नई दिल्ली: भारतीय निर्वाचन आयोग ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में भी पहले की तरह वास्तविक मतदाता संख्या नहीं, बल्कि ‘अनुमानित मत प्रतिशत’ का आंकड़ा बताया है.
इससे पहले भी चार चरणों के तहत हुए मतदान के लिए आयोग ने वोटरों की वास्तविक संख्या का डेटा जारी नहीं किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, पांचवें चरण में ‘रात 11:30 बजे तक लगभग 60.09 प्रतिशत मतदान’ दर्ज किया गया था. इसके अलावा आयोग द्वारा कहा गया कि ये आंकड़े तात्कालिक हैं और आगे अपडेट किए जा सकते हैं.
इससे पहले चुनाव आयोग ने पांचवें चरण में हुए 49 सीटों के लिए मतदान को लेकर शाम 7.45 पर पहला प्रेस नोट जारी किया था, जिसमें 57.47 प्रतिशत ‘अनुमानित मत प्रतिशत’ बताया गया था.
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान हुआ था. सबसे ज्यादा मतदान पश्चिम बंगाल में 74.65 प्रतिशत दर्ज किया गया. 1970 के बाद से यहां भारत के अन्य हिस्सों की तुलना में मतदान प्रतिशत हमेशा अधिक रहा है. इस चरण में सबसे कम महाराष्ट्र में 54.3 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया. यहां 13 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले गए थे. इसी चरण के साथ इस राज्य में अब सभी सीटों के लिए मतदान पूरा हो गया है.
मालूम हो कि भारत में कुल 543 लोकसभा सीटें हैं, जिसमें से एक सूरत में, भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को पहले ही निर्विरोध चुना जा चुका है. पांचवें चरण के चुनाव के बाद देश के पच्चीस राज्यों में अब वोट डालने की प्रक्रिया पूरी हो गई है. अब तक 428 सीटों के लिए मतदान हो चुका हैं.
इस बार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बारामूला में पिछले साढ़े तीन दशकों में सबसे अधिक मतदान दर्ज किया गया. आयोग के देर रात आए आंकड़ों के अनुसार, यहां 56.73 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.
इस चरण में बिहार, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से कुल 695 उम्मीदवार मैदान में थे.
आयोग के मुताबिक जारी किए गए मत प्रतिशत के आंकड़े ‘तत्कालिक’ थे. ये डेटा ईसीआई वोटर टर्नआउट ऐप पर भी उपलब्ध होंगे.
चुनाव आयोग ने कहा है कि वह जांच के बाद और पुनर्मतदान की संख्या/शेड्यूल के आधार पर, 24 मई तक लिंगवार विवरण के साथ अपडेटेड मतदाता मत प्रतिशत प्रकाशित करेगा. पहले चरण में, अपटेड किया हुआ डेटा 11 दिनों के बाद आया था, लेकिन इसके बाद के चरणों के आंकड़े चार दिन बाद ही जारी कर दिए गए थे.
आयोग के मुताबिक मुंबई, ठाणे, नासिक और लखनऊ जैसे शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं में उदासीनता देखी जा रही है, जैसा पिछले 2019 के चुनाव में भी देखा गया था. आयोग का कहना है कि उसने इस बार मतदान प्रतिशत बढ़ाने की पूरी कोशिश की है, बावजूद इसके कई जगहों से ‘खराब प्रबंधन’, मतदाता को परेशान करने जैसी शिकायतें सामने आई हैं.
महाराष्ट्र में हुए चुनावों को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने चुनाव आयोग को संबोधित करते हुए कहा कि आयोग का प्रबंधन बेहद ख़राब है. एक राष्ट्र, एक चुनाव का दावा करने वाली एजेंसी एक निर्वाचन क्षेत्र में भी सुचारू चुनाव प्रक्रिया नहीं चला सकती, पूरे शहर को तो भूल ही जाइए.
आदित्य ठाकरे के मुताबिक, ‘मतदाताओं ने गर्मी, बूथों पर घुटन और जानबूझकर धीमी गति से मतदान के बारे में शिकायत की है, खासकर चुनिंदा निर्वाचन क्षेत्रों में. कई बूथों पर वरिष्ठ नागरिकों और गर्भवती महिलाओं के लिए अलग लाइन भी नहीं थी. पंखे, पानी की कमी से लोगों में गुस्सा था. मुंबईवासी वोट देने के लिए बाहर निकले, लेकिन आयोग के खराब प्रबंधन/उद्देश्यपूर्ण मतदाता दमन के तरीकों ने उन्हें बूथों से दूर रखने की कोशिश की. फिर भी लोगों ने मतदान किया! ये, मुंबई है!’
गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, आंध्र प्रदेश की राज्य विधानसभाओं और ओडिशा राज्य की विधानसभा की 63 विधानसभा सीटों के लिए भी मतदान पूरा हो गया है.
अगले चरण (छठे चरण) का मतदान 25 मई, शनिवार को आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 58 संसदीय क्षेत्रों में होना है. इसमें अनंतनाग-राजौरी में मतदान भी शामिल है, जिसे पहले स्थगित कर दिया गया था.