नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में कई घोटालों की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक अधिकारी की सड़क दुर्घटना में कथित तौर पर मौत हो गई है. इस संबंध में अधिकारियों ने शनिवार (27 अप्रैल) को जानकारी दी, जिसके बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने इस घटना की जांच की मांग की है.
रिपोर्ट के अनुसार, मृत सीबीआई अधिकारी की पहचान पुलिस उपाधीक्षक प्रशांत शर्मा के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात अधिकारी जब अपने कार्यालय से घर लौट रहे थे, तब उनकी मोटरसाइकिल जम्मू शहर के एक निजी स्कूल के बाहर बनिहाल कार्ट रोड पर संतुलन खो बैठी.
ये दुर्घटना शुक्रवार रात करीब 12 बजे हुई, उस समय जम्मू शहर में कथित तौर पर बारिश हो रही थी, इसलिए अधिकारी को गंभीर चोटें आईं.
खबरों के अनुसार, जम्मू के पलौरा इलाके के मांडलिक नगर निवासी शर्मा ने अपने घर के रास्ते में पड़ने वाले स्पीड ब्रेकर पर अपना नियंत्रण खो दिया, जिसके चलते ये हादसा हुआ.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि शर्मा के सिर पर गंभीर चोटें आई थीं. सूत्रों के मुताबिक, एक राहगीर ने अधिकारी को घायल अवस्था में जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) पहुंचाया.
एक रिपोर्ट में बताया गया कि दुर्घटना के समय अधिकारी बिना हेलमेट के रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकिल चला रहे थे. हालांकि, द वायर स्वतंत्र रूप से इस रिपोर्ट की पुष्टि नहीं कर सका है.
इस बीच, शर्मा के परिवार को दुर्घटना की सूचना दी गई, जिसके बाद वे अस्पताल पहुंचे. सूत्रों ने बताया कि शर्मा का निधन उस समय हुआ जब उन्हें उनके परिवार द्वारा विशेष उपचार के लिए पंजाब के एक अस्पताल में ले जाया जा रहा था.
शर्मा का पोस्टमार्टम जीएमसी जम्मू में किया गया, जिसके बाद उनका शव उनके परिवार को सौंप दिया गया है.
एक बयान में जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि 26 अप्रैल को लगभग 11.57 बजे सीबीआई (जम्मू) में तैनात डिप्टी एसपी प्रशांत शर्मा को जम्मू के जीएमसी में भर्ती कराया गया था. इसके बाद उन्हें आगे के इलाज़ के लिए डीएमसी लुधियाना (पंजाब) रेफर किया गया, जहां जाते वक्त उनकी रास्ते में ही मौत हो गई. इसके बाद चिकित्सीय और कानूनी औपचारिकताओं के लिए शव को जीएमसी जम्मू भेज दिया गया.
बता दें कि शर्मा जम्मू-कश्मीर में उन कई घोटालों की जांच का नेतृत्व कर रहे थे, जो 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद पिछले चार वर्षों में सामने आए थे.
इनमें जम्मू-कश्मीर प्रशासन में उप-निरीक्षकों (एसआई) और जूनियर इंजीनियरों (जेई) की नियुक्ति में अनियमितताओं का मामला भी शामिल है, जिसकी चयन सूची को बाद में रद्द कर दिया गया था.
पीडीपी के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री नईम अख्तर ने इस घटना की जांच की मांग की है.
नईम अख्तर ने कहा, ‘इस तथ्य को देखते हुए कि दिवंगत डिप्टी एसपी (उपाधीक्षक) बहुत महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रहे थे, पीडीपी निष्पक्ष, समयबद्ध और विश्वसनीय जांच की मांग करती है. ताकि इस परिस्थिति को लेकर किसी संदेह की गुंजाइश न रहे. हम मृत अधिकारी के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.’
इस घटना के संबंध में जम्मू के पत्रकार तरुण उपाध्याय ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा है कि शर्मा जम्मू-कश्मीर पुलिस में उप-निरीक्षकों की भर्ती से जुड़े पेपर लीक घोटाले सहित महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रहे थे. वह आईएएस अधिकारी नवीन चौधरी के खिलाफ दर्ज मामले की भी जांच कर रहे थे.
नवीन चौधरी पर जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में किरू जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए 4,287 करोड़ रुपये का ठेका देने में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने मामला दर्ज किया था. इस मामले में एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से भी पूछताछ की थी.
गौरतलब है कि शर्मा उस सीबीआई टीम का भी हिस्सा थे, जिसने जम्मू-कश्मीर की झेलम इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड और झेलम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जम्मू में बैंक ऑफ इंडिया की सतवारी शाखा से लिए गए 73 करोड़ रुपये के ऋण के दुरुपयोग की जांच की थी.
केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में हुए घोटालों की जांच भी सीबीआई को सौंपी थी.