सुप्रीम कोर्ट द्वारा केजरीवाल की गिरफ़्तारी के समय पर ईडी से सवाल करने समेत अन्य ख़बरें

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(फोटो: द वायर)

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (30 अप्रैल) को 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर प्रवर्तन निदेशालय से सवाल किया. लाइव लॉ के अनुसार, जस्टिस संजीव खन्ना ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा, ‘स्वतंत्रता अत्यंत महत्वपूर्ण है, आप इससे इनकार नहीं कर सकते. आखिरी सवाल गिरफ्तारी के समय के संबंध में है, जो आम चुनाव से ठीक पहले है. ईडी को शुक्रवार को जवाब देने के लिए कहा गया है. बता दें कि जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने इस सप्ताह अदालत में मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी, खासकर इसके समय पर गंभीर सवाल उठाए थे. केजरीवाल को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

पतंजलि फूड्स को जीएसटी खुफिया विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजा है, जिसमें कंपनी से यह बताने को कहा गया है कि उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्यों नहीं वसूला जाना चाहिए. 26 अप्रैल को कंपनी द्वारा की गई एक नियामक फाइलिंग के अनुसार, योग गुरु बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद समूह की इस कंपनी, जो मुख्य रूप से खाद्य तेल व्यवसाय में है, को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (चंडीगढ़ जोनल यूनिट) से नोटिस मिला है. द हिंदू के मुताबिक, पतंजलि फूड्स ने कहा है कि अभी तक प्राधिकरण ने केवल कारण बताओ नोटिस जारी किया है और कंपनी प्राधिकरण के समक्ष अपने मामले का बचाव करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगी.

कर्नाटक के हासन से सासंद और लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी जनता दल (सेक्युलर) (जेडीएस) के मौजूदा उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के कथित यौन उत्पीड़न मामले के तूल पकड़ने के बाद जेडीएस ने अपनी पार्टी की कोर कमेटी बैठक में रेवन्ना को पार्टी से निलंबित करने का फ़ैसला किया है. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा, ‘प्रज्वल का निलंबन एसआईटीजांच पूरी होने तक है. मैंने गलत करने वाले का कभी बचाव नहीं किया, लेकिन इस विवाद में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा का नाम लेना गलत है. कांग्रेस हमारे परिवार में फूट डालने की कोशिश कर रही है.’ मालूम हो कि प्रज्वल रेवन्ना पर यौन उत्पीड़न, सैकड़ों सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने, धमकाने और साज़िश रचने के आरोप हैं. प्रज्वल पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते हैं. प्रज्वल रेवन्ना के पिता कर्नाटक में विधायक हैं और चाचा पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी हैं. प्रज्वल पर विदेश भाग जाने के आरोप लग रहे हैं.

चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल होने वाले इंदौर लोकसभा क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम द्वारा 23 अप्रैल को नामांकन दाखिल करने के अगले ही दिन यानी 24 अप्रैल को इंदौर की एक जिला अदालत ने 17 साल पुराने एक केस में उनके ऊपर हत्या के प्रयास के तहत आरोप तय कर दिए थे. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उक्त केस जमीन विवाद का था. इसके बाद ही 29 अप्रैल को मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने घोषणा की थी कि बम अपना नामांकन वापस लेने के बाद भाजपा में शामिल हो गए हैं. आदेश इंदौर जिला अदालत की न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) निधि नीलेश श्रीवास्तव ने दिया था, जिसमें बम को अपने पिता के साथ 10 मई को उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था. गौरतलब है कि इंदौर में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को मतदान है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बम के खिलाफ मामले में आईपीसी की धारा 307 जोड़े जाने के बाद उन पर अपना नामांकन वापस लेने का दबाव था. अदालती रिकॉर्ड के अनुसार, घटना 4 अक्टूबर 2007 की है.

गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल के निर्विरोध चुने जाने के कुछ दिनों बाद, गुजरात हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक मतदाता द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें दलाल को विजयी उम्मीदवार घोषित किए जाने को चुनौती दी गई थी. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता जिस आधार पर परिणाम को चुनौती दे रहा है, वह जनहित याचिका नहीं, बल्कि चुनाव याचिका के दायरे में आएगा. अदालत ने यह भी कहा कि निर्विरोध चुने गए उम्मीदवार के लिए कोई अलग मानदंड नहीं है, वह मतदान और मतगणना की प्रक्रिया के बाद चुनाव जीतने वाले व्यक्ति के समान स्थिति में होगा. याचिका सूरत लोकसभा क्षेत्र के एक मतदाता भावेशभाई पटेल द्वारा दायर की गई थी.