भारतीय परिवारों की बचत घटने और देनदारियां बढ़ने समेत अन्य ख़बरें

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(फोटो: द वायर)

भारतीय परिवारों की बचत घटी और देनदारियां बढ़ी हैं. वित्त वर्ष 2012 से वित्त वर्ष 2022 के बीच (कोविड-19 वाले वित्त वर्ष 2021 को छोड़कर) परिवारों की कुल वित्तीय बचत 7% से 8% के बीच रही, जो वित्त वर्ष 2023 में गिरकर 5.3% रह गई. द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, बचत का यह आंकड़ा लगभग पांच दशकों में सबसे कम है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 में परिवारों की सकल वित्तीय बचत 29.7 ट्रिलियन रुपये थी, जबकि देनदारियां 15.6 ट्रिलियन रुपये थीं. वित्त वर्ष 2023 की तुलना वित्त वर्ष 2013 से करें तो देनदारियां 73% बढ़ी हैं, जबकि बचत केवल 14% बढ़ी है. वैसे, यह कोई नया खुलासा नहीं है. ये आंकड़े पिछले साल सितंबर में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए थे. हालांकि, उस समय वित्त मंत्रालय ने कहा था कि उपभोक्ता की बदलती प्राथमिकताएं परिवारों की वित्तीय बचत में गिरावट का असली कारण हैं, इसलिए ये संख्याएं ग्रामीण संकट का संकेत नहीं हैं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मंगलवार (7 मई) को भी जमानत नहीं मिली. दिल्ली शराब नीति (अब रद्द) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 21 मार्च से गिरफ्तार केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. 7 मई को जमानत पर फैसला आने की संभावना थी लेकिन नहीं आया. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट आने वाले सप्ताह में फैसला सुना सकता है. अदालत में ईडी की तरफ से पेश होने वाले वकील तुषार मेहता ने केजरीवाल को जमानत दिए जाने का विरोध किया है. उनका तर्क है कि केजरीवाल को विशेष तरजीह देने पर आम लोगों में गलत संदेश जाएगा. इस बीच मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ही सीबीआई और ईडी की विशेष जज कावेरी बावेजा ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 20 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, आप नेता को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश किया गया था.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार (7 मई) को मीडिया से बातचीत में  कहा कि मुसलमानों को आरक्षण मिलना ही चाहिए. उनके इस बयान को आधार बनाकर नरेंद्र मोदी ने इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा है कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन की खतरनाक साजिश का पर्दाफाश हो चुका है. जब मामले ने तूल पकड़ा तो लालू यादव ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने न सिर्फ आरक्षण को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की, बल्कि नरेंद्र मोदी को आरक्षण विरोधी भी बताया. लालू यादव ने कहा कि आरक्षण का आधार धर्म नहीं बल्कि सामाजिक पिछड़ापन होता है. उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन हमने लागू करवाया है. साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या  उन्होंने कभी मंडल कमीशन और उसकी सिफ़ारिशें पढ़ी हैं? साथ ही, उन्होंने उल्लेख किया कि कमीशन में 3500 से अधिक पिछड़ी जातियों को आरक्षण मिलता है, जिसमें अन्य धर्मों की भी सैकड़ों जातियां शामिल हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बाबा साहेब के संविधान और जननायक कर्पूरी ठाकुर जी द्वारा दिए गए आरक्षण को खत्म करने की संघियों और भाजपाइयों की पुरानी ख्वाहिश और साजिश रही है. सन 2000 में भाजपा की एनडीए सरकार ने तो ‘संविधान समीक्षा आयोग’ ही गठित कर दिया था.

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने वीडियो संदेश जारी कर भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है. वीडियो संदेश में सोनिया गांधी ने कहा है कि आज देश के हर कोने में युवा बेरोजगारी, महिला अत्याचार, दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक भयंकर भेदभाव झेल रहे हैं. ऐसा माहौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की नीयत की वजह से है. उनका ध्यान किसी भी कीमत पर सिर्फ सत्ता हासिल करना है. गांधी ने मोदी और भाजपा पर राजनीतिक लाभ के लिए नफरत को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और मैंने हमेशा सभी की तरक्की और वंचितों को न्याय दिलाने के साथ ही देश को मजबूत करने के लिए संघर्ष किया है. उन्होंने जनता से मदद की अपील करते हुए कहा कि हमारा न्याय पत्र और हमारी गारंटियों का मकसद भी देश को एकजुट रखना और गरीबों, महिलाओं, किसानों, श्रमिकों और वंचित समुदायों को ताकत देना है. कांग्रेस और इंडिया गठबंधन संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए समर्पित है.