नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार और राज्यपाल सीवी आनंद बोस के बीच लंबे समय से चल रहा गतिरोध गुरुवार (2 मई) को उस समय और गहरा गया जब टीएमसी ने राजभवन में एक महिला संविदा कर्मचारी के मामले को उठाया, जिन्होंने आरोप लगाया है कि राज्यपाल ने उसके साथ छेड़छाड़ की थी.
बोस ने पलटवार करते हुए कहा कि सच्चाई की जीत होगी और वह इस तरह के ‘गढ़े जा रहे नैरेटिव से नहीं डरेंगे.’
इसी बीच, राज्यपाल ने गुरुवार रात एक आदेश जारी कर पुलिस और राज्य के वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के राजभवन में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बोस ने कहा, कहा, ‘अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी फायदा पाना चाहता है, तो भगवान उनका भला करे, लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते.’
बोस का बयान टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं के उस दावे के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि महिला को थाने ले जाया गया जहां उन्होंने अपनी शिकायत दर्ज कराई.
हेयर स्ट्रीट थाने में दर्ज शिकायत में महिला ने दो बैठकों, एक 24 अप्रैल को और दूसरी गुरुवार (2 मई की) का जिक्र करते हुए बताया है कि वह राजभवन में अनुबंध के आधार पर काम करती है और स्टाफ क्वार्टर में रहती है.
इसमें कहा गया है, ‘19.4.24 को गवर्नर सर ने मुझे कुछ समय निकालने और अपने सीवी के साथ उनसे मिलने के लिए कहा. 24.04.2024 को दोपहर करीब 12.45 बजे उन्होंने मुझे अपने कार्यालय में बुलाया और कुछ देर बातचीत के बाद मुझे छुआ. मैं किसी तरह ऑफिस रूम से निकलने में कामयाब रही. उन्होंने दिनांक 02.05.2024 को एक बार फिर मुझे फोन किया. मैं अपने सुपरवाइज़र को अपने साथ कॉन्फ्रेंस रूम में ले गई क्योंकि मैं डरी हुई थी. कुछ देर काम के बारे में बात करने के बाद उन्होंने सुपरवाइज़र को जाने के लिए कहा. उन्होंने मेरे प्रमोशन की बात कहकर बातचीत को लंबा खींचा. उन्होंने कहा कि वह मुझे रात में फोन करेंगे और मुझसे किसी को न बताने के लिए कहा. जब मैंने मना किया तो उन्होंने मुझे छूने की कोशिश की. मैंने विरोध किया और वहां से निकल गई.’
राजभवन के सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला, एक सहकर्मी की मदद से निर्वाचन आयोग को भेजी जाने वाली (लोगों की) शिकायतों को रोक रही थीं और जब उन्हें ‘उसके लिए डांटा गया’ तो उन्होंने छेड़छाड़ का आरोप लगाया.
शिकायत की पुष्टि करते हुए सेंट्रल डिविजन की डिप्टी कमिश्नर इंदिरा मुखर्जी ने कहा, ‘शाम करीब 5 बजे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. इसे हेयर स्ट्रीट थाने को भेज दिया गया है. शिकायत महामहिम राज्यपाल को लेकर है. इसे लेकर पूछताछ जारी है.’
संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपाल को मिली छूट के बारे में पूछे जाने पर मुखर्जी ने कहा, ‘एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई है और हम जांच कराने के लिए बाध्य हैं. यह एक संवेदनशील शिकायत है. हम अपने कानून विभाग और संवैधानिक विशेषज्ञों से बात करेंगे. मैं विवरण नहीं दे सकती, लेकिन शिकायत के अनुसार, घटनाएं राजभवन के अंदर हुईं – और एक से अधिक बार. हमने महिला से भी बात की है.’
रिपोर्ट के अनुसार, कई बंगाली समाचार चैनलों द्वारा एक वीडियो प्रसारित किया गया, जिसमें एक महिला की फोन पर बात करते हुए धुंधली फुटेज दिखाई दे रही है. वीडियो में महिला यह कहते हुए सुनाई दे रही है कि अगर उसने अभी विरोध नहीं किया तो भविष्य में अन्य महिलाओं पर भी इसका असर पड़ेगा.
यह शिकायत ऐसे समय में सामने आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए कोलकाता पहुंचे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को राजभवन पहुंचे थे. शुक्रवार (3 मई) को उनका कृष्णानगर, बोलपुर और बीरभूम लोकसभा क्षेत्रों में तीन चुनावी रैलियों को संबोधित करने का कार्यक्रम है.
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने बोस की आलोचना की है.
टीएमसी की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने ऑनलाइन पोस्ट मे कहा, ‘नरेंद्र मोदी की कोलकाता यात्रा से पहले… एक महिला ने आरोप लगाया है कि जब वह गुरुवार राजभवन में राज्यपाल से मिलने गई थी तो उसके साथ छेड़छाड़ की गई… चौंकाने वाला और शर्मनाक.’
राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा, ‘यह क्या है? पीएम आज रात आएंगे और राजभवन में रुकेंगे. इस समय राज्यपाल पर एक महिला पर अत्याचार का आरोप लग रहा है…यह शर्म की बात है.’
राज्यपाल ने राजभवन में पुलिस, राज्य के वित्त मंत्री के प्रवेश पर रोक
गुरुवार रात जारी एक बयान में राजभवन ने मंत्री पर पलटवार करते हुए कहा, ‘राज्यपाल के खिलाफ मानहानि और संविधान विरोधी मीडिया बयानों के लिए चंद्रिमा भट्टाचार्य को कोलकाता, दार्जिलिंग और बैरकपुर के राजभवन परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्यपाल ने यह भी निर्देश दिया है कि वह मंत्री की मौजूदगी वाले किसी भी समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे. मंत्री के खिलाफ आगे के कानूनी कदमों पर सलाह के लिए भारत के अटॉर्नी जनरल से संपर्क किया गया है.’
राज्यपाल ने राजभवन परिसर में पुलिस के प्रवेश पर भी रोक लगा दी है.
बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने चुनाव के दौरान राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए अनधिकृत, नाजायज, दिखावटी और प्रेरित ‘जांच’ की आड़ में राजभवन परिसर में पुलिस के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया.
इसके बाद पश्चिम बंगाल की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘यह वही राज्यपाल हैं जो महिलाओं के अधिकारों और नारी शक्ति के बारे में बात करने के लिए संदेशखाली पहुंचे थे. यह शर्मनाक है कि राज्यपाल ने उन्हें स्थायी नौकरी देने के बहाने अनुचित लाभ मांगा. हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो बंगाल में रैलियों को संबोधित करेंगे, इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दें.’