नई दिल्ली: कर्नाटक में भाजपा से निष्कासित केएस ईश्वरप्पा के बेटे केई कंतेश ने बेंगलुरु की एक अदालत से एक अस्थायी निषेधाज्ञा आदेश प्राप्त किया है, जो मीडिया को उनसे संबंधित किसी भी स्पष्ट चित्र या वीडियो को प्रकाशित या प्रसारित करने से रोकता है.
ईश्वरप्पा शिवमोग्गा संसदीय क्षेत्र से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट पर 7 मई को मतदान होगा.
द न्यूज मिनट की रिपोर्ट की के अनुसार, कंतेश ने मूल मुकदमा 50 समाचार और सोशल मीडिया मंचों के खिलाफ दायर किया था. कोर्ट का हालिया आदेश एकपक्षीय (ex parte) हैं और 27 अप्रैल को 6वें अतिरिक्त शहर सिविल और सत्र न्यायाधीश डीपी कुमारस्वामी द्वारा पारित किए गए हैं. मामले में अगली सुनवाई 3 अगस्त को होगी.
कंतेश की ओर से पेश वकील एम. विनोद कुमार ने कहा कि प्रतिवादी वादी के खिलाफ कई मामलों को इंटरनेट प्लेटफॉर्म, टीवी चैनलों और समाचार पत्रों पर अपलोड और प्रकाशित कर रहे थे जो मानहानिकारक थे. प्रतिवादी कंतेश की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं और ये प्रयास ऐसे महत्वपूर्ण समय में किए जा रहे हैं जब लोकसभा चुनाव चल रहे हैं.
यह आदेश ऐसे समय आया है जब पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना और उनके यौन अपराधों के लीक हुए वीडियो पर हंगामा मचा हुआ है. प्रज्वल हासन से सांसद हैं.
प्रज्वल के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने 70 से अधिक महिलाओं के यौन शोषण के करीब 3,000 वीडियो बनाए थे.
2023 में प्रज्वल को 86 मीडियो संस्थानों के खिलाफ इस आधार पर निषेधाज्ञा आदेश मिला था कि वीडियो फेक थे.
कंतेश, जो भाजपा के टिकट पर हावेरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की उम्मीद लगा रहे थे, उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को टिकट देकर किनारे कर दिया गया है.
वे फ़िलहाल अपने पिता ईश्वरप्पा के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं, जिन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर शिवमोग्गा सीट से बीएस येदियुरप्पा के बेटे बीवाई राघवेंद्रन के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला किया है. राघवेंद्रन इस सीट से मौजूदा सांसद हैं.