नई दिल्ली: लोकप्रिय भारतीय मसाला ब्रांड एमडीएच के कुछ उत्पादों को अमेरिका ने बीते वर्षों में लगातार अपने देश में आने से रोका है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिका के खाद्य सुरक्षा विभाग ‘फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन’ (एफडीए) के डेटा का विश्लेषण किया है.
रॉयटर्स ने अपने विश्लेषण में पाया है कि साल 2021 से ही एमडीएच के अमेरिकी शिपमेंट का औसतन 14.5% अस्वीकार किया गया है. अमेरिका ने ऐसा एमडीएच के मसालों में कथित तौर पर बैक्टीरिया की मौजूदगी के कारण किया है.
एमडीएच और एवरेस्ट के उत्पाद लगातार सवालों के घेरे में हैं. हांगकांग और सिंगापुर के खाद्य सुरक्षा विभाग ने एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसालों की खरीद-बिक्री रोकने को कहा था. इन मामलों के सामने आने के बाद यूएस एफडीए ने भी एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों की जांच शुरू कर दी है.
हालांकि, नवीनतम जांच से पहले ही एमडीएच के मसालों में साल्मोनेला (बैक्टीरिया) पाए जाने के कारण अमेरिका में बिक्री से रोक दिया गया था. साल्मोनेला इंसानों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल नामक बीमारी का कारण बन सकता है.
एमडीएच ने अपने मसालों को बताया सुरक्षित
यूएस एफडीए के डेटा से उठे सवालों के जवाब में एमडीएच के प्रवक्ता ने कंपनी के उत्पादों को सुरक्षित बताया है. प्रवक्ता ने तर्क दिया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में एमडीएच के एक प्रतिशत से भी कम अमेरिकी शिपमेंट अस्वीकृत हुए हैं. यूएस एफडीए और स्पाइस बोर्ड ने रॉयटर्स के विश्लेषण पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
इससे पहले हांगकांग और सिंगापुर के खाद्य सुरक्षा विभाग ने एमडीएच और एवरेस्ट के मसालों में कथित कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की अधिक मात्रा पाए जाने का दावा किया था. लेकिन दोनों कंपनियों ने अपने उत्पादों को सुरक्षित बताया था.
एमडीएच ने कहा था कि उनकी कंपनी मसालों को बनाने, पैक करने या स्टोर करने के किसी भी चरण में एथिलीन ऑक्साइड का उपयोग नहीं करती है. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और भारत के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं. दोनों ब्रांड भारत में लोकप्रिय हैं और दुनिया भर में निर्यात किए जाते हैं.
विदेशों में सबसे ज्यादा भारत के मसाले
भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसाला उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है. सिय्योन मार्केट रिसर्च का अनुमान है कि 2022 में भारत का घरेलू मसाला बाजार 10.44 बिलियन डॉलर का था. स्पाइस बोर्ड के मुताबिक, भारत ने 2022-23 में 400 करोड़ डॉलर के उत्पादों का निर्यात किया था. हालिया विवादों के बाद स्पाइस बोर्ड गुणवत्ता मानकों के अनुपालन के लिए एमडीएच और एवरेस्ट के उत्पादों की जांच कर रहा है, लेकिन परिणाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं.