दिल्ली: देश की शीर्ष महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी और कैसरगंज (उत्तर प्रदेश) से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का पार्टी ने टिकट काटते हुए उनके बेटे करण शरण सिंह को मैदान में उतारा है. सत्ताधारी दल के इस फैसले से महिला पहलवान नाराज हैं. कैसरगंज में 20 मई को पांचवें चरण में मतदान है.
महिला पहलवान ने क्या कहा?
कई महिला पहलवानों के गंभीर आरोपों के बावजूद कैसरगंज का टिकट बृजभूषण के परिवार को जाने से सोशल मीडिया पर आक्रोश देखने को मिल रहा है.
ओलंपिक पदक जीतने वाली देश की पहली और एकमात्र महिला पहलवान साक्षी मलिक ने एक्स पर लिखा है, ‘देश की बेटियां हार गईं, बृजभूषण जीत गया. हम सबने अपना करिअर दांव पर लगाया, कई दिन धूप, बारिश में सड़क पर सोए. आज तक बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं किया गया. हम कुछ नहीं मांग रहे थे, सिर्फ इस्तीफा की मांग थी. गिरफ्तारी छोड़ो, आज उसके बेटे को टिकट देकर आपने देश की करोड़ों बेटियों का हौसला तोड़ दिया है. टिकट जाएगी तो एक ही परिवार में, क्या देश की सरकार एक आदमी के सामने इतनी कमजोर होती है? प्रभु श्री राम के नाम पर सिर्फ वोट चाहिए, उनके दिखाए मार्ग का क्या?’
साक्षी मलिक ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हुए प्रदर्शन में अग्रणी भूमिका निभाई थी. करण को टिकट दिए जाने को लेकर साक्षी ने जो पोस्ट लिखा है, उसमें उन्होंने बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट को टैग किया है.
बीजेपी अपने आपको दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी मानती है पर अपने लाखों कार्यकर्ताओं में से बृजभूषण के बेटे को टिकट दिया, वह भी जब प्रजव्वल रेवन्ना के मामले पर बीजेपी घिरी हुई है।
पंजाब हरियाणा के आंदोलनों में एक नारा यहाँ के लोग लगाते हैं, “सरकारों से ना आस करो, अपनी रखवाली आप करो।”… pic.twitter.com/6xvFMnfjAT
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) May 2, 2024
बजरंग पुनिया ने एक एक्स पोस्ट में लिखा है, ‘भाजपा आपने आप को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी मानती है, पर अपने लाखों कार्यकर्ताओं में से बृजभूषण के बेटे को टिकट दिया, वह भी जब प्रज्वल रेवन्ना के मामले पर भाजपा भाजपा घिरी हुई है. पंजाब हरियाणा के आंदोलनों में एक नारा यहां के लोग लगाते हैं, सरकारों से ना आस करो, अपनी रखवाली आप करो. यह देश का दुर्भाग्य है कि मेडल जीतने वाली बेटियां सड़कों पर घसीटी जाएंगी और उनका यौन शोषण करने वाले के बेटे को टिकट देकर सम्मानित किया जाएगा.’
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पुनिया ने कहा है, ‘बृजभूषण शरण सिंह के बेटे को टिकट देकर भाजपा ने दिखाया है कि वे महिलाओं की आवाज़ को महत्व नहीं देते हैं और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं हैं. यह शर्मनाक है कि सरकार एक ऐसे व्यक्ति का समर्थन कर रही है, जिसने देश की बहन और बेटियों का यौन उत्पीड़न किया है. …ऐसे व्यक्ति के बेटे को टिकट देना, उसे (बृजभूषण शरण सिंह) टिकट देने के बराबर है. सत्ता तो बाप के पास ही रहेगी. बेटा तो बस दिखावे के लिए है.’
कौन हैं करण शरण सिंह?
करण शरण सिंह, सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के तीन बेटों में सबसे छोटे हैं. 28 साल के करण इस साल फरवरी में ही उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष बने थे, यानी राजधानी दिल्ली में जब साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, आदि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थीं, तब करण यूपी कुश्ती संघ की कुर्सी संभाल रहे थे.
करण खुद भी राष्ट्रीय स्तर के ट्रैप शूटर रहे हैं. 2024 के आम चुनाव से वह पहली बार मुख्यधारा की राजनीति में कदम रखने जा रहे हैं. बृजभूषण सिंह के बड़े बेटे प्रतीक भूषण सिंह गोंडा सदर से भाजपा विधायक हैं.
बृजभूषण शरण सिंह पर क्या हैं आरोप?
छह बार के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पांच बार कैसरगंज से चुने गए हैं. महिला पहलवानों ने उन पर आरोप लगाए हैं कि भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने उनका उत्पीड़न किया.
सिंह के खिलाफ दो एफआईआर में यौन उत्पीड़न की कम से कम 15 घटनाओं का विवरण दिया गया है, जिसमें गलत तरीके से छूने और छेड़छाड़ के 10 प्रकरण शामिल हैं. उन पर महिला पहलवानों के स्तन पर हाथ रखने, नाभि छूने, पीछा करने सहित डराने-धमकाने के कई आरोप हैं.