पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मोदी सरकार का महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत मिशन किसी काम का नहीं है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि लोगों के बीच फूट पैदा करने वाले देश के सच्चे नेता नहीं हो सकते हैं.
ममता ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक आदर्श नेता को महात्मा गांधी या नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जैसा होना चाहिए.
उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, एक नेता को सामने से आकर नेतृत्व करना चाहिए और सच्चे नेता लोगों के बीच विभाजन पैदा नहीं करते हैं. देश के एक नेता को हर एक को साथ लेकर चलना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कभी किसी खास समुदाय को नहीं चुना बल्कि लोगों को चुना.
ममता ने कहा, हिंदू धर्म हमें कभी फूट डालना नहीं सिखाता. यह धर्म हमें अन्य धर्मों से भी प्यार करना सिखाता है. मैं अपने धर्म से प्यार करूंगी और अन्य धर्म से भी.
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में 31 प्रतिशत मुस्लिम हैं, 23.6 प्रतिशत अनुसूचित जाति (एससी) और 38 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) हैं.
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने हैरानी जताते हुए कहा, तो दिल्ली मुझे राम के बारे में बात करने और रहीम के बारे में नहीं बात करने के लिए कैसे निर्देश दे सकती है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदूषण प्रभावित दिल्ली का मुद्दा एक बार फिर उठाते हुए मंगलवार को कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत मिशन किसी काम का नहीं है.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने सोमवार को कहा था कि हाल में दिल्ली में खेल रहे श्रीलंकाई क्रिकेटरों के चेहरे पर मास्क देखकर उन्होंने शर्म महसूस हुई. उन्होंने दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार से कहा था कि वह शहर में प्रदूषण रोकने के लिए कदम उठाए.
ममता ने कहा, स्वच्छ मिशन से क्या भला हुआ है दिल्ली में श्रीलंकाई खिलाड़ी मास्क लगाकर खेल रहे हैं. राजनीतिक प्रदूषण से लेकर मौसमी प्रदूषण तक, दिल्ली सभी की नुमाइंदगी करती हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोगों को खाते वक्त और घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना पड़ता है.
ममता ने कहा, नेताओं को भी बात करते वक्त मास्क की जरूरत है… परोपकार तो घर से ही शुरू होता है. पहले अपना घर ठीक करें, फिर दूसरी जगहों के बारे में सोचें.