नई दिल्ली: उत्तराखंड के बद्रीनाथ में पुजारियों और स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन द्वारा चारधाम यात्रा के कथित कुप्रबंधन के खिलाफ सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, विरोध में हिमालय मंदिर में दुकानें बंद रखी गईं और पंडा समुदाय और स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए.
आंदोलनकारियों ने बद्रीनाथ में वीआईपी ‘दर्शन’ व्यवस्था बंद करने, स्थानीय लोगों के लिए पारंपरिक मार्गों से बैरिकेड हटाने और पहले की तरह मंदिर में प्रवेश की सुविधा देने सहित अपनी आधा दर्जन से अधिक मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
बाद में आंदोलनकारियों और मंदिर समिति के पदाधिकारियों के बीच हुई बातचीत के बाद सड़कों से बैरिकेडिंग हटा दिए गए.
जोशीमठ के उपजिलाधिकारी चन्द्रशेखर वशिष्ठ ने कहा कि आंदोलनकारियों की अन्य मांगों के बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है.
इसी बीच, आंदोलनकारियों की वीआईपी ‘दर्शन’ व्यवस्था बंद करने की मांग पर मंदिर समिति के उपाध्यक्ष किशोर पंवार ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश पर यह व्यवस्था अभी तक शुरू नहीं की गई है. श्रद्धालुओं के जबरदस्त उत्साह को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर अगले 15 दिनों तक चारधाम दर्शन के लिए वीआईपी को आने की अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया है.
चारधाम यात्रा बीते 10 मई को शुरू हुई थी.
इससे एक दिन पहले तीर्थयात्रियों, पुजारियों और स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया था और कुछ समय के लिए बाजार और दुकानें बंद रखीं, जिससे तीर्थयात्रियों को असुविधा हुई.
बताया गया है कि केदारनाथ और बद्रीनाथ के मास्टर प्लान के नाम पर कथित अनियमितताओं को लेकर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ गुस्सा है.
बद्रीनाथ तीर्थ पुरोहित संगठन से जुड़े परवीन ध्यानी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए आरोप लगाया कि पंडा समुदाय के एक दर्जन से अधिक सदस्यों के घर तोड़ दिए गए हैं. दूसरी ओर, मंदिर समिति द्वारा वीआईपी ‘दर्शन’ के नाम पर अराजकता पैदा की गई है और स्थानीय लोगों के घरों तक जाने वाले मुख्य पैदल मार्ग को बंद कर दिया गया है.
ध्यानी ने कहा, ‘हालांकि आंदोलन के बाद प्रशासन ने पैदल रास्तों से बैरिकेड हटा दिए और वीआईपी दर्शन के लिए काउंटर भी बंद कर दिए.’
उधर, उपजिलाधिकारी ने बताया कि आंदोलनकारियों से वार्ता के बाद बामणी गांव की ओर जाने वाली सड़क से अवरोध हटा दिया गया है, जबकि उनकी अन्य मांगों से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है.
खबरों के अनुसार, इस विरोध प्रदर्शन के बाद बद्रीनाथ में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था ख़त्म कर दी गई है.