नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से चार साल पहले अनुच्छेद 370 हटने के बाद सोमवार (13मई) को पहली बार घाटी में किसी बड़ी चुनावी प्रक्रिया के तहत वोट डाले जा रहे हैं. इस बीच श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र से कई लोगों को हिरासत में लेने की खबर सामने आई है.
द मिंट की खबर के मुताबिक,नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पिछले दो दिनों से हिरासत में लिया गया है.
फारूक अब्दुल्ला ने घाटी में सामान्य स्थिति के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दावों पर सवाल उठाया.
उन्होंने कहा, ‘यह दुखद है कि वे कहते हैं कि कोई हिंसा नहीं है और सब कुछ सही है, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि हमारे पार्टी कार्यकर्ता को 2 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है, एक तरफ वे कह रहे हैं कि चुनाव स्वतंत्र माहौल में हो रहा है. मैं केंद्रीय गृह मंत्री और पीएम मोदी से पूछना चाहता हूं हमारे कार्यकर्ताओं को क्यों बंद कर दिया गया? क्या वे डरे हुए हैं कि वे हार जाएंगे?’
मालूम हो कि मतदान से एक दिन पहले रविवार (12 मई) को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ने पुलिस और प्रदेश प्रशासन पर पक्षपात करने और उनके कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. उनका कहना था कि प्रशासन उनके विरोधियों की मदद कर रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिए जाने की बात स्वीकारी है. लेकिन उनका कहना है कि पुलिस चुनाव से पहले ‘आतंकवाद और अलगाववाद से जुड़े पृष्ठभूमि वाले उपद्रवियों और संभावित अपराधियों’ के खिलाफ ‘पार्टी संबद्धता की परवाह किए बिना’ कार्रवाई कर रही है.
हालांकि, पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या नहीं बताई है.
ज्ञात हो कि मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस बार कश्मीर में लोकसभा का चुनाव ही नहीं लड़ रही है. विपक्षी दल एनसी और पीडीपी का कहना है कि भाजपा का यह फैसला अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को लेकर यहां लोगों के बीच फैले ग़ुस्से की वजह से है. .
कश्मीर के तीन निर्वाचन क्षेत्रों में से एक, श्रीनगर का चुनाव तमाम आरोपों-प्रत्योरोपों के बीच हो रहा है, जिसमें भाजपा पर उसके घाटी के सहयोगियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लग रहा है.
चुनाव से एक दिन पहले रविवार को श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार और पीडीपी के युवा नेता वहीद पार्रा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक शीर्ष पुलिस अधिकारी को लेकर आरोप लगाया कि वे कथित तौर पर उनके कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर, उन्हें परेशान कर मतदान प्रतिशत कम करने का निर्देश दे रहे थे.
In the past, Kashmir has experienced boycotts at the behest of separatists. Today, we’re witnessing a similar scenario, with an IPS officer of ADGP rank, Mr. Vijay Kumar, allegedly directing officials to minimize voter turnout by detaining, harassing our workers. Such actions…
— Waheed Para (@parawahid) May 12, 2024
रविवार को ही भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को लिखे एक पत्र में पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा ने अज्ञात सुरक्षा एजेंसियों पर ‘पुलवामा और शोपियां जिलों में पीडीपी कार्यकर्ताओं पर छापेमारी करने और उन्हें परेशान करने” का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा, ‘कई पार्टी (पीडीपी) सदस्यों, समर्थकों और कार्यकर्ताओं को बिना किसी कारण के मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया है, जाहिर तौर पर सार्वजनिक रैलियां आयोजित करने और मतदान को प्रोत्साहित करने के उनके प्रयासों की सजा दी जा रही है.’
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर उम्मीदवार और प्रभावशाली शिया मौलवी रुहुल्ला मेहदी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को बडगाम जिले के चरारी शरीफ, खानसाहब और चादूरा विधानसभा क्षेत्रों में हिरासत में लिया है, जो श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है.
रूहुल्लाह ने एक पत्र में चुनाव आयोग को हिरासत में लेने का मुद्दा भी उठाया, जिसमें कहा गया कि पार्टी के चार कार्यकर्ताओं को चरारी शरीफ पुलिस ने शनिवार रात हिरासत में लिया था, जबकि चार अन्य कार्यकर्ताओं को तुलमुल्ला थाने द्वारा पूछताछ के लिए आने के लिए कहा गया.
Our workers are being picked up by the police since yesterday. I got a call from a senior colleague like A R Rather sb informing me about the arrests of our workers from Chrarsharif. Similar calls from the colleagues from Khansahab and Chadoora. Would the @ECISVEEP please care to…
— Ruhullah Mehdi (@RuhullahMehdi) May 12, 2024
रूहुल्लाह ने अपने पत्र में कहा, ‘यह हिरासत में लिए गए लोगों की पूरी सूची नहीं है और इसकी संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. कुछ लोगों के हिरासत में लिए जाने की जानकारी हमारे पास नहीं है. इसके अलावा, हमें सूचना मिली है कि पुलिस ने अन्य प्रमुख जेकेएनसी कार्यकर्ताओं की तलाश शुरू कर दी है, जिससे स्थानीय आबादी में व्यापक दहशत और डर का माहौल पैदा हो गया है.’
हालांकि, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस आरोपों का तत्काल प्रभाव से खंडन किया. लेकिन पुलिस ने अज्ञात संख्या में लोगों को हिरासत में लेने की बात स्वीकार की.
Statements and speculations of political parties suggesting that Police has been harassing their party workers in different ways at the behest of the other is without basis. J&K Police is committed to enforcing the law and the MCC guidelines pertaining to security in furtherance…
— J&K Police (@JmuKmrPolice) May 12, 2024
एक ओर इस मामले को लेकर एनसी, पीडीपी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच जबानी जंग जारी ही थी कि जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने एनसी और पीडीपी के इशारे पर जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा उनके हजारों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने का आरोप लगा दिया. हालांकि उन्होंने हिरासत में लिए गए लोगों के नाम नहीं बताए.
अल्ताफ बुखारी घाटी में भाजपा के सहयोगी हैं. उन्होंने रविवार को अपने श्रीनगर आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘मैं चुप नहीं रहूंगा. इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी शामिल हैं. उनकी जम्मू-कश्मीर प्रशासन में गहरी जड़ें हैं.’
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में चल रहे संसदीय चुनाव आगामी विधानसभा चुनावों के लिए माहौल तैयार करेंगे, जिसके दस साल के अंतराल के बाद सितंबर तक होने की संभावना है. जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था, जिसमें पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार बनी थी.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा, ‘लोकसभा चुनाव नेशनल कॉन्फ्रेंस और अन्य पार्टियों के हर विधानसभा क्षेत्र को प्रभावित करेगा. यह चुनाव जीतने वालों के साथ ही और हारने वालों पर और भी अधिक असर डालेगा. हमें उम्मीद है कि (विधानसभा) चुनाव सितंबर तक पूरा हो जाएगा.’