और 34 घायल हो गए, की जांच में यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला है कि दुर्घटना के समय ट्रेनों में से एक के लोकोमोटिव पायलट क्रिकेट देख रहे थे.
इस साल मार्च में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दावा किया था कि ‘लोको पायलट और को-पायलट दोनों का ध्यान क्रिकेट मैच के कारण भटक गया था.’
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, ईस्ट कोस्ट रेलवे के सूत्रों के अनुसार, लोको पायलट एसएमएस राव और सहायक लोको पायलट एस. चिरंजीवी – दोनों की दुर्घटना में मृत्यु हो गई – के मोबाइल फोन पर डेटा उपयोग के विश्लेषण से यह संकेत नहीं मिला कि वे क्रिकेट देख रहे थे.
फोन के कॉल विवरण और डेटा उपयोग का विश्लेषण वरिष्ठ मंडल सिग्नल और दूरसंचार इंजीनियर और वाल्टेयर डिवीजन के मंडल सुरक्षा अधिकारी द्वारा किया गया था. हादसे की विस्तृत जांच करने वाले रेलवे सुरक्षा आयुक्त प्राणजीव सक्सेना ने भी अपनी रिपोर्ट में लोको पायलटों के क्रिकेट देखने का कोई जिक्र नहीं किया है.
दो लोको पायलटों के अलावा विशाखापत्तनम-पलासा पैसेंजर के ट्रेन मैनेजर या गार्ड की भी मृत्यु हो गई थी, जब उनकी ट्रेन 29 अक्टूबर, 2023 को विशाखापत्तनम-रायगड़ा पैसेंजर से टकरा गई. सीआरएस जांच में निष्कर्ष निकाला कि ‘ट्रेन के संचालन में त्रुटि’ के कारण दुर्घटना हुई. दुर्घटना के लिए ट्रेन चालक दल और परिचालन स्टाफ सहित अन्य लोगों को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया.
हालांकि, 3 मार्च को रेल मंत्री ने नई दिल्ली में एक समाचार एजेंसी को बताया कि ‘लोको पायलट और को-पायलट दोनों का ध्यान क्रिकेट मैच के कारण भटक गया था. अब हम ऐसे सिस्टम स्थापित कर रहे हैं जो ऐसे किसी भी आशंका (distraction) का पता लगा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि पायलट और सहायक पायलट पूरी तरह से ट्रेन चलाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.’
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि वैष्णव के आरोप की पुष्टि करने के लिए कोई सबूत नहीं है.
वाल्टेयर डिवीजन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘लोको पायलट और उसके सहायक, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई थी, पर ड्यूटी के दौरान क्रिकेट देखने का आरोप लगाना एक ‘गंभीर’ गलती थी. अब इसे साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है… यह सिर्फ एक अफवाह थी. हमने उनकी पत्नी को अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी है.’
हेडफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा
वैष्णव के बयान के बाद रेलवे ने ड्यूटी घंटों के दौरान चालक दल के सदस्यों के बीच ब्लूटूथ हेडफोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था. 19 मार्च के एक सर्कुलर में दक्षिणी रेलवे ने दुर्घटना का उल्लेख किया और कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान यह स्थापित किया गया है कि ट्रेन संख्या 08504 विशाखापत्तनम-रायगड़ा पैसेंजर का चालक दल सिग्नल प्रोटोकॉल का पालन करने में विफल रहा था, जिससे दुर्घटना हुई.
चेन्नई डिवीजन के वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता अखिल एस. आनंद ने आदेश में कहा था, ‘चौंकाने वाली बात यह है कि यह पता चला कि चालक दल के सदस्य अपने मोबाइल फोन पर ब्लूटूथ डिवाइस की मदद से क्रिकेट मैच देख रहे थे. सुरक्षा प्रोटोकॉल की यह घोर उपेक्षा पूरी तरह से अस्वीकार्य है और अनगिनत लोगों की जान को गंभीर खतरे में डालती है.’
ऐसा ही एक सर्कुलर 12 मार्च को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा अधिकारी द्वारा जारी किया गया था.