नई दिल्ली: किसानों ने पटियाला के शंभू रेलवे स्टेशन पर एक महीने से चल रहे ‘रेल रोको’ प्रदर्शन को स्थगित करने की घोषणा करते हुए कहा कि अब वे अपना विरोध जारी रखने के लिए पंजाब और हरियाणा में भाजपा नेताओं के आवासों का घेराव’ करेंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान ‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन के दौरान हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन किसानों की रिहाई की मांग को लेकर 17 अप्रैल से शंभू रेलवे स्टेशन पर रेल ट्रैक पर बैठे हुए थे.
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम अन्य मांगों के अलावा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी पर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं.
13 फरवरी को सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर मार्च रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी किसान अभी भी शंभू और खनौरी सीमाओं पर मौजूद हैं.
सोमवार को किसान नेता सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि वे पटियाला में ‘रेल रोको’ आंदोलन को रोक रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने तीन किसानों की रिहाई के लिए दबाव बनाने के लिए आने वाले दिनों में पंजाब और हरियाणा में भाजपा नेताओं के आवासों का ‘घेराव’ करने का फैसला किया है.
फूल ने यह भी कहा कि उन्होंने 22 मई को शंभू, खनौरी, डबवाली और रतनपुरा में चल रहे आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त किसान मोर्चा के समन्वयक जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ‘कुछ भाजपा नेता किसानों के खिलाफ बदनामी अभियान में लगे हुए हैं. अब उनके केंद्रीय नेता प्रचार के लिए पंजाब आ रहे हैं. इसलिए, शंभू और खनौरी में अपने विरोध प्रदर्शन के साथ हम भाजपा स्टार प्रचारकों के दौरे के स्थानों पर भी विरोध प्रदर्शन करेंगे.’
भाकियू (शहीद भगत सिंह) नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने कहा, ‘अब हमारी रणनीति पंजाब और हरियाणा में प्रमुख भाजपा नेताओं के घरों के बाहर धरना शुरू करने की है. उनके नामों की घोषणा 22 मई को शंभू सीमा पर एक विरोध रैली में की जाएगी, जब आंदोलन के 100 दिन पूरे हो जाएंगे.’
केएमएम समन्वयक सरवन सिंह पंधेर ने कहा, ‘किसान अधूरे वादों को लेकर 23 मई और 24 मई को पटियाला, जालंधर और गुरदासपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं. अगर रोका गया तो हम आगे की कार्रवाई तय करेंगे.’
‘रेल रोको’ आंदोलन से ट्रेनें प्रभावित हुईं
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अंबाला रेलवे डिवीजन कार्यालय के अनुसार, 20 मई शाम 4.25 बजे तक ट्रैक खाली कर दिए गए थे और 4.35 बजे तक उन ट्रैकों पर ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू कर दी गईं. रेलवे अधिकारियों ने कहा कि पिछले 34 दिनों में मेल एक्सप्रेस/पैसेंजर ट्रेनों सहित 2,210 ट्रेनें रद्द कर दी गईं, जबकि 2,227 ट्रेनों का मार्ग बदला गया.
उन्होंने कहा कि 787 मालगाड़ियों का मार्ग बदलना पड़ा, जबकि 431 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट और शॉर्ट-ऑरिजिनेट करना पड़ा। 431 ट्रेनों में से 209 ट्रेनें शॉर्ट-ऑरिजिनेट हुईं और 222 ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट हुईं.
अधिकारियों ने कहा, ‘इस अवधि के दौरान ट्रेनें लुधियाना-राजपूत-अंबाला छावनी के मूल मार्ग के बजाय लुधियाना-साहनेवाल-चंडीगढ़-अंबाला छावनी मार्ग पर चल रही थीं. कई ट्रेनें कई घंटों की देरी से चल रही हैं.’