ईरान: हेलिकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री का निधन

ईरान के सरकारी मीडिया के अनुसार, राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी रविवार (19 मई) को अजरबैजान में किज़ कलासी और खोदाफरिन बांध का उद्घाटन करने गए थे. ये हादसा समारोह से लौटते समय हुआ. विमान में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन समेत कई अन्य लोग भी सवार थे.

ईरान के राष्ट्रपति के क्षतिग्रस्त विमान का मलबा पहाड़ियों में मिला है. (फोटो साभार: IRNA न्यूज एजेंसी)

नई दिल्ली: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है. ईरान की सरकारी मीडिया के अनुसार, इस हादसे में ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन समेत हेलिकॉप्टर में सवार अन्य लोगों की भी मौत हो गई है.

रिपोर्ट के मुताबिक ईरान के सरकारी मीडिया ने कहा कि दुर्घटना का शिकार हुए हेलिकॉप्टर से ‘किसी के बचने के कोई संकेत’ नहीं मिले हैं. इस दुर्घटना की खबर रविवार (19 मई) को आई थी, लेकिन मौत की पुष्टि सोमवार (20 मई) को मलबा मिलने के बाद हुई है.

ये जानकारी बचावकर्मियों के सोमवार को दुर्घटनास्थल, जहां रईसी का हेलिकॉप्टर गिरा था, का पता लगाने के कुछ मिनटों के भीतर आई. बताया गया है कि मौसम खराब होने के चलते घटनास्थल तक पहुंचने में बचावकर्मियों को काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी थी.

एक ईरानी अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि दुर्घटना में हेलिकॉप्टर पूरी तरह से जल गया था और दुर्भाग्य से इसमें सवार सभी यात्रियों के मारे जाने की आशंका है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताई चिंता

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (19 मई) को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर की ‘हार्ड लैंडिंग’ के संबंध में रिपोर्टों पर गहरी चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि संकट की इस घड़ी में भारत ईरानी लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है.

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था, ‘आज राष्ट्रपति रईसी की हेलिकॉप्टर उड़ान के संबंध में रिपोर्टों से बेहद चिंतित हूं. संकट की इस घड़ी में हम ईरानी लोगों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और राष्ट्रपति और उनके दल की स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हैं.’

इस संबंध में ईरान के आंतरिक मंत्री अहमद वाहिदी ने बताया कि राष्ट्रपति रईसी रविवार (19 मई) को अजरबैजान में किज़ कलासी और खोदाफरिन बांध का उद्घाटन करने गए थे. ये हादसा समारोह से लौटते समय हुआ.

राईसी के साथ तीन हेलीकॉप्टरों का काफिला था. दो अन्य हेलीकॉप्टर सुरक्षित अपने गंतव्य पर पहुंच गए, जबकि राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर लापता हो गया. रविवार तक घटनास्थल की सटीक जानकारी सामने नहीं आई थी. रविवार को घटना से संबंधित क्षेत्र में 46 से अधिक बचाव और राहत दल भेजे गए थे, लेकिन मौसम के चलते वे सोमवार तड़के घटनास्थल पर पहुंचे.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खामेनेई ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद दिए पहले बयान में कहा था कि ईरान का प्रशासन इस हादसे से प्रभावित नहीं होगा. देश के नाम संदेश में खामेनेई ने ईरान के लोगों से कहा है कि लोग चिंता न करें, सरकार के काम प्रभावित नहीं होंगे.

राष्ट्रपति की मौत के बाद कौन संभालेगा सत्ता?

ईरानी संविधान के अनुच्छेद 131 के अनुसार, यदि राष्ट्रपति पद अपने पर बने रहने में असमर्थ है या उसकी मृत्यु हो जाती है, तो सबसे पहले उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति का पद ग्रहण करेगा. लेकिन, राष्ट्रपति के मृत घोषित होने के दिन से ही वह नए राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी करने के लिए बाध्य होंगे.

इसका अर्थ है इब्राहिम रईसी की मौत के बाद सत्ता उपराष्ट्रपति मोहम्मद मुखबर के पास चली जाएगी. मगर वहां जल्द ही चुनाव फिर से करवाए जाएंगे.

भारत और ईरान के आपस में मजबूत संबंध हैं. हाल ही में दोनों देशों ने चाबहार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके अलावा भारत ने ब्रिक्स मंच के लिए ईरान की सफल उम्मीदवारी का भी समर्थन किया था.

गौरतलब है कि जैसे ही ईरान के राष्ट्रपति के हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त की खबरें सामने आईं, कई देशों ने इस खोज अभियान में सहायता की पेशकश की.

ईरान के अनुरोध पर यूरोपीय संघ के संकट प्रबंधन प्रमुख जेनेज़ लेनारसिक ने आपातकालीन मानचित्रण सेवाएं प्रदान करने के लिए अपने कोपरनिकस उपग्रह प्रणाली को सक्रिय करने की घोषणा की.

इस मौके पर सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा कि राज्य इन कठिन परिस्थितियों में ईरान के साथ खड़ा है और ईरानी अधिकारियों के किसी भी तरह की सहायता के लिए तैयार है.

अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा कि वह घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रखे हुए है, लेकिन इस समय कुछ और कहने की स्थिति में नहीं है.

गौरतलब है कि रईसी को एक कट्टरपंथी रूढ़िवादी नेता के तौर पर देखा जाता है. उन्होंने जून 2021 में ईरान की सत्ता संभाली थी. वो ईरान के सर्वोच्च नेता के करीबी माने जाते थे, जिनका कार्यालय ईरान में अंतिम राजनीतिक और धार्मिक अधिकार रखता है.