जम्मू-कश्मीर: पुंछ में भारतीय वायुसेना के क़ाफ़िले पर आतंकी हमले में एक जवान शहीद, 4 घायल

शहीद की पहचान कॉरपोरल विक्की पहाड़े के रूप में हुई है. हमला शनिवार शाम करीब छह बजे हुआ जब पुंछ के सुरनकोट इलाके में भारतीय वायुसेना के जवानों का क़ाफ़िला आतंकियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले की चपेट में आ गया.

भारतीय वायुसेना का ट्रक जिसकी विंडस्क्रीन पर गोलियों के निशान देखे जा सकते हैं. (फोटो साभार: https://twitter.com/manaman_chhina)

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शनिवार (4 मई) को भारतीय वायु सेना के एक काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में एक जवान की मौत हो गई, वहीं चार अन्य जवान घायल हो गए. भारतीय वायु सेना ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर इस घटना की जानकारी दी.

रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि यह हमला शनिवार शाम करीब छह बजे हुआ, जब पुंछ के सुरनकोट इलाके में भारतीय वायुसेना के जवानों का एक छोटा काफिला भारी गोलीबारी की चपेट में आ गया. सूत्रों के अनुसार, जवान जरनवली से शाहसितार वायु सेना स्टेशन की ओर जा रहे थे, तभी उन पर घात लगाकर हमला किया गया.

सूत्रों ने आगे बताया कि वायुसेना के दो वाहनों पर दो-तीन तरफ से गोलाबारी हुई, लेकिन उनमें से केवल एक को ही ज्यादा नुकसान पहुंचा. वहीं, हमलावर इलाके से भागने में सफल रहे. इस बीच, इलाके में अतिरिक्त बलों को भेजा गया, जिन्होंने क्षतिग्रस्त वाहनों को शाहसितार स्थित सेना के बेस तक पहुंचाया. राष्ट्रीय राइफल की एक इकाई ने इस क्षेत्र की चारों ओर से घेराबंदी कर दी है.

एक अधिकारी ने बताया कि इलाके में तलाशी अभियान जारी है. उन्होंने कहा कि घायल जवानों को इलाज के लिए हवाई मार्ग से उधमपुर में सेना के कमांड अस्पताल ले जाया गया है.

हमले के एक वीडियो में एक वाहन की सामने की विंडशील्ड पर गोली लगने का निशान दिखाई दे रहा है, जिसे आतंकवादियों ने निशाना बनाया था. विंडशील्ड पर कम से कम 24 गोलियों के निशान हैं, जिससे पता चलता है कि हमलावर पहले से ही अपने लक्ष्य का इंतजार कर रहे थे.

शहीद की पहचान कॉरपोरल विक्की पहाड़े के रूप में हुई है.

पुंछ का ये हमला इस साल पीर पंजाल क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हुआ पहला बड़ा हमला है, जहां भारी हथियारों से लैस और उच्च प्रशिक्षित आतंकवादियों के एक समूह ने साल 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद  सुरक्षा बलों को भारी नुकसान पहुंचाया है.

मालूम हो कि पिछले साल 22 नवंबर को निकटवर्ती राजौरी जिले में एक मुठभेड़ में दो कैप्टन सहित चार भारतीय सेना के अधिकारी मारे गए थे. इस मुठभेड़ में कथित तौर पर एक आतंकवादी भी मारा गया था.

जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद कश्मीर घाटी में आतंकवाद से संबंधित हिंसा और आतंकी संगठनों में स्थानीय भर्ती में काफी कमी आई है, लेकिन अब संघर्ष का केंद्र जम्मू बन गया है जो 5 अगस्त 2019 से पहले एक आतंकवाद-मुक्त क्षेत्र हुआ करता था.

साल 2019 के बाद से राजौरी में सुरक्षा बलों और नागरिकों पर सबसे घातक हमलों में से कुछ की सूचनाएं मिली हैं. राजौरी के बुद्धल इलाके में एक घात लगाकर किए गए हमले में सेना की विशेष बल इकाई के पांच सैनिक मारे गए थे, जबकि पिछले साल मई में एक आईईडी विस्फोट में एक अधिकारी घायल हो गया था.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस हमले की निंदा करते हुए इसे कायरतापूर्ण आतंकी हमला बताया है.