मध्य प्रदेश: इंदौर नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी दस्ते की नई वर्दी सेना जैसी होने पर विवाद

इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस मामले पर कहा है कि विशेष ड्रेस कोड से अनुशासन के साथ एकरूपता रहेगी, अभद्रता या विवाद की स्थिति नहीं बनेगी, जबकि कांग्रेस ने इसे सेना का अपमान करार दिया है.

(फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: इंदौर नगर निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते की नई वर्दी पर विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने इसे ‘सेना की वर्दी’ बताते हुए आरोप लगाया है कि नगर निगम के ‘भ्रष्ट’ कर्मचारी इस पोशाक को पहनकर सेना का अपमान कर रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इस मामले पर कहा है कि विशेष ड्रेस कोड से अनुशासन के साथ एकरूपता रहेगी, अभद्रता या विवाद की स्थिति नहीं बनेगी. उन्होंने आगे कहा, ‘इसे सेना की वर्दी से जोड़ना गलत है. सेना की वर्दी और चिह्न कोई अन्य पहन ले तब अपराध है, लेकिन उसी रंग का ड्रेस पहनना अपराध नहीं है.’

बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए इंदौर नगर निगम में विपक्ष के नेता चिंटू चौकसे ने कहा, ‘नगर निगम प्रशासन ने अतिक्रमण निरोधक दस्ते के कर्मचारियों के लिए सेना की वर्दी का चयन करके सेना का अपमान किया है. ये कर्मचारी ठेले और रेहड़ी-पटरी वालों से जबरन वसूली के लिए कुख्यात हैं.’

चौकसे ने कहा कि दस्ते के सदस्यों द्वारा ‘सेना जैसी’ वर्दी पहनना गैरकानूनी है और नगर निगम को इन कर्मचारियों के लिए ऐसी पोशाक चुनने के अपने फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए.

उन्होंने मेयर पुष्यमित्र भार्गव से इस्तीफा देने की मांग की, और सेना का अपमान करने के लिए निगम आयुक्त शिवम वर्मा को पद से हटाने की सिफारिश की.

निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी दस्ते के कर्मचारियों के लिए नई वर्दी का चयन अनुशासन और उनकी पोशाक में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए किया गया था. उन्होंने आगे कहा, ‘अगर किसी को इस वर्दी पर कोई आपत्ति है तो हम इसकी जांच करेंगे और नियमों के मुताबिक उचित कार्रवाई करेंगे.’

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 140 के अनुसार कोई भी व्यक्ति अगर सेना की वर्दी जैसा कुछ पहनता है तो उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है.