नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं के नफ़रत फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ भारतीय निर्वाचन आयोग की कार्रवाई में विफलता को लेकर देश के नागरिक समाज संगठनोंं ने शनिवार (11 मई) को ‘#GrowASpineOrResign’ कैंपेन की शुरुआत की.
द साउथ फर्स्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस कैंपेने के तहत अहमदाबाद, हैदराबाद, मुंबई, बेंगलुरु, मैसूर के लोगों और नागरिक समाज संगठनों ने चुनाव आयोग को पोस्टकार्ड भेजने का फैसला किया है. इसमें नफ़रती भाषण देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी और इस मामले में चुनाव आयोग की कथित विफलता के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा.
इस संबंध में दिल्ली के लोगों ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पोस्टकार्ड देने के लिए व्यक्तिगत रूप से जाने का फैसला किया है.
मालूम हो कि चुनाव आयोग लोकसभा चुनावों के दौरान कड़ी आलोचनाओं का सामना कर रहा है. आयोग पर चुनावी भाषणों के इस दौर में केवल विपक्षी नेताओं के खिलाफ ‘कार्रवाई’ करने और आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामलों में ‘पक्षपातपूर्ण तरीके’ से काम करने के आरोप लग रहे हैं.
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A nationwide call to remind the Election Commission of India of its Constitutional duties and awaken its conscience if any.🗓️ 11 May 2024
🕚 11 am#GrowASpineOrResign pic.twitter.com/xdN5E0sf6h
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) May 10, 2024
आयोग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल ही में राजस्थान की एक रैली में मुस्लिम विरोधी भाषण देने के मामले में भी चुप्पी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. कई शिकायतों और अभ्यावेदन के बावजूद, चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के खिलाफ इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. काफ़ी टाल-मटोल के बाद जब मामले मे तूल पकड़ लिया, तो आख़िर में आयोग ने मोदी को निर्देशित करने के बजाय भाजपा के अध्यक्ष जे.पी.नड्डा को नोटिस भेज दिया. ऐसे नोटिस आमतौर पर नफ़रत फैलाने वाले भाषण देने वाले व्यक्ति को सीधे भेजे जाते हैं.
चुनाव के पहले दो चरणों में मतदाता मतदान के आंकड़ों को जारी करने में देरी को लेकर भी आयोग सवालों के घेरे में है. आयोग ने इन चुनावों के आंकड़ें केवल प्रतिशत के संदर्भ में दिए न कि व्यक्तियों के. आयोग ने इस पर उठ रही चिंताओं पर जवाब देने के बजाय इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के लिखे एक पत्र को निराधार बताया दिया.
इन तमाम मुद्दों को लेकर GrowASpineOrResign’ अभियान में कई नागरिक समाज संगठनों ने शामिल होने की बात कही है. इसमें नेशनल अलायंस फॉर पीपुल्स मूवमेंट्स, बहुत्व कर्नाटक, ऑल इंडिया लॉयर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस, भारत बचाओ आंदोलन और इंडियन मुस्लिम्स फॉर सेक्युलर डेमोक्रेसी के नाम शामिल हैं.