नई दिल्ली: खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में कनाडाई पुलिस ने शनिवार (11 मई) को चौथे संदिग्ध भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया है. इससे पहले इस हाई-प्रोफाइल मामले में जांचकर्ताओं ने तीन मई को तीन अन्य भारतीयों को गिरफ्तार किया था. निज्जर हत्या मामले के चलते भारत और कनाडा के संबंधों में लगातार तनाव देखने को मिल रहा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय नागरिक के रूप में पहचाने गए आरोपी अमरदीप सिंह (22) का ब्रैंपटन, ओंटेरियो, सरे और ब्रिटिश कोलंबिया के एबॉट्सफोर्ड शहर में आना-जाना लगा रहता था. अमरदीप पर फर्स्ट डिग्री हत्या व हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है.
मालूम हो कि 45 वर्षीय हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी.
इस गिरफ्तारी को लेकर इंटेग्रेटेड होमिसाइड इंवेस्टिगेशन टीम (आईएचआईटी) ने कहा कि अमरदीप सिंह को निज्जर की हत्या में उनकी भूमिका के लिए 11 मई को गिरफ्तार किया गया है. आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि वह पहले से ही अवैध तरीके से हथियार रखने के एक अन्य मामले में पील रीजनल पुलिस (पीआरपी) की हिरासत में था, जिसका निज्जर हत्याकांड से संबंध नहीं है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, आईएचआईटी के प्रभारी अधिकारी अधीक्षक मंदीप मुकर ने बताया, ‘यह गिरफ्तारी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भूमिका निभाने वालों को जिम्मेदार ठहराने के लिए हमारी चल रही जांच की प्रकृति को दर्शाती है.’
पुलिस के बयान में कहा गया है कि आईएचआईटी ने सबूतों का पता लगाया और ब्रिटिश कोलंबिया अभियोजन सेवा के लिए अमनदीप सिंह पर फर्स्ट डिग्री हत्या और हत्या की साजिश का आरोप लगाने के लिए पर्याप्त जानकारी प्राप्त की.’
जांचकर्ताओं ने आगे ये भी कहा कि चल रही जांच और अदालती प्रक्रियाओं के कारण गिरफ्तारी का कोई और विवरण साझा नहीं किया जा सकता है.
ज्ञात हो कि इससे पहले, आईएचआईटी के जांचकर्ताओं ने तीन मई को निज्जर की हत्या के आरोप में तीन अन्य भारतीयों करण बरार (22 वर्षीय), कमलप्रीत सिंह (22 वर्षीय) और करनप्रीत सिंह (28 वर्षीय) को गिरफ्तार किया था.
एडमंटन में रहने वाले ये तीनों भारतीय नागरिक हैं और उन पर भी फर्स्ट डिग्री हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है.
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारतीय एजेंटों पर निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. इसके बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव आ गया था. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ बताते हुए खारिज कर दिया था. निज्जर अलगाववादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था.
भारत के खिलाफ कनाडा सरकार द्वारा लगाए आरोपों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को काफी प्रभावित किया है. फलस्वरूप, कनाडा ने मुक्त व्यापार चर्चा और व्यापार संबंधी मिशन को निलंबित कर दिया था. दूसरी ओर, भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीज़ा सेवा भी बंद कर दी थी. हालांकि, एक महीने बाद इसे फिर से शुरू कर दिया गया.
इसके अलावा, भारत सरकार ने देश में कनाडा से अपनी राजनयिक उपस्थिति में कटौती करने के लिए भी कहा था, जिसके कारण ओटावा को 40 से अधिक राजनयिकों को वापस बुलाना पड़ा था. इस महीने की शुरुआत में कनाडा ने स्थानीय कर्मचारियों की संख्या में कटौती करके अपनी उपस्थिति को और कम कर दिया है.
भारत इस बात पर लगातार जोर देता रहा है कि कनाडा के साथ उसका ‘ प्रमुख मुद्दा’ उस देश में अलगाववादियों, आतंकवादियों और भारत विरोधी तत्वों को दी गई जगह का है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि खालिस्तानी अलगाववादी तत्वों को राजनीतिक प्रश्रय देकर कनाडा सरकार यह संदेश दे रही है कि उसका वोट बैंक उसके कानून के शासन से ‘अधिक शक्तिशाली’ है.
गुरुवार को पीटीआई को दिए एक विशेष साक्षात्कार में जयशंकर ने कहा कि भारत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करता है और उसका पालन करता है, लेकिन यह विदेशी राजनयिकों को धमकी देने, अलगाववाद को समर्थन देने या हिंसा की वकालत करने वाले तत्वों को राजनीतिक प्रश्रय देने की स्वतंत्रता नहीं है.
पंजाब के सिख प्रवासियों के बीच खालिस्तानी समर्थकों का जिक्र करते हुए उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई कि कैसे संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले लोगों को कनाडा में प्रवेश करने और रहने की अनुमति दी जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘किसी भी नियम-आधारित समाज में, आशा की जाती है कि वहां आने वाले लोगों की पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी, वे कैसे आए, उनके पास कौन-सा पासपोर्ट था आदि.’
जयशंकर ने आगे कहा, ‘यदि आपके पास ऐसे लोग हैं जिनकी उपस्थिति बहुत ही संदिग्ध दस्तावेजों पर थी, तो यह आपके बारे में क्या दर्शाता है? यह वास्तव में कहता है कि आपका वोट बैंक वास्तव में आपके कानून के शासन से अधिक शक्तिशाली है.’